हस्तकला (Handicraft) ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं जिसके तहत ऐसी चीज़ों का निर्माण हो जो उपयोगी होने के साथ-साथ सजाने के काम भी आती हैं और जिन्हें ख़ासतौर पर हाथ से या सरल औजारों की सहायता से ही बनाया जाता है। ऐसी कलाओं का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व होता है। ये कलाएँ हजारों वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी पोषित और पल्लवित होती रही हैं और असंख्य कलाकारों को रोजगार प्रदान करती हैं।
हस्तशिल्पियों
के लिए अच्छी खबर है। कानपुर
और आसपास के जिलों में जल्द ही हैंडीक्रॉफ्ट का मिनी क्लस्टर बनेगा। इस
दिशा में जल्द काम भी शुरू हो जाएगा।
विकास आयुक्त कार्यालय (हैंडीक्रॉफ्ट)
के डिप्टी डायरेक्टर
वीरेंद्र कुमार के अनुसार चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने काफी समय पहले अंबेडकर हस्तशिल्प योजना के तहत कानपुर को हैंडीक्रॉफ्ट का मेगा क्लस्टर बनाने का प्रस्ताव भेजा था। मेगा क्लस्टर के बजाय मिनी क्लस्टर के लिए मंत्रालय से सैद्धांतिक
मंजूरी मिल गई है। मिनी क्लस्टर में सरकार पांच से 10
करोड़ रुपये
तक खर्च करती है,
जबकि मेगा क्लस्टर का बजट 30-40 करोड़ होता है।
सरकार से सहूलियत मिले तो यहां भी खूब संभावनाएं हैं। यहां लेदर, जरी और ज्वैलरी का खूब काम होता है। इस क्षेत्र में डिजाइनिंग कर शहर को महारत दिलवाई जा सकती है। मिनी क्लस्टर बनने से यहां के शिल्पियों को बहुत लाभ मिलेगा।
स्रोत : अमर उजाला