यह प्रकाश है,
तुम इसमें क्या खोजोगे,
क्या पाओगे ?-
यह दीप
तुम्हें सौंपता हूँ !
यह अग्नि है,
तुम किन आनंदों के
यज्ञ करोगे,
किन कामनाओं की
हवि दोगे ?
यह वेदी
तुम्हें सौंपता हूँ !
यह प्रकाश और अग्नि ही नहीं,
गति है, जीवन है,
तुम किन लोकों में
जा पाओगे ?
यह किरण
तुम्हें सौंपता हूँ ।
यह अग्नि
अंतर अनुभूति है,
तुम सत्य के स्रोत को
देख पाओगे कि नहीं ?
यह अभीप्सा
यह प्रेरणा
तुम्हें सौंपता हूँ !