फ़ेक न्यूज़ अलर्ट!
पिछले बहुत वक़्त से फ़ेक न्यूज़ की मार्केट खूब गरमाई है. फ़ेक न्यूज़ फ़ैलाने वाले और उसका भांडा फोड़ने वाले दिन दुगनी-रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं. एक अपने प्रोपेगेन्डा के हितार्थ किसी भी फ़ोटो या वीडियो को कोई भी रसीला सन्दर्भ देकर उसे फैलाने में जुट जाता है, तो दूसरा उसे झूठा बताने में जुट जाता है. दोनों एक डाल-डाल तो दूजा पात-पात वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. हम डाल पर हैं या पात पर, ये तो मालूम ही चलेगा, लेकिन फिलहाल एक फ़ेक न्यूज़ की मिट्टी पलीद करने का समय आ गया है.
मामला ये है कि व्हाट्सैप और फेसबुक और ट्विटर और बाकी सभी जायज़-नाजायज़ जगहों पर एक वीडियो फैलाया जा रहा है. एक वीडियो है. वीडियो में दो आदमी बाइक से आते हैं और एक कार को ज़बरदस्ती रोकते हैं. उसमें सवार औरत को बाहर निकालते हैं और उस पर गोली चला देते हैं. औरत गोली खाकर (डॉक्टर वाली गोली नहीं) गिर जाती है. झूठ फ़ैलाने वाले चमन इस वीडियो को ये कहकर फैला रहे हैं कि केरल में मुस्लिम लड़कों ने आरएसएस समर्थक हिन्दू महिला को गोली मार दी. जंगल की आग फैल पाती उसके पहले वीडियो फ़ैल गया. अमूमन होता भी यही है. सही जगह गर्मी दी जाए तो इंसान बिलबिला उठता है. ऐसे में इंसान का धर्म और उसकी धार्मिक भावना प्रमुख हैं. आज-कल मौसम वैसे भी धार्मिक कट्टरपंथ और मानसिक दिवालियेपन का चल रहा है. बस, जनता पिल पड़ी.
असल बात जो है, वो जान जाओगे तो सर पकड़ लोगे. हालांकि ये लाइन इस आर्टिकल की एक संभावित हेडिंग भी हो सकती थी लेकिन उसे हम कुछ और कर देंगे. इस वीडियो की असलियत ज़्यादा महत्व रखती है.
ये वीडियो सच है कि केरल का है. वो इस वजह से कि इसमें जो भाषा सुनाई दे रही है, वो मलयालम है. लेकिन असल में इस वीडियो में जो कुछ भी दिख रहा है, वो एक स्ट्रीट प्ले है. स्ट्रीट प्ले यानी नुक्कड़ नाटक. नुक्कड़ यानी गली का मोड़. कोना. केरल में बहुत से सोशल इश्यूज़ के बारे में अवेयरनेस फ़ैलाने के लिए स्ट्रीट प्ले का सहारा लिया जाता है. लेकिन इस मौके पर हाल ही में पत्रकार गौरी लंकेश के मर्डर के बारे में लोगों को बताने के लिए ये नुक्कड़ नाटक खेल ा गया था.
नाटक में गौरी की हत्या की घटना को वैसा ही दिखाने की कोशिश की गई है. नाटक में गौरी के मरने के बाद एक आदमी आता है और ज़ोर ज़ोर से भाषण देने लगता है. यहीं से शक पैदा होता है. कौन होगा जो एकदम खुल्ले में किसी को गोली मारने के बाद भीड़ को भाषण देता है? आखिरी बार ऐसा भगत सिंह ने असेम्बली में बम फेंक कर किया था. यहां वीडियो में वो आदमी लोगों को मलयालम भाषा में कुछ-कुछ बोल रहा होता है. अब चूंकि वो जो कुछ भी बोल रहा है, हम-आप हिंदी वालों के लिए कुछ-कुछ होता है, इसलिए हम उस कैप्शन पर विश्वास कर लेते हैं जो कहता है कि केरल में मुस्लिम लड़कों ने हिन्दू महिला पर गोली चला दी.
साउथ इंडियन भाषा जानने वाले एक दोस्त को फ़ोन लगाया और उससे पूछा कि वीडियो में भाईसाब कह क्या रहे हैं. साउथ इंडियन भाषा का ज़िक्र इसलिए आया क्यूंकि वीडियो में जो वेशभूषा दिखाई दे रही थी, वो साउथ इंडियन ही थी. ये एक्सप्लेनेशन इसलिए देना पड़ा, जिससे हम पर रेसिस्ट होने का इल्ज़ाम न आये. खैर, एक साहब से मालूम चला कि भाषा मलयालम है. मलयालम जानने वाले दोस्त को फ़ोन लगाया और उनसे पूछा कि क्या कहा-सुना जा रहा है. उन्होंने जो मुख्य पॉइंट्स बताये, ऐसे हैं:
1. उसने (गौरी लंकेश ने) विरोध किया.
2. सचेत रहो.
3. आरएसएस के खिलाफ़ आवाज़ उठाओ.
4. अंत में उसे (गौरी को) भी ख़त्म कर दिया गया.
5. क्यूं? क्यूं? तुमने उस जर्नलिस्ट को मार दिया?
6. हम भारत के रक्षक हैं.
7. क्यूं? क्यूं? इस जर्नलिस्ट को मार दिया गया?
भद्रजनों की संतुष्टि के लिए मेरे और मेरे दोस्त के बीच हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट को भी यहां संलग्न किया जा रहा है. इसमें वीडियो वाले भाईसाब की कही हुई बातें अंग्रेजी (रोमन) में लिखी हुई हैं और उसके साथ उसका अंग्रेज़ी तर्जुमा भी उपलब्ध है.
हाल ही में यानी 5 सितंबर को बैंगलोर में जर्नलिस्ट गौरी लंकेश को उनके घर के सामने दो बाइक पर सवार लोगों ने गोली मार दी थी. इत्तेफ़ाक की बात ये है कि गौरी ने लेटेस्ट आर्टिकल देश में भयानक तेज़ी से फैल रही फ़ेक न्यूज़ पर ही लिखा था. गौरी लंकेश को मार दिया गया, लेकिन फ़ेक न्यूज़ अब भी ज़िन्दा है.
गौरी लंकेश अपने लेख ों के माध्यम से आरएसएस और हिंदुत्व के कट्टरपंथ को जी भर कोसती थीं और इसीलिए उन्हें भारी मात्रा में नफरत भी मिलती थी. यही एक बड़ी वजह है कि उनके मर्डर को आरएसएस की शह पर किया गया बताया जा रहा है. शायद यही वजह है कि इस नाटक में संघ विरोधी बातें कही जा रही हैं और ये भी उसी विचारधारा से प्रभावित है जो कही-सुनी बातों को सच मान चुका है. आरएसएस द्वारा गौरी को मरवा दिया जाना सिर्फ कही गई बातें हैं. अभी तक कोई भी सबूत आरएसएस या उससे जुड़े किसी भी शख्स को दोषी क़रार नहीं कर सका है.
ये जो वीडियो है, ये कुछ चुनिंदा वीडियोज़ में से एक है जिसमें ‘भाषण देने वाले’ शख्स की आवाज़ सुनाई दे रही थी. बाकी कुछ जगह शेयर इसी वीडियो में अजीब सी एडिट की हुई आवाज़ आती है.
साभार: द lallanatopa