राजनीतिक फिसलन
अनन्त राम श्रीवास्तव
'आज रपट जायें तो हमें न बचइयो, हमें जो बचइयो तो खुद भी फिसल जइयो' फिल्म "नमक हलाल" में अमिताभ बच्चन व स्मिता पाटिल पर फिलमाया गया यह रोमांटिक गाना तो आपको याद ही होगा। अमिताभ बच्चन ने राजनीति में फिसलन का अनुमान लगा कर फिसलने के डर से राजनीति से किनारा कर लिया। वहीं कुछ तथाकथित नेता अपने दल व स्वयं को सत्ता के शीर्ष पर पहुँचाने के लिये लगातार अपनी जुबानी बयानबाजी कर फिसलने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं कि उनकी इस जुबानी फिसलन से करोड़ों बहुसंख्यक आहत होते हैं।
अभी हाल ही में कांग्रेस के एक पुराने नेता ने "गीता में कृष्ण द्वारा अर्जुन को जेहाद का उपदेश दिया है" बयान देकर राजनीति में सनसनी फैलाने व कांग्रेस को एक विशेष समुदाय का हितैषी बताने का प्रयास किया गया। पाटिल के इस बयान पर समाचार चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कांग्रेस पहले भी "रामसेतु" को काल्पनिक बता चुकी है। कांग्रेस के ही अन्य नेता दिग्विजय सिंह, मणि शंकर अय्यर, आदि समय समय पर इस प्रकार की बयानबाजी कर स्वयं को व पार्टी को चर्चा में बनाये रखने का प्रयास करते रहे हैं।
अभी हाल ही में केजरीवाल द्वारा मनीष सिसोदिया को "भगतसिंह" का वंशज बताये जाने पर भी सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरु हो गया था। इसके पूर्व भी कई नेता अपनी अनर्गल बयानबाजी से स्वयं को इतिहास में दर्ज करा चुके हैं। इधर सोशल मीडिया की सक्रियता के चलते कई फिल्मों के निर्माताओं को अनर्गल फिलमांकन का खामियाजा करोड़ों की हानि के रुप में उठाना पड़ा है। इससे भी राजनीतिक दलों व उनके नेताओं ने कोई सबक नहीं लिया। राजनीतिक दलों व उनके नेताओं को भी फिल्मी निर्माताओं की तरह होने वाली हानि का इंतजार है।
भारत की जनता बहुत ही समझदार है। फिल्मी निर्माताओं की तरह राजनीतिक दलों को भी अनर्गल बयानबाजी का जवाब विभिन्न आम चुनाव में मतदान के माध्यम से देती आ रही है। इन नेताओं को भी भविष्य में होने वाले चुनावों में जवाब देगी तभी समझ में आयेगा। पता नहीं लोग खुद को उठाने के लिए क्यों इतना नीचे गिर जाते हैं। यह तो वही बता सकते हैं। इस राजनैतिक फिसलन का दौर थमेगा अथवा चलता रहेगा यह तो अनुमान लगाना मुश्किल है किन्तु इस प्रकार की अनर्गल बयानबाजी करने वाले नेता व दल करोड़ों बहुसंख्यकों के दिलों से जरूर फिसलते जा रहे हैं।
मित्रो आपको आज की "आप बीती व जग बीती" का अंक कैसा लगा। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराना मत भूलें। आप सभी को दीपावली व चित्रगुप्त पूजन की हार्दिक शुभकामनायें।।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव