गृह लक्ष्मी, लक्ष्मी के साथ फरार
A.R.Srivastava
प्रधान मंत्री आवास योजना की पहली किस्त के पचास हजार रुपये खाते में आते ही जिले की चार पत्नियाँ अपने अपने पतियों को उल्लू बना कर प्रेमियों के साथ फरार हो गयीं। मैं यह समाचार पढ़ ही रहा था कि श्रीमती जी चाय नास्ता लेकर बैठक में प्रवेश करते हुये बोली कहाँ की चार पत्नियाँ अपने प्रेमियों के साथ फरार हो गयीं। श्रीमती जी को मैं बता पाता उसके पहले ही पड़ोसिन भाभी ने अपने आगमन का अहसास कराते हुए कहा क्या हाल हैं लल्ला? श्रीमती जी ने अपना चाय का कप भाभी की ओर बढ़ाते हुए कहा भाभी आप पियो मैं अपने लिये दूसरी बना कर लाती हूँ।
श्रीमती जी अपना चाय का कप लेकर मेरे बगल में बैठते हुये बोलीं अब बताओ क्या हुआ। प्रधान मंत्री आवास योजना से घर बनवाने के लिए बाराबंकी जिले से सोलह हजार लोगों ने आवेदन किया था। पचास हजार रुपये की पहली किस्त आने के बाद चार पत्नियाँ अपने पतियों को उल्लू बना कर प्रेमियों के साथ फरार हो गयीं। इसका खुलासा उस समय हुआ जब योजना के समन्वयक ने जानकारी की पचास हजार रुपये की पहली किस्त आने के बाद चालिस लोगों ने निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया। इनमें से चार लोगों ने बताया कि उनकी पत्नियाँ योजना की धनराशि लेकर प्रेमियों के साथ फुर्र हो गयीं हैं।
श्रीमती जी ने मजाकिया लहजे में कहा गृह लक्ष्मी थी इसलिये लक्ष्मी के साथ फरार हो गयीं। भाभी ने कहा नारायण को छोड़ कर जाने वाली लक्ष्मी कभी खुश नहीं रह सकती है। श्रीमती जी ने पूँछा वो कैसे भाभी? सनातन धर्म के अनुसार शादी में कन्या दान के समय सभी नाते रिश्तेदार वर को नारायण व कन्या को लक्ष्मी स्वरूप मानकर उनके पैर पूजते हैं। इसीलिये मैनें कहा लक्ष्मी नारायण को छोड़ कर खुश नहीं रह सकती है।
इसपर श्रीमती जी ने कहा यह तो विश्वासघात है पति अपनी पत्नियों पर विश्वास कर उसे रुपये जेवरात आदि लाकर देता है। विश्वासघात कर अगर पत्नी वो नकदी व जेवर लेकर प्रेमी के साथ फरार हो जाती है। इन्हीं घटनाओं के कारण पतियों का अपनी पत्नियों से विश्वास उठता जा रहा है। जिन गांवों में यह घटनायें हुयी हैं उस गांव में तो अधिकांश पतियों ने अपनी पत्नियों पर विश्वास करना छोड़ दिया होगा।
बिलकुल सही कह रही हो देवरानी। एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। इन चार महिलाओं ने समाज की अच्छी घरेलू महिलाओं की की विश्वसनीयता दाँव पर लगा दी है। हमारी जानकारी में यदि कोई ऐसी महिला आती है तो हम सबको उसका बहिष्कार करना चाहिए। मैनें कहा आप सही कह रही हो भाभी। नर व नारी गृहस्थी रुपी सिक्के के दो पहलू होते हैं। एक की गलती का खामियाजा पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। इसलिए सोच समझ कर कदम उठाना चाहिए।
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आपका
A.R. Srivastava