1 अप्रैल 2016
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
गांव की ज़मीन तक तो शहरीकरण से कम होती जा रही हैं फिर शहरों के बारे में सहज ही सोचा जा सकता है | हालाँकि शहरों में वाकई में बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जिनका प्रयोग सार्थक रूप में किया जा सकता है |
1 अप्रैल 2016