अब पछताये होत क्या ..............
अनन्त राम श्रीवास्तव
अपने सैम अंकल के पड़ोसी मिस्टर "जस्टिन टूडो" सिर्फ नाम के जस्टिन के ही जस्टिन हैं। उनके व्यवहार में जस्टिस अर्थात न्याय का दूर दूर तक कोई रिश्ता नजर नहीं आता। इसीलिये बेचारे टूटे नजर आ रहे हैं। अपने टूटने का दर्द वे सैम अंकल सहित पूरी दुनिया को बता रहे हैं उनका दर्द सुनने के बाद मदद करना तो दूर कोई सांत्वना देने को भी तैयार नहीं है। मिस्टर टूडो अब पछताये होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गयीं खेत। आपने आतंक की नर्सरी से सबक न लेते हुए अपने यहाँ आतंकियों को फलने फूलने का अवसर प्रदान किया उसी का परिणाम है कि विश्व में कोई आपके साथ खड़ा होने को तैयार नहीं है।
अब भारत पहले वाला भारत नहीं है। यह न भूलता है, न माफ करता है समय आने पर हिसाब बराबर करता है। आपने क्या सोचा था मौनी बाबा की तरह हम भूल जायेंगे और माफ कर देंगे। आप शायद भूल गये कि हम दोस्ती निभाते हैं तो दिल से निभाते हैं और दुश्मनी निभाते हैं तो वो भी दिल से निभाते हैं। हमारी दोस्ती की मिशाल पूरी दुनिया ने देखी। सैम अंकल सहित पूरी यूरोपिय यूनियन हम पर दबाव बनाती रही कि हम रूस से किसी प्रकार की खरीदारी न करें किन्तु हमने दोस्ती के लिये किसी का दबाव स्वीकार नहीं किया। दोस्ती के लिए हमने आगे आकर श्रीलंका की मदद कर उसको बरबाद होने से बचा लिया।
अफगानिस्तान व बांग्लादेश तथा नेपाल की भी उनके आड़े वक्त में हर संभव मदद कर उन्हें बिखरने से बचा लिया। यही नहीं कोरोना काल में विश्व के कई देशों में वैक्सीन भेज कर महामारी से लड़ने में उनकी मदद की।
जब दुश्मनी करने पर आते हैं तो गलवान घाटी में में बिना गोली चलाये सुपर पावर का दम भरने वाले देश के चालिस सैनिकों का दम निकाल लेते हैं। यही नहीं आतंकी हमले का जवाब हम सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक से देते हैं। यही नहीं उसे एफ ए टी एफ की ग्रे लिस्ट में डलवा कर उसे इस लायक बना देते हैं कि विश्व में उसे कोई ऋण देकर मदद करने वाला भी नहीं मिलता। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्व बैंक ने भी ऋण देने से इंकार कर दिया।
इतना सब जानने के बाद भी इप हमारे देश में अस्थिरता फैलाने वालों को आप अपने यहाँ उन्हें फलने फूलने का अवसर प्रदान करते रहे। आप शायद भूल गये कि यह भारत न आँख झुका कर बात करता है न आँख उठा कर बात करता है हम सभी देशों से आँख से आँख मिला कर बात करते हैं। यही कारण है कि आपके टूटे हुये दिल के साथ विश्व का कोई भी देश खड़ा नहीं है। जबकि पूरा विश्व हमारे साथ खड़ा है और आपको विवाद आगे न बढ़ाने के लिए समझा रहा है। विवाद आगे बढ़ने में आपका ही घाटा होने वाला है। अगर आप अपनी हरकतों से बाज नहीं आये तो अभी आपको अपने देश में ही विरोध झेलना पड़ रहा है। भविष्य में आप की भी वही हालत होगी कि इप न घर के रहें गे न घाट के रहेंगें। हमें लगता है कि आपका नाम टूडो नहीं पप्पू होना चाहिये। आपकी हरकतें बिल्कुल पप्पू जैसी ही हैं।
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आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव