रुठ गये बबलू जी एक दिन, मम्मी से यूॅं बोले मम्मी जी मंगवा दो मुझको चाकलेट दो थैले। चाकलेट मंगवा दोगी स्कूल तभी जाऊंगा इंटरवल में बैठ सभी मित्रों संग खाऊंगा। मम्मी ने कहा सुनो ओ प्रिय बेटे मेरे तुम खाओगे चाकलेट और तुम्हारे खायेंगे कीड़े। अच्छे बच्चे कभी नहीं है मीठी चीजें खाते जो खाते वह दाॅंतो को खोकर बचपन में ही बुड्ढे बन जाते। अनन्त राम श्रीवास्तव