रविवार सुबह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है. पिछले काफी समय से मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार की चर्चा थी. जब से मनोहर पर्रिकर रक्षामंत्री पद से इस्तीफा देकर गोवा के CM बने, तब से ही माना जा रहा था कि मोदी कैबिनेट में फेरबदल होगा. पर्रिकर के जाने के बाद से ही वित्तमंत्री अरुण जेटली रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं. गुरुवार शाम को कैबिनेट के कई मंत्रियों द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद ही फेरबदल के संकेत मिल गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार दोपहर चीन के लिए रवाना हो रहे हैं. उन्हें वहां 3 से 5 सितंबर के बीच आयोजित हो रहे BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेना है. इसके बाद 5 सितंबर को वो म्यांमार की यात्रा पर रवाना होंगे. उनके इस कार्यक्रम को ध्यान में रखते हुए ही फेरबदल की घोषणा का समय तय किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अभी दिल्ली में नहीं हैं. कोविंद शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के लिए रवाना हुए हैं. शनिवार दोपहर तक उनके वापस लौटने की संभावना है. वहीं, अमित शाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की बैठक में शिरकत करने के लिए वृंदावन पहुंचे हुए हैं.
कितने हैं, कितने होंगे
मोदी मंत्रिमंडल में फिलहाल 24 कैबिनेट मंत्री, 12 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्यमंत्री हैं. फेरबदल के बाद मंत्रियों की ये संख्या 72 से बढ़कर 81 हो जाने की संभावना है. हाल ही में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला JD (U) धड़ा NDA में शामिल हुआ था. इसके भी कुछ नेताओं के मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद है. JD (U) के रामचंद्र प्रसाद सिंह और संतोष कुशवाहा की भी चर्चा है. इसके अलावा AIADMK के भी कुछ नेता कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले जुलाई 2016 में कैबिनेट में फेरबदल हुआ था, जिसमें 19 नए चेहरों को जगह दी गई थी.
किस-किसने दिया इस्तीफा
गुरुवार को अमित शाह से मिलने के बाद कई मंत्रियों के इस्तीफे की खबर है. इनमें उमा भारती, राजीव प्रताप रूडी, कलराज मिश्र, संजीव बालियान, फग्गन सिंह कुलस्ते, निर्मला सीतारमण, गिरिराज सिंह, राधा मोहन सिंह, विष्णु देव साइ, कृष्ण राज और विजय सांपला के नाम शामिल हैं. इनमें से कुछ को पार्टी और संगठन की जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं. वहीं कुछ मंत्रियों को कोई अन्य प्रोफाइल देकर वापस कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. चूंकि कैबिनेट का विस्तार भी होना है, ऐसे में लग रहा है कि मोदी सरकार कुछ नए चेहरों को भी मौका दे सकती है. साथ ही, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों के कारण वहां के कुछ चेहरों को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है.
क्यों होगा फेरबदल
माना जा रहा है कि कैबिनेट के खाली पदों के अलावा आगामी विधानसभा चुनावों और 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भी यह फेरबदल किया जाएगा. 2019 के लोकसभा चुनाव में अब 2 साल से भी कम का वक्त बचा है. जाहिर है कि अब मोदी सरकार अपने मंत्रिमंडल में बेहतर रिजल्ट देने वाले चेहरों को शामिल करने की सोच रही होगी. इसके अलावा, जातीय और प्रादेशिक समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा. मनोहर पर्रिकर और वेंकैया नायडू के जाने के बाद से मंत्रिमंडल में जगह खाली हुई थी. पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे के निधन के बाद कैबिनेट में कुल 3 जगहें खाली हैं. गुरुवार को जेटली ने यह संकेत भी दिया था कि वह लंबे समय तक रक्षा मंत्रालय नहीं संभालेंगे. उन्हें गुजरात विधानसभा चुनाव का प्रभारी भी बनाया गया है. लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं के बीच रेलवे मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने भी इस्तीफा देने की पेशकश की थी. लगातार हो रहे रेल हादसों के कारण उन पर काफी दबाव भी था. प्रभु ने कहा था कि PM मोदी ने उन्हें अभी इंतजार करने को कहा है. अनुमान है कि प्रभु से रेल मंत्रालय वापस लेकर उन्हें पर्यावरण मंत्रालय दिया जा सकता है. अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में भी वो इस जिम्मेदारी को निभा चुके हैं.
