14 सितम्बर 2015
45 फ़ॉलोअर्स
आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
अच्छी जानकारी उपलब्ध कराई है आपने हिंदी के बारे में शर्मा जी
28 अक्टूबर 2015
अर्चना जी, आपने सत्य एवं सटीक बात कही । अपनी मातृभाषा पर गर्व किये बिना निज भाषा उन्नति की बात नहीं सोची जा सकती । बहुत-बहुत धन्यवाद !
14 सितम्बर 2015
ओम प्रकाश जी .........सही कहा आपने ....सबसे पहले हिंदी को सम्मान की नज़र से देखना होना .हिंदी अपने ही देश में महेमान बनकर रहती है जब सुप्रीम कोर्ट में हिंदी में बहस नहीं हो सकती तो हमारे लिए दुःख की इससे बड़ी बात क्या है ..........इसलिए सबसे पहले हम सबको अपनी भाषा पर गर्व करना सीखना होगा ........
14 सितम्बर 2015