मफलरमैन से एडमैन तक पापुलर
अनन्त राम श्रीवास्तव
रविवार अवकाश का दिन होने के कारण मैं सुबह आराम से बैठा चाय पीते हुये सोच रहा था कि आज की "आप बीती व जग बीती" के अंक के लिए किस विषय पर पोस्ट लिखी जाये जो हमारे पाठकों को पसंद आये। मेरी विचार तंद्रा को भंग करते हुये पड़ोसिन भाभी ने अपनी खनकती हुयी मधुर आवाज में कहा लल्ला कहाँ खोये हुये हो ? मैने कहा कुछ नहीं भाभी आप बतायें कैसे आना हुआ सब ठीक ठाक तो है। भाभी ने कहा वैसे तो सब ठीक ठाक है लल्ला पर ये बात समझ में न आय रही है कि "ये एडमैन कौन है बाको टीवी पर बड़ो परचार दिखायी दै रहौ है।
इतने में श्रीमती जी ने बैठक में प्रवेश किया। भाभी को चाय का कप देने के साथ उनके चरण स्पर्श कर मेरे बगल में सोफे पर बैठ गयीं। भाभी जी ने कहा देवरानी जी तुम्ही लल्ला को बताओ एडमैन के परचार के बारे में। श्रीमती जी ने मुझे बताया कि आजकल एक प्रचार आ रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि " जमीनी स्तर पर काम करने की अपेक्षा वो विज्ञापन (एड ) के माध्यम से विकास कार्यों का गुणगान किया करते हैं"।
मैने श्रीमती जी की बात समझते हुये कहा कि अच्छा आप लोग खुजली लाल के बारे में जानना चाहती हैं। अब बारी थी भाभी के चौंकाने की। उन्होंने कहा लल्ला ये कौन है और खुजली लाल से एडमैन कैसे बन गया। मैने कहा भाभी धैर्य रखिये सब बताऊंगा। खुजली लाल का असली नाम कुछ और ही है। पहली बार ये 56 दिन सिंहासन पर बैठे तो उन्हे मिस्टर 56 कहा जाने लगा। उसके बाद लोग इन्हें खुजली लाल कह कर पुकारने लगे तो ये खुजली लाल हो गये। सर्दियों में ये मफलर बाँधते हैं तो लोग इन्हें मफलर मैन भी कहते हैं। ये अपने को हमेशा सुपर डुपर बताते हैं इस लिये कुछ लोग इन्हें " सुपरमैन " भी कहने लगे हैं।
आजकल दो राज्यों में चुनाव चल रहे हैं और ये सज्जन अपने कार्यों के बड़े बड़े विज्ञापनों के माध्यम से जनता को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनकी पार्टी को सत्ता मिली तो वे विकास की गंगा बहा देंगे। चुनाव प्रचार के दौरान वे जनता को मुफ्त सौगातें देने की भी बात करते हैं। इस लिये कुछ लोग इन्हें " रेवड़ी डिस्ट्रीब्यूटर " भी कहने लगें हैं। अब अपने कार्य व्यवहार से वे आगे कौन सा नाम पा जायेंगे ये तो ऊपर वाला ही जाने।
मित्रो जितना मुझे मालूम था उतना मैने भाभी को बता दिया। अगर इन महाशय के बारे में आप और अधिक जानते हों तो मुझे भी अपनी प्रतिक्रिया के माध्यम से बता देना जिससे मैं भाभी की जिज्ञासा शाँत कर सकूँ। इसे आप फेसबुक पेज के अतरिक्त शब्द.इन एप पर भी पढ़ सकते हैं।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव