कायस्थों की वाक्य पटुता
अन्नत राम श्रीवास्तव
एक बार धन की देवी मां लक्ष्मी और मां दरिद्रता देवी में अपनी अपनी सुंदरता को लेकर आपस में तकरार शुरू हो गयी। दोनों देवियां अपने झगड़े के समाधान के लिये भगवान शंकर के पास पहुंची और उनसे पूंछा कि हम दोनों में से सुन्दर कौन है ?
शिवजी ने सोचा मैं इन देवियों के सुंदरता वाले झगड़े में क्यों पडूँ, उन्होंने बात को टालने हेतु दोनों देवियों से कह दिया इसका उत्तर पृथ्वी पर किसी भी नगर में जाकर चित्रगुप्त के वंशजों से पूछो, वही इसका सही उत्तर दे सकते हैं।
दोनों देवियां भेष बदलकर एक नगर में पहुंची और कायस्थ पुरुष के पास जाकर पूंछा कि हम दोनों में से सुन्दर कौन है ? कायस्थ पुरुष समझ कि यह दोनों साधारण महिलाएं नहीं हैं । इसलिये उसने बहुत सोच समझकर कहा कि मेरे घर के सामने वह पीपल का पेड़ है आप दोनों वहां तक चल कर जायें और लौटकर आयें तभी मैं बता पाऊंगा कि आप दोनों में से सुन्दर कौन है ?
दोनों देवियां उस पीपल की ओर चल पड़ीं। जब दोनों पीपल के पड़ को छूकर वापस आईं तो कायस्थ पुरुष से पूछने लगीं कि भाई अब बताओ हम दोनों में से सुन्दर कौन है । कायस्थ पुरुष ने दरिद्रता की देवी जी से कहा कि आप जाते हुये सुंदर दिखती हो और लक्ष्मीजी से कहा कि आप आते हुये सुन्दर दिखती हो।
बुद्धिमान कायस्थ पुरुष का जवाब सुनकर दरिद्रता इतनी प्रसन्न हो गयी कि कभी कायस्थ के घर पर आती ही नहीं है। और मां लक्ष्मी इस जवाब से इतनी गदगद हो गयीं कि कभी कायस्थ के घर से जाती ही नहीं ।