एक ओर जहाँ देश भर में अनगिनत संस्थाएँ और उनसे जुड़े असंख्य लोग समाज सेवा के कार्य कर रहे हैं, जिनकी चर्चा कोई कर दे तो ठीक और न करे तो भी वो किसी से कहने नहीं जाएंगे और न ही उनके कार्य की गति धीमी होगी; वहीं दूसरी ओर कितने ही लोग ऐसे भी हैं जिन्हें करना कुछ नहीं सिवाय एक नए मुद्दे की तलाश के ! क्या आपको नहीं लगता कि मीडिया, सोशल मीडिया और देश की जनता को सिर्फ उन्हीं का चर्चा करना चाहिए जो देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, और जो वास्तव में देशहित में कुछ कर दिखाते हैं ? इस तरह ऐसे लोग जो किसी न किसी तरह सिर्फ चर्चा में रहना चाहते हैं, स्वयं हतोत्साहित होंगे I