पप्पू पंथी से चुनाव प्रचार
A.R.Srivastava
अभी हाल ही में संपन्न दो राज्यों व एक नगर निगम चुनाव में एक नयी पालसी (नीति) निकल कर आयी जो राजनीति में कारगर नजर आने लगी है। अभी तक आपने बामपंथी, दक्षिण पंथी, गरमपंथी, नरमपंथी नीतियों के बारे में सुना होगा। इन चुनावों में "पप्पूपंथी" का जादू सबके सिर चढ़ कर बोलता नजर आया। राम से बड़ा राम का नाम की तरह पप्पू से अधिक पप्पूपंथी ने लोगों के हृदय में जगह बना ली। पप्पूपंथी की लोकप्रियता को देखते हुए इसके अविष्कारक ने पेटेंट कराने के लिए चुनाव परिणाम आते ही आनलाइन आवेदन कर दिया है जिससे पप्पूपंथी का प्रयोग उसके अलावा और कोई न कर सके। अगर किसी को पप्पूपंथी का प्रयोग करना हो तो बाकायदा कापीराइट अधिनियम के तहत निर्धारित शुल्क व उसपर लगने वाली जी.एस.टी. अदा कर सीमित समय के लिए रिचार्ज करवा कर उपयोग कर सकता है। समय के बाद प्रयोग करने के लिए उसे पुनः रिचार्ज करवाना होगा। पप्पूपंथी के प्रमोशन पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सीमित समय के लिए 30 दिन के रिचार्ज की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। मांग बढ़ने के साथ ही 28 दिन के रिचार्ज की ही सुविधा मिलेगी।
पप्पूपंथी के अंतर्गत आप लोकलुभावन वादो के साथ साथ अपनी पार्टी की रिकार्ड जीत के साथ सरकार बनाने के दावे व विपक्षी पार्टी के मनोबल को नेस्तनाबूद करने के लिये उसको कम से कम सीट मिलने का लिखित सार्टिफिकेट सार्वजनिक रूप से जारी कर सकते हो। चुनाव परिणाम आने के बाद आप "युद्ध और प्यार में सब कुछ जायज है कह कर अपने लिखित सार्टिफिकेट से पल्ला झाड़ सकते हो। आप के ऊपर किसी प्रकार की न तो कानूनी कार्यवाही ही हो सकती है और न ही आपके ऊपर किसी प्रकार की कोई उँगली ही उठा सकता है। पाँचों उँगलियाँ घी में और सिर कढ़ाही के बाहर यह हुयी न पते की बात।
पप्पूपंथी के अविष्कारक ने नगर निगम के चुनाव में लिखित दावा जारी कर दिया कि 15 वर्षों में नगर निगम में सत्तारूढ़ पार्टी को मात्र 20 सीटें ही मिलेंगी और उसकी पार्टी 200 से अधिक सीटें जीतेगी। जिसे 20 सीटें मिलने का दावा किया था वह 104 सीटें जीत गयी। दो सौ सीटों वाली पार्टी 134 पर सिमट गयी। यही विधानसभा चुनाव में भी हुआ 50 लाख गारंटी कार्ड पर जनता के हस्ताक्षर कराने के बाद लिखित सार्टिफिकेट जारी कर दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी को बेदखल कर वे अपनी सरकार बनाने में कामयाब होंगे पर हुआ इसका उल्टा सत्तारूढ़ पार्टी 156 सीटों के नये रिकॉर्ड के साथ जीत गयी और सरकार बनाने का दावा करने वाली पार्टी को मात्र पाँच सीटों से संतोष करना पड़ा। अब आप लिखित सार्टिफिकेट के आधार पर यह भी नहीं कह सकते हो कि "सनद रहे और वक्त पर काम आये" अभी तक आप विश्वास करते थे कि पार्टी का लिखित घोषणा पत्र अथवा संकल्प पत्र के अनुसार पार्टी अपनी करनी व कथनी में कोई भेद नहीं करेगी। अब आपका वह विश्वास भी रेत के महल की तरह चुनाव परिणाम आते ही ढह जायेगा।
मित्रो अगर आपको "आप बीती व जग बीती" का पप्पूपंथी अंक पसंद आया हो तो अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराने के साथ 30 दिन वाला रिचार्ज करवा लेना अन्यथा आपको 28 दिन के रिचार्ज पर ही संतोष करना पड़ेगा।
आपका
A.R.Srivastava