सात जन्मों पर विश्वास
अनन्त राम श्रीवास्तव
आपको भले ही पुर्नजन्म पर विश्वास हो या न हो पर हर हिन्दू पत्नी को पुर्नजन्म पर विश्वास होता है। इसीलिये वह सात जन्मों तक साथ न का छोड़ने का दावा करती रहती है। सनातन धर्म भी पुर्नजन्म में विश्वास करता है तभी तो पति पत्नी का संबंध सात जन्मो का माना जाता है। पति पत्नी व सनातन धर्म के इस विश्वास पर अपने सीएम ने भी मोहर लगा दी है।
. अपने सीएम ने जौनपुर की एक जनसभा में दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में अगर दंगा किया तो दंगाइयों द्वारा किये गये संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनकी सात पुस्तों से करेंगे। अपने सीएम ने इस एक बयान रुपी तीर से एक नहीं कई शिकार कर लिये।
पहला शिकार तो उन्होंने ने सात जन्मों में विश्वास करने वालों को अपना मुरीद बनाते हुए सनातन धर्म के पुर्नजन्म व पति पत्नी के सात जन्मों के विश्वास पर मोहर लगा दी। अब हर पत्नी गर्व से कह सकती है कि उसका सात जन्मों का संबंध है। इससे अपने को शेर समझने वाले पतियों को परेशानी हो सकती है कि अब सात जन्मों तक यही " दुर्गा " रुपी पत्नी उनके ऊपर सवार रहेगी।
दूसरा शिकार उन्होंने विरोधी दलों को बनाते हुये संकेतों में समझा दिया कि ज्यादा चूँ चपट मत करना औकात में रहना सात जन्मों तक हम यहाँ शासन करने वाले हैं। अक्सर विरोधी दल के नेता सीएम के शासन व नीतियों पर बेवजह ऊँगली उठाते रहते हैं उनको भी समझा दिया कि बेवजह ऊँगली उठाओगे तो तुम्हारे कारनामों की सीबीआई जांच की सिफारिश कर देंगे। फिर लालू की तरह सरकारी हवेली में नजर आओगे।
तीसरा शिकार उन्होंने उन लोगों को बनाया जो दावा करते थे कि यदि उन्होंने साथ छोड़ दिया तो सत्ता के लाले पड़ जायेंगे। उनको भी संकेतों में समझा दिया कि "जहाँ मुर्गा नहीं बोलता क्या वहां सवेरा नहीं होता" इसलिये पायजामे के अंदर रहो ज्यादा खुशफहमी में मत रहो ऊपर वाले ने रावण और कंस जैसे बाहुबलियों का अहंकार तोड़ दिया तो तुम न पिद्दी न पिद्दी का शोरबा।
चौथा व अंतिम शिकार उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले दंगाइयों को बनाया। उन्होंने संकेतों में सीधे समझा दिया कि दंगा किया तो सात पुश्तों (पीढ़ियों) तक बुलडोजर चलवा कर फकीर बना देंगे। इसलिये दंगा करने से पूर्व अपनी सात पुश्तों के बारे में सोच लेना । सीएम का एक तीर चारो निशानों पर इतना सटीक लगा कि सभी चारो खाने चित्त हो गये। इसीलिये आल्हा ऊदल की लड़ाई का वर्णन करते हुए कवि ने लिखा कि " एक का मारो दुई मरजावें तिसरा देख देखि मर जाये पर अपने सीएम उससे भी आगे की सोचते हैं। वे " दागी न कहीं तोप न तलवार चलायी " का अनुसरण करते हुए "शब्द बेधी" वाण से एक साथ चार शिकार करते हैं।
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आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव