बाहर निकल कर नव्या सीधे सौरभ के पास जाती है और सौरभ से कहती है कि थोड़ी देर वह बाहर ही रहे सौरभ ने कहा कि अगर आप मेरे साथ बाहर रहेगी तो मुझे बाहर रहने में कोई आपत्ति नही है ।
,बल्कि मुझे तो अच्छा ही लगेगा आप के साथ रहना। नव्या ने कहा सिर्फ अकेले आप रहेंगे बाहर मैं अंदर रहूंगी, सौरभ पूछता है पर क्योंॽ
नव्या ने बताया अंदर मिस्टर नीलेश हनी के पास बैठे बात कर रहे हैं सौरभ ने मुंह बनाते हुए कहा यह चिपकू तुम्हारा पीछा करते-करते यहां भी आ गया, नव्या बोली अरे अब आ गये तो मैं क्या करूं?? मैंने तो उन्हें नहीं बुलाया सौरभ ने कहा तुमने मुझे यहां क्यों रोक कर रखा है ।
नव्या बोली क्योंकि नीलेश ने मुझे कॉफी पीने का ऑफर दिया था और मैं उसके साथ नहीं गई अगर उसने मुझे आपके साथ देख लिया तो वह जरूर कुछ गलत समझेगा सौरभ ने कहा इसमें गलत क्या समझना, नव्या बोली आप मेरी सिचुएशन को समझ नहीं रहे हैं मिस्टर सिंघानिया,
मैं नहीं चाहती कि ऑफिस में लोग हमारे विषय में तरह-तरह की बातें करें और मेरा तमाशा बने सौरभ ने थोड़ा नाराज़ हो कर कहा अगर नीलेश के साथ कॉफी पीने चली जाती तो किसी को कोई आपत्ति ना होती लेकिन मेरे साथ,,,, लोग तरह-तरह की बातें करेंगे तमाशा बनेगा,,, नव्या बोली मिस्टर सिंघानिया आप कुछ ज्यादा ओवरएक्ट नहीं कर रहे हैं,
आपको अंदर जाने कि इतनी ही इच्छा हो रही है तो ठीक है आप जाइए मैं बाहर खड़ी रहूंगी सौरभ ने कहा यार तुम अजब सिचुएशन में डाल देती हो लोग क्या कहेंगे? समाज क्या कहेगा? तुमको इसकी बड़ी चिंता है मेरी तो किसी को कोई परवाह ही नहीं ,,,,
नव्या ने सौरभ की ओर घूरते हुए देखा सौरभ कहना चाह रहा था लेकिन नव्या की ओर देखते हुए है कहता है जैसी आपकी इच्छा मैं बाहर खड़ा रहूंगा और चुपचाप एक किनारे खड़ा हो जाता है ।।
नव्या उसकी ओर देखती है और अंदर चली आती है। नव्यां को अन्दर जाता देख सौरभ कहता है इनको देखिए इनको नीलेश जी की चिंता है लेकिन मेरी तो कोई परवाह ही नहीं है।
मन ही मन बड़बडाता रहता है तभी, विहान कहता है , सौरभ जी चलिए अंदर चले अब सौरभ विहान को बता भी नहीं सकता था, कि वह अंदर जा ही नहीं सकता उसने विहान से कहा विहान आप अन्दर चलिए ,,,
मैं अभी आता हूं मुझे थोड़ा काम है, विहान ने कहा यहां भी काम सौरभ ने कहा एक कॉल करनी है काफी इंपोर्टेंट है। आप चलिए मैं आता हूं यह कहकर सौरभ विहान को अंदर भेज देता है और खुद टॉकीज के बाहर टहलने लगता है मन ही मन सोचता है ।
क्या बीवी है खुद तो टॉकीज में पिक्चर देख रही है और मुझे यहां चौकीदारी करने के लिए बुलाया है, करो बेटा चौकीदारी और थियेटर के बाहर टहलने लगता है,
विहान अंदर आता है, तो देखता है कि हनी और नव्यां किसी व्यक्ति से बात करती रहती हैं विहान जैसे ही उनके नजदीक जाता है ।
नव्या तुरंत नीलेश से कहती है निलेश यह विहान है इन्हें से हनी की शादी होने वाली है ।निलेश विहान को आगे बढ़कर गले लगा लेता है और आपस में थोड़ी बात करने के बाद कहता है।
,कि अब आप लोगों से आपकी शादी में मुलाकात होगी। नव्यां जी हमें शादी में बुलाएंगी की ना नव्यां ने कहा यह भी कोई कहने की बात है, नीलेश अपनी सीट पर जाने लगता है। नव्यां चैन की सांस लेती है।
फिर मूवी शुरू हो जाती है विहान कहता है सौरभ जी अभी तक नहीं आए मैं जाकर उनको देखूं क्याॽ नव्या कहती है सौरभ जी को मूवी में कोई इंटरेस्ट नहीं है इसलिए हो सकता है वह किसी काम से बाहर चले गए हो विहान ने कहा अरे नहीं दीदी अभी-अभी मेरी सौरभ जी से बात हुई है ,वह बोले बस में एक फोन कॉल करके आता हूं,
नव्या ने कहा सौरभ जी को आना होगा तो आ जाएंगे तुम परेशान मत हो उनकी एक कॉल भी काफी टाइम तक चलती है इसलिए तुम टेंशन मत लो नव्या की नजर बार-बार नीलेश पर और दरवाजे की ओर लगी थी।
कभी वह निलेश को देखती और कभी दरवाजे को कि कहीं सौरभ अंदर ना आ जाए, मूवी खत्म होने के बाद विहान नव्या से कहता है सौरभ जी कितनी लंबी बात करते हैं, दी पूरी पिक्चर खत्म हो गई और सौरभ जी की एक फोन कॉल नहीं खत्म हुई ??
नव्या बोली मैंने तो पहले ही बताया था कि इनकी एक फोन कॉल बहुत लंबी होती है। तभी उठ कर बाहर आती हैं बाहर सौरभ दिखाई नहीं देता नव्यां सोचती है कि कहीं सौरभ जी घर तो नहीं चले गए अगर घर चले जाएंगे तो विहान की मांम सौ तरह के प्रश्न पूछेंगी कि गये तो चारों लोग साथ थे सौरभ अकेले क्यों लौटा वगैरा-वगैरा मैंने तो सौरभ से कहा था यही रहिएगा लेकिन उनको एक जगह रहने में चैन कहां??
नव्या चारों तरफ घबरा कर देखती है और मन ही मन सोच लेती है कि पक्का सौरभ जी घर पहुंच गए तभी विहान ने कहा दी आप लोग गाड़ी में बैठिए सौरभ जी को लेकर आता हूं नव्या और हनी गाड़ी की तरफ बढ़ी तभी नव्या ने देखा सौरभ नव्या को देखते ही गाड़ी का दरवाजा खोल कर खड़ा हो जाता है और कहता है आइए मैडम बैठिए
नव्या सौरभ के पास जाकर कहती है यह सब कौन सा नया नाटक है सौरभ बोला नाटक मैं नाटक कर रहा हूं इतनी देर से टॉकीज के बाहर चौकीदारी में कर रहा हूं ,और आप बता रही हैं कि मैं नाटक कर रहा हूं,
नव्या ने कहा इसमें चौकीदारी की कौन सी बात हो गई आप अपने फार्म हाउस भी जा सकते थे , सौरभ कार का दरवाजा खोले खड़ा रहता है।
नव्या बहस करती हुई अंदर जाकर बैठ जाती है और सौरभ की तरफ देखते हुए कहती है दरवाजा बंद नही करेंगे मिस्टर सिंघानिया सौरभ बोला जो हुकुम मिसेज सिंघानिया और गाड़ी का दरवाजा बंद कर दिया तभी नव्या के मोबाइल पर उनका फोन आता है।
विहान नव्या से पूछता है ,दी सौरभ जी मिले क्या? नव्या बोली विहान तुम वापस गाड़ी के पास आ जाओ सौरभ जी यहीं पर है, विहान गाड़ी के पास आता है और सौरभ से पूछता है आप अंदर टॉकीज में नहीं आए सौरभ जी कितनी लंबी आपकी बातें चलने लगी कि पूरा शो ही खत्म हो गया सौरभ बोला सॉरी
सांरी किस बात के लिए मेरी वजह से आप लोगों को जो तकलीफ हुई उसके लिए आई एम सॉरी क्हकर सौरभ गाड़ी में बैठता है सौरभ का मुंह बना हुआ था इसलिये उन लोगों को साथ लेकर नव्यां के घर आने के लिए निकल पड़ता है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और प्लीज समीक्षा करके हमें यह जरूर बताइए कि हमारी कहानी आपको कैसी लगी , 🙏🙏👍 क्रमशः