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Freedom 251 Launch: Your 5-Point Cheatsheet to the Most Affordable Smartphone

17 फरवरी 2016

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Little-known Noida-based company Ringing Bells Pvt. Ltd. will launch what it is calling India's most affordable smartphone on Wednesday evening. Here's what you already know about the Freedom 251 smartphone.

1.    Ringing Bells had announced earlier that the Freedom 251 will be priced at "less than Rs. 500". But we can now confirm that the smartphone will be priced at Rs. 251 (less than $4). At that price, it's easily the most affordable smartphone in the world.

2.    The website also lists important specifications of the Freedom 251: 4-inch display, 1.3GHz quad-core processor, 1GB RAM, 8GB internal storage (expandable up to 32GB), 3.2-megapixel back camera, 0.3-megapixel front camera, and a 1450mAh battery.

3.    The Freedom 251 will be officially unveiled in New Delhi on Wednesday evening at an event that will be presided over by Dr. Murli Manohar Joshi, MP, with the Union Defence Minister Sri Manohar Parrikar as the Chief Guest.

4.    Ringing Bells says the Freedom 251 smartphone has been developed 'with immense support' from the government and is touting it as a success story of PM Modi's flagship 'Make in India' scheme.

5.    A smartphone priced at Rs. 251 will go a long way in connecting every Indian, and like the previous government tried to take computing to the masses with the Aakash tablet, the Freedom 251 has the potential to realise the 'Digital India' vision.

Bookings for the Freedom 251 open on February 18 at 6am and close on 21 February at 8pm. The company says deliveries will be completed by 30th June 2016.


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फिर एक दिन...

26 मार्च 2015
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एक गिरी-पड़ी झोपड़ी मेंरहती थी वो,सब बुढ़िया कहकेबुलाते थे उसे,अलग-अलग आवाज़ों मेंबुढ़िया तो थी ही,सूखे अस्थि-पिंजर मेंलिपटी, चलती-फिरती काया.उसके ही जैसी सूखीलाठी पर टिकी हुयी.गालों की सुर्ख़ियों से चेहरे की झुर्रियों का सफर तय किया था उसनेउसी कच्ची झोपडी में.एक रोज़ सुना उसका,जवान बेटा गया था फ़ौज में.ये

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ज़िन्दगी

20 मार्च 2015
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ज़िन्दगी, अगर एक नाटक है,तो इस नाटक पर यक़ीन कर लूँऔर जो कुछ जैसा होता हैक़ुबूल कर लूँ .और 'गर ना हो यक़ीन तो तसल्ली कर लूँफिर भी जब-जब जैसा जो कुछ होता है जैसा जो कुछ होना हैबदल सका कुछतो बताऊंगा.-ओम प्रकाश शर्मा

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माँ सरस्वती वंदना

26 मार्च 2015
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वीणा-वादिनी विद्या-वर दो,वीणा-वादिनी विद्या-वर दो,तिमिर ह्रदय का दूर करो माँ;जीवन-पथ तुम जगमग कर दो,वीणा-वादिनी विद्या-वर दो..........तेरे उपवन की हम कलियाँफूल बनाकर हमको खिला दो,हम हैं नन्हें-नन्हें दीपकज्ञान ज्योति माँ इनमें जगा दो,तिमिर ह्रदय का दूर करो माँ,जीवन-पथ तुम जगमग कर दोवीणा-वादिनी विद्य

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हरदम मुस्कराते रहिये...

26 मार्च 2015
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दर्द के सहरा में भी,हरदम मुस्कराते रहिये;अश्कों के सागर से मोतीढूंढ के लाते रहिए.कोई ऐसा इंसान नहीं,जिसको कोई दर्द न होदर्द को राह की गर्द बनाकर,क़दम बढ़ाते रहिए.अपने लिए सभी जीते हैं,ये कोई जीना है,औरों की खातिर कोई नग़मा,प्यार से गाते रहिए.स्याह रात है, शहर परीशाँ,नींद नहीं आँखों में;खुली हुई आँखों स

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दूर हो मंज़िल अगर...

26 मार्च 2015
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दूर हो मंज़िल अगर,हौसला बनाये रखिये,चिराग उम्मीदों केकुछ तो जलाए रखिये.बिन बताये ही आती हैं,बेरहम आँधियाँ,आशियाँ ना बने जब तलक;घोसला बनाये रखिये.जो दें बददुआतुम्हें रात-ओ-दिन,उनकी खातिर लबों परदुआएं रखिये.यूँ कटता नहीं तनहा-तनहा सफररास्ते में हमसफ़रबनाये रखिये.ज़िन्दगी में कहींख़ामोशी न रहे,सदायें इतनी

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फिर आज सुबह...

26 मार्च 2015
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फिर आज सुबह मैंने देखा,एक कली मुस्काई.होंठों पर एक प्यास लिए,हौले से शरमाई,उषा ने जब पलकें खोलीं,जाग उठी तरुणाई.अलसाई आँखों को मलकर,ली उसने अंगड़ाई;देख सामने भौंरे कोउसने बाहें फैलाईंबंद किया उसे पलकों में,जब मंद हवा लहराई.फूल बन गयी कली शजर परसारी बग़िया महकाई.फिर आज सुबह मैंने देखा,एक कली मुस्काई.-ओ

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ऐ काश कभी...

26 मार्च 2015
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ऐ काश !कभी ऐसा होताबस तुम होते और मैं होता...कुछ तुम कहतेअपने दिल कीकुछ मैंअपने दिल की कहता!कुछ दूर तलक तुम साथ जो चलते,कुछ गिले निपटते कुछ शिकवे मिटते.मगर रह गया सचहाथ ही मलकर सच क्या था-हम किससे कहते.काश कभी हम यूँ भी मिलतेबीती बातेंसंग-संग कहते,और कहाँ हैअपनी मंज़िल-कुछ तुम कहते,कुछ हम कहते !अच्छा

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किसी दरख़्त की शाख पर...

26 मार्च 2015
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आम के हरे दरख़्त के तले,चंद सूखे पत्ते पड़े हैं,सिमटे हुए.रगें....ढीली पड़ चुकी हैं इनकी,लहू.....सूख चुका है इनका.लफ्ज़, लरज़ते थेइन पर कभी,अब मद्धम पड़ चुके हैं.पाँव टकरा जाता हैइनसे किसी का तो,करवट लेते, चीं-चूं साकुछ बोल देते हैं.जुम्बिश, कम ही है इनमे कोई हवा का झोंका आए,उड़ाकर ले जाए इन्हें,दबा दे मिट

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टेककृति २०१५ का सबसे अच्छा कार्यक्रम

23 मार्च 2015
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यूँ तो भारत की सभ्यता, संस्कृति, ज्ञान और विज्ञानं के संगम के लिए कभी भी किसी निमंत्रण की आवश्यकता नहीं रही है. ये वो देश है जहाँ धर्म के पावन उत्सव देखते ही देखते महाकुम्भ के मेले में परिणित हो जाते हैं. आई.आई.टी. जैसे अति विशिष्ट ज्ञान-विज्ञानं के इतिहास को जीवंत बनाये रखने वाले निश्छल मन-मस्तिष्क

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'शब्दनगरी' को बहुत-बहुत धन्यवाद...

24 मार्च 2015
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आजकल शहर की मलयसमीरों में एक अजब सी सुगंध बह रही है और अगर आप इस सुगंध का नाम जानने की जिज्ञासा से सराबोर हैं तो आपको बता दें इस सुगंध का नाम है 'टेककृति-२०१५'. केवल आई.आई.टी. संस्थान ही नहीं बल्कि पूरे शहर में इस कार्यक्रम की धूम मची हुई है. पूरा संस्थान विभिन्न कृतियों, टेककृतियो, रचनाओ-ऋचाओं, रंग

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होमियोपैथी: अद्भुत उपचार पद्धति

26 मार्च 2015
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होमियोपैथी प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है. इसका आविष्कार सन १७९० में डा० हैनीमैन ने जर्मनी में किया था. डा० हैनीमैन ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति में एम० डी० की उपाधि प्राप्त की थी परन्तु उसके आधुनिक उपचार के तरीकों तथा दुष्प्रभावों के कारण वे विचलित रहते थे. इसलिए चिकित्सा

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बच्चे बड़े हो गए हैं

26 मार्च 2015
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बच्चे...अब हमसे बड़े हो गए हैं,अपने पांवों पर खड़े हो गए हैं.गए अब वो दिनबौर आते थे हर बरस,वो दरख़्त बन गए,हम जड़ें रह गए हैं.कहाँ से वो आए,कल तलक पूछते थे,अब हमें भी वो रस्ता,बताने लगे हैं.उड़ गए वो कबूतर,जो बनते थे 'क' से,अब 'क' से कम्प्यूटरवो बताने लगे हैं.बनाया हमने ताउम्र,घर को ही मंगल,वो मंगल पे घर

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चलो वक़्त की शाखों से...

26 मार्च 2015
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चलो वक़्त की शाखों सेकुछ लम्हे तोड़ लें,खट्टे-मीठे,कुछ सोंधे लम्हे,यादों की गुल्लक में उनकोएक-एक कर फिर जमा करें.चाँद की वो सूरत जिसमेंएक तेरा बस चेहरा हो,सूरज की वो लाली जिसमें,बस एक तेरा बसेरा हो;चांदी क़े सिक्कों सी खनकती,बस तेरी ही बातें हों,दिन हों कुछ तेरे संग बिताये,तेरी छुअन से रोशन रातें हो.तन

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अलग-अलग अमृत बनें, साथ-साथ विष होएँ

1 अप्रैल 2015
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सर्वविदित है कि संतुलित आहार, स्वास्थ्यकर एवं बलवर्धक माना जाता है. शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यक्षमता बढ़ाने व बनाये रखने के लिए इसकी परम आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे भी होते हैं जिनका एक साथ या समान मात्रा में सेवन करना विष-समान माना गया है. आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ 'अष्टांग ह्

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रेडियो के झरोखे से...

3 अप्रैल 2015
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मुंशी प्रेमचंद प्रसंग

4 अप्रैल 2015
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आखिर कोई ऐसा दिन तो आएगा ही, चाहे वह दूर भविष्य में ही क्यों न आए कि भारत अपनी संस्कृति और अपने साहित्य के साथ राष्ट्रों के पहलू में बैठे. अगर हम भारत को एक देश न मानकर महाद्वीप मान लें, जिसमें बहुत देश हैं, तब भी तो हमें एक प्रधान भाषा की ज़रूरत पड़ेगी ही, जिसमें अंतर्देशीय व्यवहार किया जा सके. हाँ,

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क्या चल रहा है ?

4 अप्रैल 2015
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हाँ भाई! क्या चल रहा है? पूछा है किसी ने- कह तो दिया, सब ठीक-ठाक; पर कुछ जमा नहीं, क्या हो जाता जो कह देते, दिल का सच्चा हाल, क्या मुश्किल था अदना सा ये सवाल, खेलते हैं हम सब इन्ही लफ़्ज़ों के साए में, एक दूसरे के संग; हाल नहीं पूछते हैं बस कुछ न कुछ कहना होता है सो कह देते हैं. हाल जानना भी नहीं किसी

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कभी इसके नाम, कभी उसके नाम...

6 अप्रैल 2015
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हर दिन उगता है सूरज,कभी इसके नाम, कभी उसके नाम;हर दिन गाते हैं पंछी,कभी इसके नाम, कभी उसके नाम.नदियां करती हैं कल-कल...भौंरे गाते हैं गुन-गुन,हवा बहे, कहे सुन-सुन-सुन,तू प्यार की मीठी-मीठी धुन,ये सोनी सुबह, सिन्दूरी शाम,कभी इसके नाम, कभी उसके नाम.बहुत हुआ,उठ, अब तू चल,बीत रहा है, एक-एक पल,बांहों में

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चलो हिसाब कुछ कर लें...

6 अप्रैल 2015
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आओ बैठें, दो-चार घड़ी चलो हिसाब कुछ कर लें. याद है तुमको बारिश का दिन वो, तुम भीग रही थी बारिश में; मैं भी आधा भीगा था उस दिन, कुछ तो छतरी के बनते हैं... झगड़ा करके एक दिन घर से, तुम आए थे बुझे-बुझे; पोछ लिए थे, एक-एक आंसू; कुछ तो रूमाल के बनते हैं... कब से सुनी हैं, बातें तेरी, डांटें तेरी, बांटी हैं

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ढेले वाली बर्फ

28 मई 2015
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ढेले वाली बर्फ लेने निकला था घर से। सुर्ख गिट्टियों पर बैठी गिट्टियाँ ही तोड़ रही थी वो। मटमैली धोती में लिपटी काया जैसी, दुधमुंहे बच्चे के सिर पर अङ्गौछे की छतरी बनाए। एक आँख मालिक पर दूसरी बच्चे पर। हंथौड़े की ठक-ठक पर बच्चा आँखें खोलता-मूँदता था, और वो मुस्करा देती थी। बर्फ वाला दिखा

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नीड़

11 जून 2015
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हिय पल-छिन नव निर्माण करे, जग की डाली पर मन-पाखी के स्वप्निल नीड़ धरे। नई आस-उम्मीदों नव स्वप्नों के, नवकल्पना नवसृजन के, दाने-तिनके नए पात लिए I सुख-दुःख के अविरल रंगों के, उन्मुक्त उड़ान नव पंखों से, साहस उमंग उत्साह लिए ! -ओम

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रेनकोट

16 जून 2015
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एक रोज़बारिश उतार करकबर्ड में रखी थी तुमने...जाने क्या ढूंढतेमेरे रेनकोट से गिरी है छम से।छतरी तुम्हें पसंद नहीं थीमैं रेनकोट पर हँसता था,पूरे मौसम पहना था तुमने,फिर लौटाया था एक दिन।सिवन में अटकी हैं कुछ बूंदेंकुछ भीगे लम्हों की खुशबू,बाईं जेब में बदली छोटी सेतेरे हाथ की तही में अब तकदिन वो रखा है ग

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जीने की रस्म

16 जून 2015
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जीने की रस्म कुछ इस तरह, लम्हा-लम्हा निभाई, टुकड़े-टुकड़े बटोरी ज़िन्दगी, तिनका-तिनका सजाई। गोल-गुलाबी-नाज़ुक शीशा, किरच-किरच यूं टूटा, तार-तार की खिसकन हमने, पलकों-पलक उठाई। थककर मीलों-कोसों पीछे,... छूट गई थी बोझिल, पाँव-पाँव वो चलकर मंज़िल, खुद पीछे-पीछे आई। क्या खोया क्या पाया सोचूँ,... मैं आँखें म

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फूलरची

11 अगस्त 2015
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फूलरची ! तुम कारसाज, धागे-फूल पिरोकर कितने सुन्दर अवतंस बुना करती, मालाओं के कितने मनहर अनुपम गलहार गुहा करती I विविध रंग के फूलों से नित गढ़ती मालाओं की लड़ियाँ, देवी-देवों की चरण धूलि बन जाती टूटी पंखुड़ि

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प्यार के धागे

26 अगस्त 2015
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अबकी बरस भी झोली भर प्यार के धागे लाया हूँ...मोल नहीं है जिनका कोई वो मंजुल रखियाँ लाया हूँ Iपरदेस बसे हैं जिनके भाई स्नेह के धागे उनके नाम;काँधे पर थपकी के धागे,बहन नहीं है जिनके पास Iश्रद्धा की राखी उस माँ को देश की खातिर भेजे हैं लाल, सीमाओं पर दिन-रात डटे हैं, भाल-तिलक है उनके नाम Iअबकी बरस भ

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14 सितम्बर : हिन्दी दिवस

14 सितम्बर 2015
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जीवन में कोई भी कार्य कठिन या सरल होने का धरातल उसके पार्श्व में मात्र हमारी धारणाएं एवं उसके प्रति हमारे विचार हैं । अंग्रेज़ी में काम करना सरल है और हिन्दी में कठिन, यह तथ्य मात्र एक धारणा से अधिक और कुछ भी नहीं । कितने ही परिवारों में लोगों को संस्कृत में गहन चर्चाएँ और वाद-विवाद करते देखा जाता है

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श्री गणेश चतुर्थी

17 सितम्बर 2015
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"वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभनिर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।"भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को ‘गणेश चतुर्थी’ के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चौ

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श्री विश्वकर्मा जयन्ती

17 सितम्बर 2015
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हमारे देश में विश्वकर्मा जयंती का पर्व 17 सितम्बर को अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन देश के औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, लोहे की दुकानों, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर आदि में पूजा होती है। इस अवसर पर मशीनों, औजारों की सफाई एवं रंगरोगन किया जाता है। इस दिन अधिकतर कल-कारखाने बंद रहते हैं और लोग

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निन्दा रस

21 सितम्बर 2015
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22 अगस्त, 1924 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में जन्मे हरिशंकर परसाई जी हिन्दी व्यंग्य के आधार-स्तम्भ माने जाते हैं । इन्होने हिन्दी व्यंग्य को नई दिशा प्रदान की । ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ के लिए इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया । फ्रांसीसी सरकार की छात्रवृत्ति पर आपने पेरिस प्रवास

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आनन्द की खोज, पागल पथिक

22 सितम्बर 2015
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हिन्दी साहित्य में अपने गद्य-गीतों के लिए प्रसिद्ध, राय कृष्णदास का जन्म काशी के प्रसिद्ध राय परिवार में 7 नवम्बर सन 1892 ई0 में हुआ था । यह परिवार कला, संस्कृति और साहित्य-प्रेम के लिए विख्यात रहा है । राय साहब की स्कूली शिक्षा बहुत स्वल्प हुई, पर इनमें उत्कट ज्ञान-लिप्सा थी । आपने स्वतंत्र रूप से

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मौत से जीती ज़िन्दगी...

22 सितम्बर 2015
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हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में विगत 12 सितम्बर से एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन युवकों में से दो श्रमिक मनीराम व् सतीश को सुरक्षित निकाला जा चुका है । आपदा प्रबंधन टीमें तीसरे युवक को भी निकालने के लिए जी-जान से जुटी हैं । राज्य सरकार का आदेश है कि लापता तीसरे श्रमिक ह्रदय राम को खोजे जाने तक यह

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मूँछ नहीं तो कुछ नहीं

23 सितम्बर 2015
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जाने-माने व्यंग्यकार और फ़िल्म पटकथा लेखक श्री कालिका प्रसाद सक्सेना यानि के पी सक्सेना का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है । हरिशंकर परसाई और शरद जोशी के बाद वे हिन्दी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले व्यंग्यकार थे। उन्होंने लखनऊ के मध्यवर्गीय जीवन को लेकर अपनी रचनायें लिखीं। उनके लेखन की शुरुआत उर्द

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जिसके हम मामा हैं

23 सितम्बर 2015
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(व्यंग्यकार शरद जोशी) 21 मई, 1931 को उज्जैन, मध्य प्रदेश में जन्मे शरद जोशी का नाम हिंदी के प्रमुख व्यंग्यकारों में शुमार है । आपके प्रमुख व्यंग्य संग्रह हैं— परिक्रमा, किसी बहाने, तिलिस्म, रहा किनारे बैठ, मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ, दूसरी सतह, हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे, यथासंभव और जीप पर सवार

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भाग्य और पुरुषार्थ

1 अक्टूबर 2015
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(कथाकार जैनेन्द्र कुमार ) भाग्य और पुरुषार्थ के सम्बन्ध में जब हम मौलिक दृष्टि से विचार करते हैं तो पाते हैं कि ये दोनों एक दूसरे के विरोधी न होकर सहवर्ती हैं भाग्य तो विधाता का ही दूसरा नाम है .. विधाता की कृपा को पहचानना ही भाग्योदय है । मनुष्य का सारा पुरुषार्थ विधाता की कृपा प्राप्त करने में

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'गर आदमी थोड़ा सा...

3 अक्टूबर 2015
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’गर आदमी थोड़ा सा नादाँ’ हो जाए, हर शख्स का जीना आसाँ’ हो जाए । गाँव के झोपड़े भी हो सकते हैं रोशन, शहरों की रोशनी जो मेहरबां’ हो जाए । ’गर घुले ना ज़हर फ़िज़ां’ में जहाँ’ का, हर झोंका ख़ुदा का फ़रमान हो जाए । जीस्त है मज़ा, दिल जब तक है बच्चा, देखना, वो चुपके से जवाँ’ न हो जाए ।

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अँधेरे का चित्रकार

3 अक्टूबर 2015
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आनन्द की प्राप्ति

6 अक्टूबर 2015
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और सुनाइए, क्या हाल है?

6 अक्टूबर 2015
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मुर्दा क्या ख़ाक करेगा...!

7 अक्टूबर 2015
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कोई ज़िन्दा आदमी से डरे ये बात तो समझ आती है, लेकिन मुर्दा भी भयभीतकरे...ऐसा क्यों होता है ? हम अच्छी तरह से जानते हैं कि मृत शरीर दुर्गन्ध देनेके सिवा और कुछ नहीं कर सकता I वह हाथ बढ़ा कर हमें छू भी नहीं सकता I हम उसे घूंसेभी मारें तो भी वह टस से मस नहीं होने वाला I फिर भी, मुर्दा नामक भय का भूत ग़ज़बक

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अब मिलेगी भूकम्प की भनक-आईआईटी

7 अक्टूबर 2015
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काम छोटा-बड़ा नहीं होता

9 अक्टूबर 2015
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बोलिये सुरीली बोलियाँ

15 अक्टूबर 2015
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धन्वन्तरि : चिकित्सकों के भी देवता

9 नवम्बर 2015
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अंतस में भी दीप जलें...

10 नवम्बर 2015
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विश्व मधुमेह दिवस

14 नवम्बर 2015
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सूर्योपासना का अनुपम लोकपर्व : छठपूजा

17 नवम्बर 2015
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भारतीय वायुसेना की मजबूती और मानवीय दृष्टिकोण

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रोज बदलती चुनौतियों में किसी भी देश के लिए उसकी वायुसेना का महत्त्व किसी भी अन्य सैनिक माध्यम की तुलना में काफी हद तक बढ़ गया है और इस क्रम में भारतीय सेना भी अपवाद नहीं है. हाल ही में भारतीय वायु सेना की चर्चा तब हुई जब अचानक ही दादरी के अख़लाक़ को भीड़ द्वारा दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से मार डाला गया. अख़ल

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अच्छी हो सकती है अंग्रेज़ी...

2 दिसम्बर 2015
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पूरा देश है चेन्नई के साथ

4 दिसम्बर 2015
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संकट की घड़ी में पूरा देश चेन्नई के साथ खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे और एक हजार करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की। इसी के साथ कर्नाटक, बिहार और दिल्ली की सरकारों ने भी राज्य की आर्थिक मदद के लिए हाथ बढ़ाए । बाढ़ पीड़ितों की मदद के ल

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हिन्दी शब्द

8 दिसम्बर 2015
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अंतर  अम्बर अम्बुज  अंध अंधा अंश  अगर  अग्नि अगर-मगर अगरबत्ती अक्षर अक्षरज्ञान अक्षरारंभ अगला अजीर्ण अज्ञात अज्ञान अतः अतएव अतिरिक्त अत्यंत अथवा अद्भुत अधिकार अधूरा अध अनंत  अनुचितअसामान्य असाधारण अमानुष अमित अमिताभ अविलम्ब अज्ञात अभिराम अनभिज्ञ अंत अंत्याक्षर अंत्याक्षरी अंततोगत्वा अनावश्यक अनुराग

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गुड़ के हैं कई गुण

11 दिसम्बर 2015
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मन पर संयम रखने का अचूक उपाय

14 दिसम्बर 2015
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कन्फ्यूशियस बहुत बड़े साधक थे। एक बार एक साधक ने उनसे पूछा, मैं मन पर संयम कैसे रख सकता हूं ? तब कन्फ्यूशियस बोले, मैं तुम्हें एक छोटा सा सूत्र देता हूं। क्या तुम कानों से सुनते हो ?साधक ने कहा, हां मैं तो कानों से ही सुनता हूं। कन्फ्यूशियस ने असहमति जताई और कहा कि मैं नहीं मान सकता कि तुम कानों से

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मेरे क्षेत्र के पति : एक सर्वेक्षण

21 दिसम्बर 2015
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कमाल है कानपुर का कोहरा

28 दिसम्बर 2015
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आह आकाशवाणी वाह आकाशवाणी

28 दिसम्बर 2015
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लिखने और फिर छपने के चस्का लगने के दिन थे.. उत्तर प्रदेश के आखिरी छोर पर स्थित बलिया में हिंदी साहित्य की पढ़ाई करते वक्त कलम ना स

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हिन्दी बाल साहित्य में कानपुर का अवदान

5 जनवरी 2016
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आईएनएस 'कदमत' नौसेना में शामिल

8 जनवरी 2016
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ब्रज संस्कृति के उपकरण

8 जनवरी 2016
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क्या पाक के आश्वासन पर भारत को यकीन करना चाहिए ?

11 जनवरी 2016
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पाक फिर सबूत मानने से कैसे इन्कार कर सकता है ?

12 जनवरी 2016
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भारत-पाक के बीच कब तक सबूत पेश करने और उसके मानने, इंकार करने का खेल चलता रहेगा ? कब निकलेगा इस समस्या का कोई ठोस हल ?

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क्यों रिटायर्ड कर्मचारियों को काम; और, नवयुवक नाकाम ?

12 जनवरी 2016
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कभी ‘तिश्ती’ में जीता था-कुषाण काल

14 जनवरी 2016
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क्या इमारतें खाती जा रही हैं खेत ?

15 जनवरी 2016
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खिचड़ी का आनन्द, गंगा-तट पर

15 जनवरी 2016
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क्या इच्छा मृत्यु को संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों में शामिल किया जा सकता है ?

16 जनवरी 2016
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स्टार्ट अप इंडिया देगा रोज़गार के नए अवसर

16 जनवरी 2016
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देश में सौर-ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए और क्या-क्या उपाय कारगर हो सकते हैं ?

19 जनवरी 2016
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घरों की छत पर सोलर पैनल लगवाने हेतु केन्द्रीय वित्तीय सहायता और होम लोन की दर पर लोन उपलब्ध कराने जैसी सुविधाओं के अलावा इस दिशा में और कौन से क़दम सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकते हैं ?

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आवाज़ ही पहचान है

19 जनवरी 2016
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इंसान भला-चंगा , सांप बेहोश

21 जनवरी 2016
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कानपुर में जल्द ही हैंडीक्राफ्ट का मिनीक्लस्टर

22 जनवरी 2016
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बीएसएफ अपनाएगी आईआईटी की तकनीक

22 जनवरी 2016
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आईआईटियंस की उड़ान

22 जनवरी 2016
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73

कृपया ध्यान दें...

23 जनवरी 2016
0
2
1

मित्रो  <!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysSh

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गणतंत्र दिवस परेड में दिखेंगी सफेद शेर पर केंद्रित मध्य प्रदेश की झांकियां

25 जनवरी 2016
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गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकियां सफेद शेर पर केंद्रितहोंगी। नई दिल्ली की गणतंत्र दिवस की परेड में राज्य की झांकी भी सफेद शेर के जीवनकी कहानी सुनाने वाली होगी। झांकी के दोनों ओर लगभग 15 सफेद शेर अठखेलियांकरते हुए प्रदर्शित किए गए हैं।इस तरह गणतंत्र दिवसपर सात जगह पर निकलने वाली झांकियों में सफ

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क्या हैं मायने आपके लिए गणतंत्र दिवस के ?

25 जनवरी 2016
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तिरंगा: हमारी आन, बान और शान का प्रतीक

25 जनवरी 2016
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कृपया ध्यान दें...

27 जनवरी 2016
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मित्रो  हमारे एकाउंट्स पर कोईअश्लील चित्र पोस्ट कर रहा है. हमअपने सभी मित्रों से यह आग्रह करते हैं कि किसी मंच की  बढ़ती लोकप्रियता केसाथ ये समस्याएं आम हैं I हमारा एडमिन इसे रोकने के लिए कार्य कर रहा है I हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप स्वयं भी अपनी पोस्ट से ऐसी इमेज डिलीट करके हमें सहयोग प्रदान

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पंजाब केसरी लाला लाजपत राय

28 जनवरी 2016
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नॉरू : सबसे छोटा गणराज्य

29 जनवरी 2016
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नॉरू दक्षिण प्रशांत महासागर में एक छोटा सा द्वीप है जो मार्शल द्वीप समूह के दक्षिण में स्थित है. यह दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र गणराज्य है. इसका क्षेत्रफल मात्र २१ किलो मीटर है और इस स्वतंत्र गणराज्य की अपनी कोई आधिकारिक राजधानी नहीं है. फॉस्फेट का निर्यात और मछली पालन इसकी आय का मुख्य साधन है. लगभ

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ऐसे उदार-ह्रदय थे राजेंद्र बाबू

29 जनवरी 2016
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5
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क्या पॉलीथीन बैग का विकल्प भी होना चाहिए ?

29 जनवरी 2016
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फिर किससे है उम्मीद ?

30 जनवरी 2016
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आधुनिक संगीत या शोर ?

30 जनवरी 2016
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स्वच्छता अभियान कितना असरदार ?

1 फरवरी 2016
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देशव्यापी स्वच्छता अभियान ने जन-जन को इसके प्रति जागरूक किया है I इस दिशा में लोगों की भागीदारी भी बढ़ी  है I आप अपने आस-पास या रेलों, बसों आदि में यात्रा करते हुए क्या इस अभियान का असर देखते हैं ? यदि नहीं, तो इस दिशा में और क्या करने की आवश्यकता है ?

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बाज़ारों की भेंट चढ़ती सड़कें

1 फरवरी 2016
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सड़क के बिल्कुल किनारेकोई छोटी-मोटी दुकान या गुमटी जो यातायात को ज़रा भी बाधित न करे, यहाँ तक भी बातबन जाती है लेकिन जब दुकानें, ठेले, खोमचे वाले सीधे सड़क को ही घेर लें तो क्याकहिये I नियम-कानून की कोई तो कमी होगी जो लोग बेहिचक निडर होकर बरसो-बरससड़क-फूटपाथ घेरे रहते हैं I इसके खिलाफ अभियान भी चलते

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सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला आज से

1 फरवरी 2016
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2
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क्या गाँवों से शहरों की ओर पलायन रोका जा सकता है ?

2 फरवरी 2016
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'मेक इन यूपी' जल्द ही

2 फरवरी 2016
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बच्ची को छोड़ गए ट्रेन में

2 फरवरी 2016
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ज़ीका का भारत में कितना खतरा ?

3 फरवरी 2016
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क्या युवाओं को आईएस के आकर्षण में आने से रोक पाएंगे मौलवी ?

3 फरवरी 2016
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अब आईआईटी से कर सकते हैं शार्ट टर्म कोर्स

4 फरवरी 2016
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क्यों खोती जा रही है कानपुर (यूपी) की पहचान ?

4 फरवरी 2016
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दिल्ली की तर्ज पर क्या गाँव के अस्पतालों में भी मुफ्त दवाइयों की सुविधा मुहैया हो सकती है ?

4 फरवरी 2016
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प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र पा सकेंगे अपनी उत्तर-पुस्तिका की प्रति

5 फरवरी 2016
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प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले परीक्षार्थी अब अपनी उत्तर पुस्तिका की प्रति और साक्षात्कार के अंक प्राप्त कर सकते हैं I सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को एक अहम् फ़ैसले में कहा है कि सूचना के अधिकार के तहत परीक्षार्थी को यह जानकारी देनी होगी I परीक्षा कराने वाली अथॉरिटी इससे मना नहीं कर सकती I विभिन

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हर्ष फायरिंग पर पूरी तरह से बैन क्यों नहीं लगाया जाता ?

9 फरवरी 2016
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सियाचिन जैसे ख़तरनाक क्षेत्रों से क्या कभी सेना को हटाया जा सकेगा ?

11 फरवरी 2016
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सियाचिन में अब तक सीमावर्ती देशों के हजारों सैनिक हिमस्खलन की भेंट चढ़ चुके हैं I कारण चाहे कूटनीतिक हों या कुछ और, सैनिकों को प्रकृति के कहर से तभी बचाया जा सकता है जब ऐसे क्षेत्रों से सेनाओं को हटाने की दिशा में कोई पहल हो, कोई राह निकले I प्रकृति अब तक कई बार ये बता चुकी है कि सियाचिन की धवल धरत

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सूखे फूल भी आएँगे काम

11 फरवरी 2016
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मंदिरों, धार्मिक स्थलों तथा घरों आदि में पूजा के बाद बचे सूखे फूलों को या तो बहते जल में प्रवाह किया जाता है या फिर वो कूड़े के ढेर में पहुँच जाते हैं I लेकिन, अब न तो जल प्रदूषण का खतरा रहेगा और ना ही फूलों को कूड़े के ढेर में पहुँचता देखकर हमारी आस्था को ठेस पहुंचेगी I     सूखे-मुरझाए फूलों से भी सु

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क्यों न हों देश के सभी मार्ग और स्थान देश के वीर जवानों के नाम पर ?

12 फरवरी 2016
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वसंत

12 फरवरी 2016
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वसंत पंचमी वसंत की आरम्भिकी है I वसंत प्रेम का ऐसा कुम्भ है जहाँ हम सजीवन स्नान करते रहते हैं I माघ शुक्ल पंचमी से ऐसी रसवती धारा चलती है जिसमें संगीत, साहित्य, कलाएँ अवगाहन करती रहती हैं I इस दिन को अबूझ मुहूर्त वाला भी माना जाता है यानी, सब कुछ शुभ व मांगलिक I वसंत, कविता व कला का घर है I प्रत्येक

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मिल गईं आइंस्टीन की गुरुत्वाकर्षण तरंगें

12 फरवरी 2016
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वैज्ञानिकों ने भौतिकी और खगोलशास्त्र के लिए एक अहम् खोज की है I उन्होंने पहली बार गुरुत्वाकर्षण तरंगों को देखा I एक शताब्दी पहले महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन ने इसका अनुमान लगाया था I भारतीय वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षी तरंगों की खोज के लिए महत्वपूर्ण परियोजना में डेटा विश्लेषण सहित अत्यंत महत्वपू

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Freedom 251 Launch: Your 5-Point Cheatsheet to the Most Affordable Smartphone

17 फरवरी 2016
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Little-known Noida-based company Ringing Bells Pvt. Ltd. will launch what it is calling India's most affordable smartphone on Wednesday evening. Here's what you already know about the Freedom 251 smartphone.1.    Ringing Bells had announced earlier that the Freedom 251 will be priced at "less than R

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भाषाएं हमेशा जोड़ने का काम करती हैं

17 फरवरी 2016
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सच्ची जुबान वही है,जो अंधेरे के बारे में भी बोले और उजाले के बारे में भी। यह अंधेरा-उजाला ही भाषा में जादू पैदा करता है। उक्त बातें साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित अर्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में व्याख्यान देते हुए विख्यात उर्दू विद्वान एवं अकादमी के महत्तर सदस्य प्रो. गोपीचंद नारंग ने व्य

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करीयर मन का या कुछ भी ?

17 फरवरी 2016
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मेक इन इंडिया के तहत 251 रुपए के एंड्राइड फ़ोन पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है ?

19 फरवरी 2016
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बहुत से लोगों को तो २५१ रुपए में एंड्राइड फ़ोन पर यकीन ही नहीं है . लोगों को ये लगता है कि कहीं ये देश की जनता की गाढ़ी कमाई के साथ धोखा तो नहीं ? सकारात्मक बात करें तो सरकार चाहे तो इसे संभव भी करा सकती है. इस विषय पर आपकी क्या राय है ?

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जनरल टिकट की वैधता 3 घंटे तक कितनी जायज़ ?

29 फरवरी 2016
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जनरल टिकट से रेलयात्रा करनी है तो अब उस रूट पर पहली ट्रेन छूटने तक या जारी होने के तीन घंटे तक ही मान्य रहेगा I तय अवधि के बाद सफ़र करते पकडे जाने पर यात्री से जुर्माना वसूला जाएगा I क्या रेलवे बोर्ड इस प्रावधान से जनरल टिकट के बेजा इस्तेमाल पर अंकुश लगा सकेगा या साधारण यात्री हो जाएँगे परेशान ? 

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आम बजट 2016 आपके लिए ?

1 मार्च 2016
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देश भर के काम-काज और आर्थिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए पेश आम बजट पर सबकी कुछ न कुछ राय है। हो सकता है आप कोई कंपनी चलाते हों, किसान हों या सरकारी नौकरी करते हों !अगर यह पूछें कि व्यक्तिगत रूप से इससे आपकी क्या उम्मीदें बढ़ीं, और आपको क्या लाभ होता दिख रहा है ? या फिर, इस बजट से आपको क्या निराशा हु

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8 मार्च : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

8 मार्च 2016
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सम्पूर्ण विश्व में नारी के प्रति सम्मान एवं प्रशंसा प्रकट करते हुए 8 मार्च का दिन उनकी सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में, उत्सव के रूप में मनाया जाता है।  'धरती' के लिए प्रयुक्त शब्द- भू, धरा, धरिणी, वसुंधरा, इला, मही, रत्नगर्भा आदि...नारी रूपी शक्ति के भी पर्याय हैं। शास्त्रों

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कितनी आवश्यक है बदलते मौसम में पेड़-पौधों की देखभाल ?

10 मार्च 2016
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मार्च का महीना यानि जाती हुई सर्दी और ग्रीष्म ऋतु का आगमन ! इस बदलाव में हमें खुद का तो ध्यान रखना ही होता है साथ ही ऐसे में कहीं पेड़-पौधों की उपेक्षा न हो जाए इसलिए इन पर भी ध्यान देना उतना ही ज़रूरी है। तो, इस महीने आप कैसे देखभाल कर रहे हैं पेड़-पौधों की ? 

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जनहित का बड़ा क़दम

11 मार्च 2016
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आखिरकार लम्बे इंतज़ार के बाद रियल एस्टेट संबंधी विधेयक राज्यसभा से पारित हो गया I इस विधेयक के क़ानून का रूप लेने का इंतज़ार लाखों लोग कर रहे थे I यह अच्छा नहीं हुआ कि जब अपने घर का सपना देखने वाले लोग इस विधेयक के पारित होने की प्रतीक्षा कर रहे थे तब कई राजनीतिक दल जाने-अनजाने उनके धैर्य की परीक्षा ले

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क्या देश के सैनिकों के प्रति कन्हैया का अपमानजनक बयान बर्दाश्त किया जा सकता है ?

11 मार्च 2016
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हो सकता है कन्हैया राजनीति से प्रेरित हो, या जल्द ही राजनीति  में अपनी पहचान बनाने के लिए एक के बाद दूसरा विवादास्पद कार्य कर रहा हो, लेकिन देशवासी ऐसे कृत्य कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते. क्या ऐसी गतिविधियों पर सख्ती से लगाम लगाना बेहद ज़रूरी हो गया है ? आप क्या सोचते हैं इस विषय पर ?

