26 मार्च 2015
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
लकीरों में शायद सब न लिखा हो, यक़ीन अपने हांथों पर बनाये रखिये. bahut hi achchi soch ke saath aatm vishwas jagati kavita .......
12 सितम्बर 2015
धन्यवाद, पुष्पा जी !
12 सितम्बर 2015
लकीरों में शायद सब न लिखा हो, यक़ीन अपने हांथों पर बनाये रखिये. बहुत खूब सूरत पंक्तियाँ
11 सितम्बर 2015
अवधेश सिंह भदौरिया 'अनुराग' जी, बहुत-बहुत धन्यवाद !
9 सितम्बर 2015
अनमोल रचना --मधुर संवाद
9 सितम्बर 2015
अच्छी सलाह है
26 मार्च 2015
वाह क्या बात है | धन्यवाद |
22 मार्च 2015