कई मंत्री कर रहे हैं ’13 खाना रिंच’ का काम
जेटली के अलावा 3 अन्य केंद्रीय मंत्रियों के पास भी अतिरिक्त मंत्रालयों का प्रभार है. कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही हैं. ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर के पास शहरी विकास मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है. उपराष्ट्रपति चुनाव का नामांकन दाखिल करने से पहले वेंकैया नायडू द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद ये पद खाली हो गया था. इसी साल मई में अनिल दवे के निधन के बाद वि ज्ञान एवं तकनीक मंत्री हर्ष वर्धन को पर्यावरण मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंप दी गई.
क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव
बड़े बदलावों के तहत राजीव प्रताप रूडी को वापस उनके गृह राज्य बिहार भेजा जा सकता है. खबर तो यह भी है कि रूडी को बिहार का उपमुख्यमंत्री पद मिल सकता है. नीतीश और लालू के गठबंधन को तोड़कर बिहार में BJP की वापसी में अहम भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी को प्रमोशन मिलने का अनुमान जताया जा रहा है. कैबिनेट में फेरबदल का पहला मजबूत संकेत तब मिला जब गुरुवार दोपहर अमित शाह ने महेंद्र नाथ पाण्डेय को उत्तर प्रदेश BJP का प्रमुख बना दिया. पाण्डेय इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) में कनिष्ठ मंत्री थे. अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों- मसलन, विद्युत मंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को प्रमोशन दिया जा सकता है. मनोज सिन्हा और जितेंद्र सिंह को भी बड़ी प्रोफाइल दिए जाने की चर्चा है.
BJP हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनावों से जुड़ी बड़ी घोषणा भी कर सकती है. जेपी नड्डा को हिमाचल में BJP का मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किए जाने की भी खबरें हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को उनकी जगह केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
जानें, किस-किस की हुई छुट्टी
नाम: राजीव प्रताप रूडी
सांसद: सारण, बिहार
मंत्रालय: राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
चर्चा में: – प्रशिक्षित पायलट भी हैं
– लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में नाम है
क्यों बाहर गए: – ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में परफॉर्मेंस दमदार नहीं रही
– बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है
नाम: उमा भारती
सांसद: झांसी, उत्तर प्रदेश
मंत्रालय: जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री
चर्चा में: – रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी थीं
– बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी हैं
– 2004 में आडवाणी के साथ झड़प के बाद पार्टी से निलंबित
– पार्टी से निकाले जाने पर ‘भारतीय जनशक्ति पार्टी’ नाम से अलग दल बनाया
– मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान की धुर विरोधी
क्यों बाहर गईं: उमा भारती ने कुछ समय पहले स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने की पेशकश की थी
नाम: कलराज मिश्र
सांसद: देवरिया, उत्तर प्रदेश
मंत्रालय: सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री
चर्चा में: उत्तर प्रदेश में BJP के ब्राह्मण नेताओं में से एक
क्यों बाहर गए: 75 साल के हो चुके हैं
नाम: फग्गन सिंह कुलस्ते
सांसद: मंडला, मध्य प्रदेश
मंत्रालय: राज्यमंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
चर्चा में: -सादगी और अनुशासन पसंद
– मध्य प्रदेश के आदिवासी नेता, 230 सीटों की विधानसभा में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं,
2011 की जनगणना के मुताबिक, MP की कुल आबादी के 21.1 फीसद हैं ST
– मनमोहन सिंह सरकार पर ‘कैश फॉर वोट’ का आरोप लगाया | अशोक अरगल और महावीर भागोरा के साथ मिलकर लगाया आरोप | 22 जुलाई 2008 को लोकसभा में विश्वास मत पर हुआ था मतदान | अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील पर नाराज लेफ्ट ने UPA से समर्थन वापस लिया था
क्यों बाहर गए: 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर
नाम: निर्मला सीतारमण
सांसद: कर्नाटक से राज्यसभा सांसद
मंत्रालय: राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
राज्यमंत्री, फाइनेंस ऐंड कॉर्पोरेट अफेयर्स
चर्चा में: BJP की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं
– बहस में भी शालीनता बनाकर रखती हैं