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पेशावर: आतंकी हमले में १५ की मौत

16 मार्च 2016
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पाकिस्तान के पेशावर शहर में सरकारी कर्मचारियों को लेकर जा रही एक बस में शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। वाहन में रखे बम में उस समय विस्फोट हुआ, जब बस सरकारी कर्मचारियों को लेकर मर्दान से पेशावर पहुंची। जब बस में विस्फोट हुआ, उस समय वह सुनहरी मस्ज

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'हैप्पी-होली'

23 मार्च 2016
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दिल में सजे  जगमग  रंगोली,भरो खुशियों से सबकी झोली छोड़ सको जब कड़वी बोली,तब तुम  कहना 'हैप्पी होली'।भूल सको जो कही-सुनी सब,दिल से कहो हो-ली सो हो-ली, गले मिलो ज्यों फागों की टोली तब तुम  कहना 'हैप्पी होली'।गुझिया-पापड़  खटमिट्ठी बातें,मिलन के मनहर अवसर लाते; जो बना सको हर ऋतु रंगीली तब तुम  कहना 'हैप

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महिलाएँ जिन पर कानपुर को गर्व है

29 मार्च 2016
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महिला सशक्तीकरण पर सर्वाधिक चर्चा नब्बे के दशक से उभरे भूमंडलीकरण के दौरान प्रारंभ हुई। 'विमेन फ्रीलिव' जैसे अप्रासंगिक आन्दोलन ने 'सशक्तीकरण' का जो रूप ग्रहण किया है वह उचित एवं प्रासंगिक दोनों ही है। महिला सशक्तीकरण के सन्दर्भ में जब कानपुर का प्रसंग आता है तो कुछ नाम सहज ही याद आने लगते हैं। इन्ह

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मुंडेर पर क्यों नहीं आती चूं-चूं करती चिड़िया

30 मार्च 2016
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एक चिड़िया...अनेक चिड़ियाँ, दाना चुगने आयी चिड़िया...गीत तो सुना ही होगा I जी हाँ, चिड़िया यानि घरेलू चिड़िया गौरैय्या जिसके लिए आज भी चूं-चूं करती आती चिड़िया जैसी कविताएँ पढ़ी जाती हैं। मार्च में विश्व गौरैय्या दिवस मनाया जाता है लेकिन घर-आंगन से गौरैय्या विलुप्त होती जा रही है। हमारे साथ रहने वाली गौरैय

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कानपुर के क्लॉक टावरों का स्वर्णिम अतीत

30 मार्च 2016
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समय की आवश्यकता और जानकारी प्रत्येक मानव की आवश्यकता है। पुराने समय में लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक समय का ज्ञान सूर्य के प्रकाश से बनने  वाली छाया से अनुमान करते थे। युग बदला समय के साथ समय के लिए घड़ी का आविष्कार हुआ और वह मानव प्रचलन का प्रमुख अंग बन गयी। घडी रखना प्रत्येक व्यक्ति के वश की बात न

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86 साल का हो गया कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन

31 मार्च 2016
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कानपुर सेंट्रल स्टेशन 29 मार्च को 86 साल का हो गया। इतने लम्बे सफर में स्टेशन के कद के साथ भव्यता बढ़ती गयी, एक ट्रेन से शुरुआत करने वाले स्टेशन पर आज हर रोज 314 ट्रेनें ठहरती हैं। स्टेशन का निर्माण नवम्बर 1928 से शुरू हुआ था, अंग्रेज इंजीनियर जॉन एच ओनियन की देखरेख में 29 मार्च 1930 में

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भारत माता की जय के बाद अब लाइमलाइट का अगला मुद्दा क्या ?

1 अप्रैल 2016
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आप क्या मानते हैं कि शहरों में ज़मीन कम है ?

1 अप्रैल 2016
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बड़े-बड़े शहरों में बीचो-बीच तंग गलियों के रूप में सड़ रही हैं ऐसी तमाम सरकारी ज़मीनें जिनका इस्तेमाल प्रशासन को किसी ऐसे रूप में करना चाहिए जो साफ़ सुथरी रहनेके साथ लोगों के काम भी आएँ क्योंकि ऐसी गलियों में घरों के दरवाज़े नहीं खुलते बल्कि सिर्फ कूड़ा-कचरा फेका जाता है, और इनकी सफ़ाई कभी नहीं होती

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ग़रीबों को 'मेगा किचन थाली'

4 अप्रैल 2016
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नगर निगम की मेगा किचन जल्द ही गुड़गाँव में बीस से तीस रुपये में सस्ता खाना खिलाएगी। लेकिन खास बात यह है कि नगर निगम की यह मेगा किचन सिर्फ कमजोर वर्ग के लोगों के लिए ही उपलब्ध होगी यानि इस किचन से ऑटो रिक्शा चालक, इंडस्ट्री के कामगारों और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को सस्ता खाना मिले

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क्या रोकी जा सकती हैं आत्महत्याएं ?

4 अप्रैल 2016
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समाज के हर वर्ग के लोग आत्महत्या के शिकार होते हैं। अमीर-गरीब, पढ़े-लिखे और अनपढ़, महत्वाकांक्षी और आत्मसंतुष्ट... कोई पैमाना नहीं कि इस काल के गाल में कौन गिरता है। सर्वमान्य है कि कोई भी समस्या ऐसी नहीं जिसका हल न हो। फिर सवाल यह है कि क्या स्वयं का जीवन समाप्त करने वालों को इससे बचाया जा सकता है ?

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सफल लोग करते हैं ये काम

5 अप्रैल 2016
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हो सकता है सफलता के मायने हर इंसान के लिए अलग-अलग हों लेकिन उन सबमें एक बात तो सार्व है कि 'मन का हो जाए' तो इंसान खुद को सफल मान लेता है। यह हमारे मन और हमारी कल्पना पर निर्भर करता है कि आज हम जहाँ खड़े हैं वहां से हमारी मंज़िल कितनी दूर है और वहां तक पहुँचने के लिए हम कितनी कोशिशें करते हैं। इतना ज़र

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हिंदी भाषियों का दिमाग़ ज़्यादा तन्दुरुस्त

8 अप्रैल 2016
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सफलता के मन्त्र

9 अप्रैल 2016
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हर व्यक्ति एक ही बात चाहता है और वो है सफलता। लेकिन इसे पाने के लिए लोग कोशिशें अपने-अपने तरीक़े से करते हैं। फिर भी सफल लोगों के जीवन से सीख लेना बेहद ज़रूरी होता है क्योंकि तमाम सफल लोगों के कार्य करने के ढंग और जीवनशैली में बहुत सी समानताएं देखी जाती हैं।  पक्का इरादा ही आपकी क़िस्मत जीवन में कुछ सफ

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सिगरेट एवं तम्बाकू जैसे उत्पादों पर वैधानिक चेतावनी का असर कितना ?

9 अप्रैल 2016
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सिगरेट एवं तम्बाकू जैसे उत्पादों पर वैधानिक चेतावनी वास्तव में इनका सेवन करने वाले के मन में डर तो पैदा करती है, लेकिन किसी चीज़ की लत उस डर को भी नज़रअन्दाज़ कर देती है. इन्सान यह ग़लतफ़हमी पाल लेता है कि अंजाम कुछ भी हो, वह इनका सेवन किये बिना नहीं रह सकता. इसलिए क्या आप मानते हैं कि ऐसे उत्पादों पर चे

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सुन्दर, आकर्षक और शानदार राष्ट्रीय पक्षी मोर !

12 अप्रैल 2016
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       पक्षियों में मोर हमेशा ही हमारे आकर्षण का केंद्र रहा है। अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को अत्यंत उच्च स्थान दिया गया है। हिन्दू धर्म में मोर को मारना महापाप समझा जाता है। भगवान कृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इस पक्षी के महत्व को दर्शाता है। महाकवि कालिदास ने महाकाव्य ‘मेघदूत’ में मोर को राष्ट

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नन्हे खूबसूरत जीव

12 अप्रैल 2016
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कुदरत ने तो इन नन्हे जीवों को जी भर के खूबसूरती दे दी, अब इनके प्रति हमारा रवैय्या कितना खूबसूरत है, ये प्रकृति देखती है !

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भारतीय भोजन है लाजवाब

12 अप्रैल 2016
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स्वादिष्ट भोजन बनाना एक कला है, यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में इसे 'पाक कला' कहा गया है। भारतीय भोजन विभिन्न प्रकार की पाक कलाओं का संगम है। पूरब हो या पश्चिम, उत्तर हो या दक्षिण, भारतीय भोजन का जवाब नहीं !

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१३ अप्रैल भारतीय इतिहास के पन्नों में

13 अप्रैल 2016
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दुनिया अगर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से परिचित है तो जलियांवाला कांड भी भुलाया नहीं जा सकता। अमृतसर में १३ अप्रैल, १९१९ को एक भयानक हत्याकांड हुआ। पंजाब के नेता डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू की गिरफ़्तारी के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक विशाल सभा का आयोजन हुआ।  सभा के मध्य में ही प

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इरादा

13 अप्रैल 2016
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आदमी सोच तो ले उसका इरादा क्या है...!

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बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की १२५वीं जयंती

14 अप्रैल 2016
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बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की १२५वीं जयंती पर हार्दिक शुभकामनाएं !

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क्या छोटे-छोटे उपाय करके हर व्यक्ति पानी बचा सकता है ?

14 अप्रैल 2016
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बढ़ती गर्मी और हर कहीं पानी के लिए त्राहि-त्राहि ! कहते हैं छोटी-छोटी बचत भी मायने रखती है, क्या रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में हम पानी की बचत करते हैं ? कितने ही लोगों को दिन-रात पानी बर्बाद करने से रोकना पड़ता है, फिर भी, क्या तमाम कोशिशों के बावजूद लोग मानते हैं ? आपका क्या मानना है इस बारे में ? 

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मेरीटाइम इंडिया समिट 2016

14 अप्रैल 2016
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भव्य उद्घाटन14-16 अप्रैल मुंबई

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विश्व विरासत दिवस

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विश्व विरासत दिवस प्रत्येक वर्ष '18 अप्रैल' को मनाया जाता है। 'संयुक्त राष्ट्र' की संस्था यूनेस्को ने हमारे पूर्वजों की दी हुई विरासत को अनमोल मानते हुए  इन्हें सुरक्षित और सम्भाल कर रखने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था। किसी भी राष्ट्र का इतिहास, उसके वर्तमान और भविष्य की नींव होत

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पाकिस्तान से भारत आए परिवारों को उनकी दयनीय दशा को देखते हुए सरकार का उन्हें राशन कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड वगैरह देने का विचार कितना महत्वपूर्ण ?

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इसमें कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान से भारत आए तमाम हिन्दू परिवार वहां दयनीय हालात में रह रहे थे. भारत के विभिन्न राज्यों में रह रहे ये परिवार रोज़ी रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इन्हें बस इतना सुकून है कि इनके बच्चे और घर की महिलाएं सुरक्षित हैं. अब इनके बच्चे भी यहाँ स्कूल जा सकेंगे, पढ़ सकेंगे. इस

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श्री हनुमान चालीसा

19 अप्रैल 2016
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गायक स्वर : सूर्यागायत्री

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ख़त्म हो गया कानपुर का लोकनृत्य

20 अप्रैल 2016
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कानपुर का लोकनृत्य विदेशों में भी लोकप्रिय था लेकिन वक़्त कुछ ऐसा बदला कि सब कुछ ख़त्म हो गया। लन्दन टाइम्स पत्र के संवाददाता डब्लू एच रसेल के शब्दों में विद्रोह के पूर्व कानपुर अपने शांत दिनों के लिए प्रसिद्ध था। सुन्दर महिलाओं से भरा ये शहर प्राइवेट थिएटर, हर सप्ताह होने वाले नृत्य समारोह, दावतों और

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कनपुरिया नौटंकी

20 अप्रैल 2016
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कानपुर को नौटंकी का जन्मदाता नहीं कह सकते किन्तु उसे पाल-पोस कर विश्व स्तर पर ख्याति दिलाने का श्रेय कानपुर को ही है। इसकी कुछ अपनी विशेषताएँ हैं जिनके कारण यह सफलता के शिखर पर जा पहुँची। नौटंकी, रामलीला, रासलीला की भाँति लोकनाट्यमंच है जिसे पश्चिम का ओपेरा कहा जा सकता है। खुले मैदान में चौकोर चबूतर

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सोशल मीडिया पर यूज़र्स को प्रोत्साहन देना ज़रूरी है या नहीं ?

21 अप्रैल 2016
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ये तय है कि लिखना इतना आसान भी नहीं होता, खासकर हिंदी लिखना; और यदि हिम्मत करके कोई लिखने की कोशिश करे भी तो अन्य यूज़र्स को उसे बिना मीन-मेष किये प्रोत्साहित करना चाहिए या नहीं ? माना जाता है कि स्वयं लिखने के साथ लोगों का लेखन पढ़ना भी ज़रूरी है उसे पसंद करना और प्रतिक्रिया करना भी आवश्यक है ताकि ले

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कानपुर में हिन्दी ग़ज़ल

22 अप्रैल 2016
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ग़ज़ल का पारम्पिरिक अर्थ दो स्त्रियों की बातचीत बताया जाता है। ‘ग़ज़ल’ ऐसी काव्य विधा को भी कहा गया है जिसमें प्रेमिका के सौंदर्य का वर्णन क

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न्याय में देरी का दर्द

25 अप्रैल 2016
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यह तनिक अनपेक्षित-अस्वाभाविक है कि न्यायाधीशों की कमी का जिक्र करते हुए उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश इतना भावुक हुए कि उनकी आंखों में आंसू छलक आए। मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में प्रधान न्यायाधीश केवल भावुक ही नहीं हुए, बल्

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अब काम करेगा भारत का अपना जीपीएस सिस्टम

29 अप्रैल 2016
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तरकीबें

30 अप्रैल 2016
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आंख में पानी रखो, होठों  पे  चिंगारी  रखो,ज़िन्दा रहना है तो, तरकीबें बहुत सारी रखो। -राहत इंदौरी 

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