कहीं भी कोई अव्यवस्था हो या छोटी-बड़ी घटनाएँ, हम सहज ही हर बात का ठीकरा प्रशासन पर फोड़ देते है I या फिर ये कहकर आगे बढ़ जाते हैं कि ‘इस सरकार से भी कोई उम्मीद नहीं’ I लेकिन क्या वास्तव में हमेशा प्रशासन और सरकारें ही ज़िम्मेदार होती हैं ? क्या देश के आम नागरिक इन सबके लिए ज़रा भी ज़िम्मेदार नहीं होते ?