तकनीक़ हमें यह तो बताती है कि कौन सी बेल्ट सबसे ज़्यादा भूकंप प्रभावित है लेकिन उस बेल्ट में भी कौन सा क्षेत्र सबसे ज़्यादा प्रभावित है, आईआईटी के वैज्ञानिक अब यह भी जान सकेंगे । भूकम्प के कारण धरती की ऊपरी प्लेट फट जाती हैं । क्षतिग्रस्त प्लेट के आस-पास के निर्माण को हमेशा खतरा रहता है क्योंकि भूकम्प का मामूली झटका भी क्षतिग्रस्त प्लेट को आसानी से खिसका सकता है और उसे आसानी से तोड़ सकता है । वैज्ञानिक भाषा में धरती की ऊपरी क्षतिग्रस्त प्लेट को ‘एक्टिव फाल्ट’ कहा जाता है ।
भूकम्प के खतरों से निपटने के लिए केन्द्रीय विज्ञान मंत्रालय ने भूकम्प पर आधारित ‘मैपिंग’ की ज़िम्मेदारी आईआईटी कानपुर को सौंपी है । अब आईआईटी कानपुर की टीम देश भर में ‘एक्टिव फाल्ट’ की मैपिंग करेगी । इससे भूकम्प प्रभावित क्षेत्र की सटीक जानकारी मिलेगी । भविष्य में किसी आपदा का सिग्नल भी इसी अध्ययन से मिलेगा । इस मैपिंग के ज़रिए भूकम्प से होने वाले नुकसान को काफ़ी हद तक रोका जा सकेगा ।