– तमिलनाडु में पैदा हुईं, आंध्र प्रदेश में शादी हुई, कर्नाटक से चुनकर राज्यसभा गईं
– ससुराल वाले कांग्रेस से जुड़े थे, लेकिन खुद BJP जॉइन किया
क्यों बाहर गईं: कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के कारण फिर प्रवक्ता बनाई जा सकती हैं
नाम: संजीव बालियान
सांसद: मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश
मंत्रालय: राज्यमंत्री, ऐग्रीकल्चर ऐंड फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री
चर्चा में: – 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के साथ जुड़ा है नाम
– UP पुलिस ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का आरोप लगाया था
– जिस महापंचायत ने माहौल बिगाड़ा, उसमें भी शामिल थे
– मुजफ्फरनगर के दंगा प्रभावित इलाकों में ध्रुवीकरण के बल पर फायदा उठाने का भी आरोप
– हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से PhD, असिस्टेंट प्रफेसर भी रह चुके हैं
क्यों बाहर गए: बालियान को BJP की राष्ट्रीय टीम में लाया जा सकता है
नाम: गिरिराज सिंह
सांसद: नवादा, बिहार
मंत्रालय: राज्यमंत्री, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय
चर्चा में: विवादित और आपत्तिजनक बयान देने में माहिर
– बयानों की वजह से ही सुर्खियों में आते हैं | सोनिया गांधी की ‘गोरी’ चमड़ी पर की थी टिप्पणी, बोले थे, ”राजीव गांधी ‘गोरी चमड़ी’ वाली सोनिया की जगह किसी नाइजीरियन से शादी करते तो भी क्या कांग्रेस उसको अपना नेता चुनती”
– ‘बीफ खाने वाले 10 में से 9 लोग IIT के होते हैं’
– सारे आतंकवादी एक ही समुदाय से ताल्लुक क्यों रखते हैं’
– ‘नोटबंदी के बाद देश को नसबंदी के लिए कानून बनाने की सख्त जरूरत’
– ‘जो नरेंद्र मोदी का विरोध करते हैं, वे पाकिस्तान चले जाएं’
– ‘मुस्लिमों की आबादी इतनी बढ़ गई है कि उनका अल्पसंख्यक दर्जा बदलने के लिए नए कानून की जरूरत है’
क्यों बाहर गए: विवादित बयानों पर पार्टी कमान कई बार दे चुका था चेतावनी
नाम: महेंद्र नाथ पाण्डेय
सांसद: चंदौली, उत्तर प्रदेश
मंत्रालय: राज्यमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय
चर्चा में: – उत्तर प्रदेश में BJP के प्रमुख ब्राह्मण नेताओं में से एक हैं
– काफी लंबे समय से संघ के साथ जुड़े हैं
– ABVP के साथ छात्र राजनीति भी कर चुके हैं
– बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ के महामंत्री रहे
– राम जन्मभूमि आंदोलन में हिस्सा लिया, जेल भी गए
– 1991 में गाजीपुर की सैदपुर सीट से पहली बार विधायक बने
क्यों बाहर गए: उत्तर प्रदेश BJP का अध्यक्ष बना दिया गया है
नाम: कृष्णा राज
सांसद: शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश
मंत्रालय: राज्यमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
चर्चा में: – उत्तर प्रदेश के दलित समाज की महिला नेता हैं
– पासी समुदाय से आती हैं | UP की कुल आबादी में दलितों की हिस्सेदारी करीब 21.2 फीसद है
– उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दलित वोट बैंक को रिझाने के लिए कैबिनेट में शामिल किया गया था
– संघ के साथ करीबी रिश्ते हैं
– 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में मोहम्मदी सीट से जीत हासिल की थी
– 2014 लोकसभा चुनाव में फूलन देवी के पति और BSP नेता उमेद सिंह कश्यप को 2 लाख 35 हजार वोटों से हराया था
– UP के पूर्व CM और वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह की करीबी मानी जाती हैं
– राजनीति में आने वाली अपने परिवार की इकलौती सदस्य
– समाजसेविका रह चुकी हैं
क्यों बाहर गईं: UP चुनाव खत्म हो चुका है. कृष्णा राज को केंद्र से वापस उनके गृह राज्य भेजा जा सकता है
नाम: विजय सांपला
सांसद: होशियारपुर, पंजाब
मंत्रालय: राज्यमंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
चर्चा में: पंजाब के दलित नेता | पंजाब में दलितों के पास लगभग 38 फीसद वोट हैं
– गरीब परिवार से आते हैं
– पहले मजदूरी की, फिर सीमेंट की अपनी दुकान शुरू की
– संघ से जुड़े, फिर 1988 में BJP जॉइन किया
– 2003 के तल्हान गुरुद्वारा कांड में उनका नाम सुर्खियों में आया
– एक दलित की हत्या के बाद हुई हिंसा के बीच सांपला ने निभाई प्रभावी भूमिका
– 2014 में पहली बार मिला लोकसभा चुनाव का टिकट
– पहली बार सांसद चुने जाने पर ही मिल गई कैबिनेट में जगह
क्यों बाहर गए: पंजाब चुनाव खत्म होने के बाद सांपला की दलित नेता की छवि भुनाने का काम फिलहाल खत्म हो गया है
वीडियो में जानिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार के लोग क्या करते हैं: