साडी स्ट्राइक बोलती है
अनन्त राम श्रीवास्तव
रविवार होने के कारण मैं आराम से बैठक में अखवार पढ़ रहा था। अचानक पड़ोस में रहने वाला मिस्त्री आ गया। मैने पूँछा काम काज कैसा चल रहा है। मिस्त्री ने तपाक से जवाब दिया सर जी साडा काम बोलता है।
क्या मतलब? सर जी हमारे यहाँ जो भी काम आता है हम उसे मन लगा कर करते हैं इससे ग्राहक भी खुश और हम भी खुश। ग्राहक स्वयं हमारे काम की तारीफ कर दूसरे ग्राहकों को हमारे पास काम करवाने के लिए भेजता है। इस प्रकार हमारा काम अच्छा चल रहा है। मैने कहा इसीलिये कह रहे हो कि साडा काम बोलता है। जी सर जी।
इतने में मोहल्ले की एक नेत्री आ गयीं। मैंने आजकल आपकी पार्टी के क्या हाल हैं। वो तुरन्त बोली साडी स्ट्राइक बोलती है। चाहे देश में हो या विदेश में हो जब सहनशीलता की सीमा टूटती है तो हम स्ट्राइक करते हैं। इस लिये साडी स्ट्राइक बोलती है। आतंक की सीमा जब अधिक बढ़ गयी तो हमने "सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक" कर करारा जवाब दिया। गलवान घाटी की घटना के बाद हमने चीनी एप पर प्रतिबंध व चीनी सामान का बहिस्कार का आह्वान कर स्ट्राइक की जिससे चीनी अर्थव्यवस्था चरमरा गयी। यही नहीं श्रीलंका बांग्लादेश नेपाल को चीन के पाले से खींच कर चीन की वैश्विक मंच पर झटका देने का काम किया। यही नहीं अब ताइवान भी चीन को आँखें दिखा रहा है।
जहाँ तक देश की बात है तो हम यहाँ भी बराबर स्ट्राइक कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर में राजनीतिक स्ट्राइक कर वहां नया इतिहास लिखने के साथ वहां का भूगोल तक बदल दिया। बड़े मियां चिल्लाते रह गये विश्व में उनकी सुनने वाला ही कोई नहीं है। भ्रष्टाचार पर स्ट्राइक की तो करोड़ों का खजाना सार्वजनिक कर दिया। अच्छे अच्छे नामी चेहरे सलाखों के पीछे पहुँच गये। सामाजिक गतिविधियों के नाम पर आतंक को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर स्ट्राइक की तो करोड़ों का खजाना जप्त करने के साथ उस संगठन के लगभग तीन सौ लोगों को सलाखों के पीछे भेज कर उन्हें छठी का दूध याद दिला दिया।
यही नहीं हमारे विदेश मंत्री भी स्ट्राइक करने से नहीं चूकते। रुस यूक्रेन युद्ध के दौरान जब यूरोपीय यूनियन के नेताओं ने भारत से कहा कि वो रुस से कच्चा तेल न खरीदे तो उन्होंने कहा आप स्वयं खरीद रहे हो र हमको न खरीदने की सलाह दे रहे हो यह संभव नहीं है। हमें जहाँ सस्ता मिलेगा वहाँ से खरीदेंगे। अभी हाल ही में अमरीका को उसी के देश में धोया कि एफ 16का प्रयोग किसके खिलाफ होता है सभी जानते हैं आप किसे मूर्ख बना रहे हो? बेचारे अमरीका को उसी के देश में किसी ने उसे ऐसा जवाब नहीं दिया होगा। बेचारा खून का घूँट पी कर रह गया कि उसको चीन से दो दो हाँथ करने के लिये भारत का साथ चाहिये ही चाहिये। अकेला वह चीन का कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। ये हमारे स्ट्राइक के कुछ उदाहरण हैं।
वो बोली और कुछ बतायें मैंने कहा बस बस यही ओवरडोज हो गया है फिर कभी बताना। मित्रो आज की "आप बीती व जग बीती" का अंक कैसा लगा। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराना मत भूलें। आप सभी को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा की हार्दिक बधाई।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव