बाइडेन सठिया गया है क्या?
अनन्त राम श्रीवास्तव
साप्ताहिक अवकाश होने के कारण मैं नित्यकर्म से निवृत्त होकर बैठा चाय का इंतजार कर रहा था। इतने में श्रीमती जी ने चाय और अखबार के साथ प्रवेश करते हुए कहा सुनो जी "ये बाइडेन सठिया गया है क्या? मैंने पूँछा क्या हुआ? इस पर श्रीमती जी ने अखबार की प्रथम पेज पर "पाकिस्तान विश्व का सबसे अधिक खतरनाक देश है" छपी खबर की ओर इशारा करते हुए कहा देखो न जब हम विश्व मंच से आह्वान करते हैं कि पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित कर दिया जाये तो इधर उधर की करता है आज कह रहा है कि पाकिस्तान सबसे अधिक खतरनाक देश है इससे हमें लगता है कि ये सठिया गया है।
मैंने श्रीमती जी का समर्थन करते हुए कहा तुम सच कह रही हो। अभी हफ्ते भर पहले पाकिस्तान को लाखों डालर की सहायता दी है तब इसे नहीं पता था कि पाकिस्तान खतरनाक देश है इसको आर्थिक सहायता न दें। यूक्रेन रूस को लड़वाते लड़वाते इसके दिमाग के स्क्रू ढीले हो गये हैं। इसे तो पागलों के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवा देना चाहिए। श्रीमती जी कहाँ पीछे रहने वाली थीं उन्होंने नहले पर दहला जड़ते हुये कहा पहले अफगानिस्तान से सेना वापस बुला कर वहाँ की जनता को लावारिश छोड़ दिया। एक पर गलत फैसले लेकर पूरे विश्व को युद्ध की आग में झोंकने का कार्य कर रहा है।
बेशक बाइडेन सठिया गया है इसके दिमाग के साथ ही इसके द्वारा लिये गये सभी फैसलों की भी जाँच होनी चाहिये। कोई भारतीय यदि अमरीकी बीजा के लिये आवेदन करता है तो उसपर 500 दिन बाद निर्णय लिया जायेगा और अगर कोई चीनी बीजा के लिये आवेदन करता है तो दो तीन दिनों में निर्णय ले लिया जाता है जबकि चीन को सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। इससे लगता है कि यह निश्चित ही सठिया गया है। सुनो जी आप तो लेख लिखते रहते हो अपने लेख में लिखो "यदि अमेरिका में इलाज संभव न हो तो हम आगरा के पागलखाने में इसका इलाज करवा सकते हैं।
हम क्यों इसका इलाज करवायें? आप समझते नहीं हो इलाज के बहाने इसे राष्ट्रपति के पद से हटा कर किसी दूसरे को बैठा देंगे तो इसके गलत निर्णयों का खामियाजा पूरे विश्व को तो नहीं भुगतना पड़ेगा। कोरोना महामारी की मंदी के बाद इसने यूक्रेन रूस युद्ध के माध्यम से पूरे विश्व को मंहगाई की आग में झोंक दिया है। यूरोप व नाटो देश भी मंहगाई की मार से स्वयं को नहीं बचा पा रहे हैं। बिलकुल सही कह रही हो जब तक ये गलत निर्णय विश्व पर थोपता रहेगा पूरा विश्व परेशान रहेगा।
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अनन्त राम श्रीवास्तव