मोटी है तो नमकीन है
अनन्त राम श्रीवास्तव
रविवार अवकाश का दिन होने के कारण मैं देर से उठा। नित्य क्रिया से निवृत्त होकर समाचार पत्र की सुर्खियाँ देख ही रहा था कि पड़ोसिन भाभी अनचाही मिसाइल की तरह आ धमकी। आते ही उन्होंने कहा लल्ला
जयहिंद!
मैनें भी जवाब में कहा भाभी जयहिंद!
मैं उनके आने का कारण पूँछता कि उसके पहले ही वो बोल पड़ी
लल्ला 'मोटी है तो नमकीन है'
मैनें उनके कहने का आसय समझते हुये कहा अच्छा आप का मतलब है "मोदी है तो मुमकिन है" वो बोली
लल्ला "सही पकड़े हैं" मैनें कहा क्या बात है भाभी आज मोदी जी की बड़ी तारीफ कर रही हैं।
भाभी बोली वो ऐसो है न लल्ला वो नासपीटी मुफ्तिया ने कहो हतो कि जम्मू कश्मीर से वो धारा हटाई तो तिरंगा उठाने के लिए चार कंधे भी नहीं मिलेंगे। अब देखो लल्ला जान बचाने के खातिर पाकिस्तानी तक भारतीय तिरंगा हाँथ में लेकर "भारत माता की जय" बोल रहे हैं।
मैनें कहा भाभी आपकी बात सौ फीसदी सही है
भाभी ने कहा लल्ला इसी लिये तो मैं कह रही थी कि "मोटी है तो नमकीन है" सो तो है भाभी.
भाभी ने कहा यही नहीं लल्ला तिरंगा देखते ही सौतिन की सेना भी भारतियों से कुछ नहीं कहती और तो और लल्ला भारतियों की जान व तिरंगे की शान के लिये सौतिन(पुतिन) ने अपनी सेना को कई घंटों तक बम गिराने से रोक दिया था। हमें मोटी और तिरंगे पर गर्व है।
बिल्कुल सही कहा भाभी इसके लिए मैं भी आपको जयहिंद कहकर सैल्यूट करता हूँ। भाभी यहीं नहीं रुकीं उन्होंने कहा कि सौतिन (पुतिन) ने भारतियों को निकालने के लिए अपनी 130 बसें भी उपलब्ध करायीं। दोस्त हो तो सौतिन जैसा जो संकट में भी दोस्ती का फर्ज निभाये।
वो जय बीरू की पिक्चर का गाना है
"ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, तोड़ेंगे दम मगर, साथ तेरा न छोड़ेंगे।
जयहिंद!
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आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव