जीवन में वाकिंग
अनन्त राम श्रीवास्तव
जीवन में वाकिंग (टहलने) का बड़ा महत्व है। सुबह का टहलना बहुत मजेदार और सेहत के लिये फायदेमंद है। जिस तरह मरीज को दवा के सेवन के साथ चिकित्सक के बताये परहेज़ का पालन करने से ही पूर्ण लाभ होता है उसी तरह जीवन में वाकिंग करने से लाभ होता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप स्वयं वाकिंग करते हैं या किसी की सलाह पर वाकिंग करते हैं।
मेरी जानकारी के अनुसार वाकिंग करने के भी कुछ प्रकार होते हैं।
जैसे डाक्टर के कहने पर जो वाकिंग करते हैं, उसे मेडिकल एडवाइजरी वॉक अर्थात चिकित्सक की सलाह पर टहलना कहते हैं। कुछ चिकित्सक सलाह के साथ चेतावनी भी देते हैं कि यदि नहीं वाकिंग करोगे तो अमुक हानि होगी। उसे वार्निंग (चेतावनी) वाक कहते हैं।
जो व्यक्ति अपनी पत्नी को खुश करने के लिए घर से ससुराल व ससुराल से घर के मध्य वाकिंग करता है उसे लाइफ कम्पलसरी वाकिंग कहते हैं यह बात दूसरी है परिवार के लोग उसे "जोरू के गुलाम" का अघोषित मेडल पहना देते हैं। अगर आपने यह मेडल प्यार की प्रतियोगिता में प्राप्त कर लिया हो तो बुरा मत मानना।
जो लोग पड़ोसी को देखकर उसके कम्पटीशन (जलन) में वाकिंग शुरू करते हैं उसे बर्निंग वाक कहते हैं। इस जलन को छुपाने के लिए कुछ लोग इधर उधर के बहाने बना देते हैं वह अलग बात है। अपने मोहल्ले में नजर दौड़ायेंगे तो एक दो नमूने अवश्य मिल जायेंगे।
कुछ लोग गर्लफ्रैंड अथवा ब्वॉयफ्रेंड से मिलने के लिये उसे डार्लिंग अथवा डियर वाकिंग कहते हैं। इस रोग के वायरस युवा पीढ़ी में अधिक पाये जाते हैं। अगर ये जीवाणु किसी प्रौढ़ में नजर आते हैं तो आपको अचरज नहीं होना चाहिये।
कुछ लोग अपने परिवार के सदस्य की वाकिंग के बहाने प्रेमी या प्रेमिका से मिलने की लत (खराब आदत) छुड़ाने के लिए वाकिंग करते हैं उसे सर्चिंग ( खोज ) वाकिंग कहते हैं। सर्चिंग वाकिंग का समापन पाश्चात्य फिल्मों की तरह दुखांत अर्थात मारपीट के साथ होता है।
कुछ लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए सुबह शाम मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारा की वाकिंग करते हैं इसे अध्यात्मिक वाकिंग कहते हैं इसे उत्तम कोटि की वाकिंग माना जाता है।
मित्रो इसके अतिरिक्त आप किसी प्रकार की वाकिंग के बारे में जानते हैं तो हमें भी बताने की कृपा करना। आज की "आप बीती व जग बीती" का अंक कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराना मत भूलना।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव