बुलडोजर की जय जय
अनन्त राम श्रीवास्तव
चक्री त्रिशूली न शिवो न विष्णो, महावलिष्ठो न च भीमसेनः
स्वच्छंदचारी न नृपयर न योगी, सीता वियोगी न च रामचन्द्रः
चक्र व त्रिशूल धारण करने वाले न विष्णू हैं और न ही शंकर ही हैं, महा बलवान भीमसेन भी नहीँ हैं स्वतंत्र रूप से घूमता है किन्तु वह न तो राजा है और न ही योगी ही है सीता के वियोग में वन वन भ्रमण करने वाले राम भी नहीं हैं फिर वह कौन है। संस्कृत की इस पहेली का उत्तर मुझे उस समय सांड़ पढ़ाया गया था। समय बदला तो सांड़ की जगह "बुल" ने ले ली। कलांतर में बुल "बुलडोजर" में परिवर्तित हो गया।
जन सामान्य में मोटे लोगों को जो चलने फिरने में सुस्त होते थे उन्हें "बुलडोजर" के नाम से नवाजा जाता था। जो बुलडोजर की शान में बहुत बड़ी गुस्ताखी तो थी ही यह घोड़े को गधे के नाम से बुलाने जैसा लगता था। भला हो उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का जिन्होंने बुलडोजर से उसके नाम के अनुरूप कार्य लेकर उसे खोयी हुई प्रतिष्ठा वापस दिला कर जन सामान्य के हृदय को जीत लिया।
बुलडोजर से उसकी क्षमता से अनुसार वजन उठाने से लेकर खुदाई करने तक का कार्य बखूबी लिया गया। बुलडोजर की प्रकृति के अनुसार उससे कोई कार्य नहीं लिया गया। पहली बार भाजपा सरकार ने बुलडोजर से उसकी प्रकृति के अनुसार अपराधियों व माफियाओं की अवैध निर्माणों को ढहाने का कार्य लेना शुरू किया है जिसका जन सामान्य मुक्त कंठ से सराहना कर रहा है।
बुलडोजर इतना लोकप्रिय हो गया है कि उसे "ब्राँड" के रूप में प्रयोग किया जाने लगा है। होली में बुलडोजर ब्राँड "रंग" बुलडोजर ब्रांड पिचकारी की तो बड़ी माँग रही। अब बुलडोजर ब्रांड के खिलौने धमाल मचा रहे हैं। यही नहीं लोग अब नियमानुसार ही निर्माण करवा रहे हैं जिससे उनका निर्माण बुलडोजर से सुरक्षित बना रहे। इतना लोग बुलडोजर के नाम से डरने भी लगे हैं। इस प्रकार बुलडोजर अपराधियों में खौफ पैदा करने के साथ जन सामान्य को न्याय देने का प्रतीक बन चुका है।
बुलडोजर के इन्ही गुणों के कारण उसकी सर्वत्र जय जयकार हो रही है। हम भी बुलडोजर की शान में करतल ध्वनि के साथ करबद्ध होकर उसकी जय जयकार करते हैं। इसी के साथ यह अपेक्षा भी करते हैं कि निर्विकार भाव से आप अपराधियों के अवैध निर्माणों पर गाज बन कर गिरते रहो।
मित्रो आपको आज की "आप बीती व जग बीती" का अंक कैसा लगा अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराना मत भूलें।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव
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