मौक़ा किसी शादी-बारात का हो या चुनाव में जीत का, ख़ुशी जताने के लिए और भी तरीक़े हैं लेकिन बेहद खतरनाक ‘हर्ष-फायरिंग’ ही क्यों ? गौरतलब है कि ऐसी फायरिंग में अक्सर घटनाएँ होती रहती हैं I क्या इस पर पूरी तरह से बैन लगाना और नियम का सख्ती से पालन किया जाना ज़रूरी नहीं है ?