सिगरेट एवं तम्बाकू जैसे उत्पादों पर वैधानिक चेतावनी वास्तव में इनका सेवन करने वाले के मन में डर तो पैदा करती है, लेकिन किसी चीज़ की लत उस डर को भी नज़रअन्दाज़ कर देती है. इन्सान यह ग़लतफ़हमी पाल लेता है कि अंजाम कुछ भी हो, वह इनका सेवन किये बिना नहीं रह सकता. इसलिए क्या आप मानते हैं कि ऐसे उत्पादों पर चेतावनी का प्रतिशत अधिक से अधिक होने पर, लोग इनका सेवन कम करेंगे ?