चोरी हुई अजीब एक..................
अनन्त राम श्रीवास्तव
रविवार अवकाश होने के कारण मैं विलम्ब से सो कर उठा। नित्य क्रिया से निवृत्त होकर जैसे ही मैं बैठक में पहुँचा श्रीमती जी ने " चोरी हुई अजीब एक"गुनगुनाते हुये समाचार पत्र मुझे पकड़ा कर मेरे लिए चाय बनाने किचन में चलीं गयीं। मैं अखबार के पन्ने पलटते हुए सरसरी नजरों से मुख्य समाचारों की हेडिंगो देख रहा था। पड़ोस वाली भाभी ने बैठक में प्रवेश करने के साथ अपनी उपस्थिति का अहसास कराते हुए कहा लल्ला क्या हाल है।
मैंने कहा...
क्या कीजियेगा हाल-ए-दिलेजार देखकर, मतलब निकाल लीजिये अखबार देखकर। भाभी ने कहा वाह लल्ला वाह अबतो तुम शायरी भी करने लगे हो। इतने में श्रीमती जी चाय लेकर आ गयीं। भाभी के साथ मुझे भी चाय का कप पकड़ाते हुये मेरे बगल में बैठ गयीं। श्रीमती जी ने पहल करते हुए कहा भाभी आज के अखबार में एक ऐसा समाचार छपा है कि सुनकर मजा आ जायेगा। मैंने भी उत्सुकतावस पूँछा क्या छपा है।
श्रीमती जी ने कहा चोरी हुई अजीब एक, मैंने कहा ये लाइनें तो तुम पहले भी गुनगुना रही थी। श्रीमती जी ने कहा हाँ लेकिन इस चोरी में उल्टा हुआ है सोना व पैसे के साथ चोर रसोई में रखा आम का अचार व देशी घी भी उठा ले गये। इस पर भाभी ने कहा तब तो उन चोरों की यह आखिरी चोरी साबित होगी। जैसे ही अचार खायेंगे उनके दाँत खट्टे हो जायेंगे और वे चोरी करने लायक ही नहीं रहेंगे।
इसपर श्रीमती जी ने कहा इसके बाद चोरों को कम से कम उस घर में दोबारा चोरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ने यजमान का नमक खा लिया है। पहले लोग जिस घर का नमक खा लेते थे उस घर के साथ कभी भी नमक हरामी नहीं करते थे। अलीबाबा के घर भी जब चोर आये थे तो चोरों के सरदार ने बिना नमक का खाना बनाने को कहा इसी बात पर मरजीना को शक हो गया था। उसने सभी चालिस चोरों को मार डाला। चोरों का सरदार अपनी जान बचा कर भाग गया था। मरजीना के इसी शक ने अलीबाबा व उसके परिवार की जान बचा ली थी।
लेकिन भाभी चोर देशी घी भी तो उठा ले गये। तो क्या हुआ कुत्तों व चोरों को घी हजम नहीं होता है। वे नाशपीटे घी के कारण ही पकड़े जायेंगे।
अगर चोर पकड़े गये तो जो जेवरात व नकदी चुरा ले गये हैं वह भी बरामद हो जायेंगे और देर सबेर यजमान को उनके जेवर व नकदी भी वापस मिल जायेंगे।
तीन चार दिन बाद फिर अखबार में एक समाचार छपा" पुलिस ने घी की सुरागरसी पर चोरों को पकड़ा" चोरी के माल सहित चोर गिरफ्तार। हलका सिपाही गस्त कर रहा था तभी एक घर से आ रही घी की सुगंध पा कर रुक गया। पड़ोसियों से पूँछा कि उस घर में गाय या भैंस पाली जाती है तो उत्तर मिला बकरी तक तो पालते नहीं है। बस फिर क्या था थाने पकड़ ले गया। थाने में जमकर खातिरदारी हुयी तो सब कबूल दिया। मैने श्रीमती जी से कहा भाभी सही कहती थीं कुत्तों व चोरों को घी हजम नहीं होता है। घी ने ही चोरों को पकड़ा दिया।
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आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव