शोले फिल्म याद है? मदर इंडिया? बैंडिट क्वीन, पान सिंह तोमर? एक से एक फ़िल्में. जो बनी हैं डकैतों पर. पहले जब गांवों की सेटिंग में फ़िल्में बनती थीं, खूब डकैत दिखते थे. अब फिल्मों की लोकेशन अर्बन और फॉरेन ज्यादा दिखती हैं. डाकू कम दिखते हैं.
डकैतों का सर्कल बड़े शहरी क्रिमिनल्स जैसा बड़ा नहीं होता, इसलिए जंगलों से ऑपरेट करते हैं. लेकिन खतरनाक बहुत होते हैं. जल्दी पकड़ में नहीं आते इसलिए सरकार को उनके सर पर इनाम रखना पड़ता है. अभी इंडिया का सबसे बड़ी इनामी राशि वाला डकैत है ‘बबली कोल’. उसके पहिले बलखड़िया, ठोकिया और ददुआ जैसे डकैत थे. एक दूसरे की हत्या के बाद ये गद्दी संभाल लेते हैं और भारत के मशहूर बीहड़ जंगलों में अपनी इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाते रहते हैं.
यूपी और मध्य प्रदेश के लोगों का तो मतलब जीना ही हराम हो गया है. बेचारों को जंगलों और पहाड़ियों के आसपास रहने का की सजा वक्त दर वक़्त मिलती ही रहती है. कभी पुलिस वाले पेल देते हैं तो कभी डकैत या बाग़ी. जैसा फिल्मों में देखा है. कुछ खास डाकुओं का जिक्र यहां हो रहा है देखिए ज़रा कोई नाम या किस्सा याद आता है क्या:
1. ददुआ डाकू: इनकी तो मंदिर में पूजा होती है
यूपी के फ़तेहपुर में कबरहा गांव है. खतरनाक ददुआ डाकू उसी क्षेत्र से आता है. उसी ने अपने गांव में मंदिर बनवाया. पिछले साल (2016) फरवरी में उसी मंदिर में उसके गांववालों ने उसकी मूर्ति लगा दी. इलाके का पूरा महकमा तैयार था कि ये नहीं होने देंगे. खड़े के खड़े रह गए और मूर्ति स्थापित हो गई.
भले उसकी मूर्ति लग रही हो और वो मंदिर में भगवान बना बैठा हो. पर एक समय ददुआ पर यूपी पुलिस ने 5 लाख का इनाम रखा था. एमपी पुलिस ने भी उस पर एक लाख का इनाम रखा था. अकेले यूपी में उस पर 240 से ज्यादा केस थे. ऐसे-वैसे नहीं किडनैपिंग और मर्डर के. इसी आदमी ने रामपुरवा में नौ लोगों को एक साथ गोली मार दी थी और मऊ गुरदरी में दो लोगों को जिंदा जला दिया था.
ये मंदिर जो बना है वो भी उसने तब बनवाने की सोची थी जब 1992 में फतेहपुर के घटईपुर और नरसिंहपुर कबरहा में पुलिस के घेरे में फंस गया था. गन्ने के खेत में ये और इसके साथी और दूसरी तरफ इलाहाबाद, बांदा और फतेहपुर पुलिस के 500 जवान थे. उस दिन जो बचा तो 1996 में वहां मंदिर बनवा दिया. जिंदगी में बस दो बार पुलिस के हाथ आया था. दूसरी बार 22 जुलाई 2007 को मरने के बाद और पहली बार तब जब सन 1975 में पहले अपराध पर पकड़ाया था. आरोप था भैंस चोरी का!
2. बलखड़िया: जिसके अंतिम संस्कार की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई थी
बलखड़िया का चित्रकूट के पाथा इलाकों में बहुत दहशत था. तक़रीबन 100 से भी अधिक अपराधिक मामलों में इसे दोषी पाया गया था. लेकिन पुलिस की लगातार गश्तों और मुठभेड़ों के बावजूद ये हाथ नहीं आ पा रहा था. सुदेश पटेल उर्फ़ बलखड़िया पर सरकार ने 6 लाख रुपए का इनाम रखा था. जो उस वक़्त सबसे ज़्यादा था.
इन इलाकों में दो जनजातियां पाई जाती हैं. पहली पटेल और दूसरी कोल. कोल जनजातियां कद-काठी से मजबूत होती हैं, इसलिए पटेल उन्हें गैंग में शामिल कर लेते हैं. उनसे शारीरिक श्रम वाले काम करवाए जाते हैं. ऊपर से इनकी वफ़ादारी के किस्से अलग हैं. एक हमारे पास भी सुन लीजिए.
बलखड़िया एक बार किसी शादी में बबली कोल नाम के एक लड़के से मिला और उसे अपनी गैंग में शामिल कर लिया. कहा जाता है कि बबली कुछ ही दिनों में उसका ख़ास बन गया. 2 जुलाई 2016 को पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में जब बलखड़िया को गोली लग गई थी तब बबली उसे अपने कंधे पर लेकर 3 किलोमीटर तक दौड़ा था. लेकिन इतने सब के बाद भी बलखड़िया बच नहीं पाया. बबली ने चंदन की लकड़ी में उसका दाह संस्कार करते वक़्त वीडियो रिकॉर्डिंग करवाई और उसके घर वालों को आश्वस्त कर दिया कि उसकी लाश का सही तरीके से अंतिम संस्कार हो चुका है. इसी वीडियो क्लिप के सामने आने के बाद ही पुलिस ने भी बलखड़िया की मौत के खबर की पुष्टि की.
3. बबली कोल: जिसने गांव के पांच लोगों की नाक काटने के बाद जिंदा जला दिया
35 साल की उम्र में ये आदमी भारत के सबसे बड़ी इनामी राशि वाला डकैत है. इसके खिलाफ 50 से भी ज़्यादा अपराधिक मामले दर्ज हैं. बलखड़िया के बाद उस गैंग का सरगना बना बबली को आस पास के इलाकों में प्यार से बबुली के नाम से बुलाया जाता है. चौंकिए मत प्यार से ही बुलाया जाता है. उसके लोग उससे कितना कितना प्यार करते हैं इसका उदहारण है उन लोगों ने उसे गिरफ्तारी से बचाने के लिए पुलिस पर पत्थरबाज़ी कर दी और पुलिस को खली हाथ लौटना पड़ा.
इसका दहशत इतना है कि कोई भी इसके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं होता. एक बार तो इसने एक ही परिवार के 5 लोगों का के नाक काटकर पांव में गोली मारी और फिर पेट्रोल डालकर ज़िदा जला दिया. जब वो ये सब कर रहा था तब उसके ही गैंग का एक आदमी उसका वीडियो बना रहा था.
मोबाइल से पुलिस को हद से ज़्यादा बेवकूफ बनाता है. जो फोन ये इस्तेमाल करता है उसे पेड़ से लटका कर रखता है. आकर फ़ोन से बात करता है और फिर कही दूर निकल जाता है. पुलिस बेचारी उसी नंबर को ट्रेस करती हुई वहां आती है और मुंह की खाकर जाती है. ये लोग स्मार्टफ़ोन का बहुत ही स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करते हैं. फ़ोन के जीपीएस और मैप का यूज़ लोगों तक पहुंच कर वसूली करने और उनको मारने के लिए करते हैं.
हमारे साथी खबर लहरिया का ये वीडियो इन डकैतों के बारे में बताता है.
साभार: द लल्लनटॉप