मसाले के बिना किसी भी भारतीय व्यंजन या किचन की कल्पना की जा सकती है क्या? मुझे तो नहीं लगता। किसी भी दाल या सब्जी में असली स्वाद तो मसालों का ही होता है। थोड़ा मसाला भी किसी डिश के स्वाद में बड़ा अंतर ला सकता है। अक्सर ही घर में माँ से शिकायत की जाती है कि,"आज तड़के में जीरा नहीं डाला न? वो स्वाद ही नहीं आ रहा है।"
बेशक जीरा खाने का स्वाद तो बढ़ाता है। साथ ही इसके सेवन के कई लाभ भी होते हैं। जानकारी के मुताबिक, इसके सेवन से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ होते हैं। जीरे से विटामिन ए,सी,ई और बी6 के साथ ही कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, कॉपर और फॉस्फोरस जैसे कई मिनरल्स मिलते हैं। जीरे के सेवन से पाचन भी अच्छा रहता है। यह सर्दी-जुकाम, अस्थमा और डायबिटीज जैसी बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है।
लेकिन क्या कभी किसी ने आपको बताया कि जीरे के सेवन के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? आपको यह बात कुछ अविश्वसनीय भी लग सकती हैं। मगर यह भी एक सच है। तो चलिए करते हैं जीरे से होने वाले साइड इफेक्ट्स पर बात।
सीने में जलन
जैसा कि हमने पहले ही बताया कि जीरे के सेवन से पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलती है। जीरा असल में गैस से छुटकारा दिलाता है। लेकिन जीरे का यह फायदा नुकसान भी बन सकता है। जीरे की वजह से गैस गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट की ओर जाती है, जिस वजह से सीने में भी जलन होने लगती है।
लिवर की खराबी
जीरे में तेल मौजूद होता है, जो हानिकरक होता है। यदि आप लगातार अधिक मात्रा में जीरे का सीन कर रहे हैं तो यह आपके लिवर के साथ ही किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसका निश्चित मात्रा में ही सेवन किया जाना चाहिए।
गर्भावस्था में भी खतरा
ध्यान रहें कि जीरा एबॉर्शन का कारण भी बन सकता है। यदि गर्भवती महिला इसे अधिक मात्रा में खाती है तो उनका गर्भपात भी हो सकता है। यह लेबर पैन बढ़ने की वजह भी बन सकता है।
मासिक धर्म में समस्या
मासिक धर्म' से वैसे भी कई तरह की परेशानियां जुड़ी हुई हैं। महिलाओं को इस दौरान कई तरह के दर्द और असहजता झेलनी पड़ती है। कुछ महिलाओं में पहले ही हैवी ब्लीडिंग की समस्या होती है। ऐसे भी जीरे के अधिक सेवन से यह समस्या और भी बढ़ सकती है।
ड्रग सा असर
जीरे में नारकोटिक्स यानि ड्रग्स के गुण होते हैं, इसलिए इनका सेवन संभलकर करना चाहिए। इसके अलावा जीरे के अधिक सेवन से सुस्ती, जी मिचलाना और भ्रम की स्थिति बनना जैसी समस्याएं भी होती हैं।
स्तनपान को भी करता है प्रभावित
आमतौर पर जिन महिलाओं में दूध कम बनता है, उन्हें जीरा खाने की हिदायत दी जाती है। यह दूध के निर्माण में इजाफा करता है। हालांकि कुछ महिलाओं में इस वजह से मिल्क प्रोडक्शन कम भी हो जाता है।
शुगर लेवल कम होना
हमारे ब्लड में एक निश्चित स्तर पर शुगर का होना आवश्यक है। जीरे के अधिक सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। इससे दिक्कत भी हो जाती है। खासतौर पर किसी सर्जरी के दौरान ब्लड शुगर लेवल संतुलित होना जरूरी है।
डायबिटीज में खतरा
चूंकि जीरे के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कम होता है, इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे अच्छा माना जाता है। लेकिन इन मरीजों में शुगर का लेवल सामान्य होना चाहिए। अगर यह सामान्य से भी कम हो गया तो दिक्कत और बढ़नी ही है।
डकार आना
डकार आना कोई बुरी बात नहीं होती है। लेकिन यह आपको दूसरों के सामने शर्मिंदा कर सकती है। जीरे के सेवन से अधिक गैस बाहर निकलती है, इसलिए डकार भी बहुत ज्यादा आती है।
तो आगे से जीरा खाना मगर संभलकर।