
हमें दर्द है पर जताता नहीं हूँ,
मिरे ज़ख्म सबको दिखाता नहीं हूँ।
मुझे आज तुम आइना मत दिखाओ,
परेशाँ हूँ मैं अब भी टूटा नहीं हूँ।
तुम्हें मांग लूँगा ख़ुदा से दुबारा,
मैं तेरा हूँ तेरा किसी का नहीं हूँ।
अगर ज़िन्दगी इम्तहाँ ले रही है,
तो मैं भी कसौटी से डरता नहीं हूँ।
बुझा दीजिये इन चिरागों की लौ भी,
अंधेरों से मैं खौफ़ खाता नहीं हूँ।
हैं गुमनामियों में सितारे हमारे,
बुलंदी के सूरज को भूला नहीं हूँ।
अगर फासले हो गए तो खफा क्यों,
मिरे यार मैं तुमसे रूठा नहीं हूँ।
हवा दो अभी सांस बांकी है मुझमें ,
अभी जंग जारी है हारा नहीं हूँ ।
कभी गेसुओं को उलझने न देना,
तिरी रूह में हूँ बहारी नहीं हूँ।
कई चाँद सूरज तेरे मुन्तजिर हैं,
तलबगार हूँ तेरा भिखारी नहीं हूँ।
जरुरत ने पाबंदियां ओढ़ ली हैं,
हूँ 'अनुराग'मैं तुमपे भारी नहीं हूँ।