पहलवान को चुनौती
अनन्त राम श्रीवास्तव
आजकल सहालगें (शादी विवाह का मौसम ) व चुनाव साथ साथ चल रहे हैं। दोनों मैदानों में लोग ताल ठोंक कर अपनी अपनी क्षमता व ताकत का लोहा मनवाने में जुटे हैं। चुनाव के मैदान में जनता जनार्दन को लुभाने के लिए जुबानी तरकश से तरह तरह के व्यंग्य वाण निकाल कर अपने विरोधियों को आहत कर उन्हें मात देने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। वहीं शादी विवाह के मैदान में लड़के व लड़कियां एक दूसरे को प्रभावित कर दाम्पत्य जीवन के समर उतरने को आतुर हैं।
अपनी होने वाली जीवन संगिनी को देखने एक पहलवान गये। उनकी होने वाली जीवन संगिनी चाय नास्ता लेकर आयी और बातों बातों में पूँछा कि आपमें क्या क्या विशेषतायें हैं जिससे प्रभावित हो कर मैं आपसे शादी करने के लिए हाँ कह दूँ।
पहलवान ने बताना शुरू किया। मैं किसी भी पहलवान को पाँच मिनट में चित्त कर सकता हूँ। वजन उठाकर मीलों दौड़ सकता हूँ। एक सांस में सैकड़ों दण्ड बैठक लगा सकता हूँ। किसी को दिन में तारे दिखा सकता हूँ।
लड़की ने कहा तुम किसी को पाँच मिनट में चित्त कर.सकते हो तो मैं भी तुमसे कम नहीं हूँ किसी को भी पाँच मिनट में पिटवा सकती हूँ। तुम वजन उठाकर मीलों दौड़ सकते हो तो मैं किसी को भी अपनी उगलियों पर नचा सकती हूँ। तुम एक सांस में सैकड़ों दण्ड बैठक लगा सकते हो तो मैं भी एक सांस में पूरे मोहल्ले का हाल सुना सकती हूँ। तुम किसी को भी दिन में तारे दिखा सकते हो तो मैं भी अपने सिर पर आसमान उठा सकती हूँ।
हमारे तुम्हारे गुण समान हैं इसलिये यदि तुम मुझसे शादी करने के लिये हाँ कहो तो मैं भी तुमसे शादी करने के लिए हाँ कर सकती हूँ। पहलवान को लगा कि जोड़ी बराबर की है तो उसने तुरंत हाँ कह दी।पहलवान के हाँ कहते ही लड़की ने भी हाँ कर दी।
मित्रो आज की "आप बीती व जग बीती" का अंक आपको कैसा लगा। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराना मत भूलें।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव