आंख में पानी रखो, होठों पे चिंगारी रखो,
ज़िन्दा रहना है तो, तरकीबें बहुत सारी रखो।
-राहत इंदौरी
30 अप्रैल 2016
आंख में पानी रखो, होठों पे चिंगारी रखो,
ज़िन्दा रहना है तो, तरकीबें बहुत सारी रखो।
-राहत इंदौरी
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आकाशवाणी के कानपुर केंद्र पर वर्ष १९९३ से उद्घोषक के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहा हूँ. रेडियो के दैनिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त अब तक कई रेडियो नाटक एवं कार्यक्रम श्रृंखला लिखने का अवसर प्राप्त हो चुका है. D
अति सूंदर
30 अप्रैल 2016