भ्रष्टाचार की 'पूजा'
अनन्त राम श्रीवास्तव
साप्ताहिक अवकाश का दिन होने के कारण मैं विलंब से उठा। नित्य क्रिया और स्नान से निवृत्त होकर मैं ड्राइंगरूम में बैठा श्रीमती जी के साथ गर्मागरम चाय नास्ते का आनन्द ले रहा था। उसी समय पड़ोसिन भाभी ने प्रवेश करते हुए कहा लल्ला ये मुई पूजा सिंगल कौन है? अखबारों में जाकी बड़ी चर्चा होय रही है। लल्ला हमैं भी बताओ मामलो का है।
मैंने भाभी जी का आसय समझते हुए कहा आप "आई. ए. एस. पूजा सिंघल" के बारे में जानना चाहती हैं जिनको प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है। भाभी ने हाँ में सिर हिलाते हुए कहा हाँ वोई वोई।
पूजा सिंघल झारखंड कैडर की आई. ए. एस. अधिकारी हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने मनरेगा में भ्रष्टाचार से काली कमाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। भाभी ने कहा लल्ला कमाई की काली पूजा 'सिंगल' कैसी थी ? का इतनी कुरूप रही कि वाको अब तक कोई छोरा न मिलो जाके साथ सात फेरे ले लेती।
इतनी देर में श्रीमती जी भाभी के लिये चाय लेकर आ गयीं। मैने कहा भाभी पूजा की जाति सिंघल थी। वे सिंगल (कुँवारी) और न ही कुरूप ही थीं। उन्होंने एक नहीं दो बार शादी की थी। उनके दूसरे पति अभिषेक झा एक अस्पताल चलाते हैं। मुई खुद कमाती थी और उसका मरद भी अस्पताल से कमाई करता था तो भ्रष्टाचार से कमाने की क्या जरुरत थी वाको भाभी ने कहा। वो कहते हैं न लल्ला-
अरबों खरबों जोड़िये, करिये लाख फरेब।
साथ नहीं कुछ जायेगा, नहीं कफन में जेब।।
मुई अब जेल में चक्की पीसेगी। भगवान के घर देर है अंधेर न है लल्ला। वाकी लाठी की मार में आवाज न है। हम तो तुम्हाये भैया से भी यही कहती हूँ और तुम्हें भी यही समझाती हूँ भगवान जो रूखी सूखी दे उसी में खुश रहो! दूसरे का हक मार के खुश न रह पाओगे। जो कुछ है सब यहीं धरा रह जायेगा। सच कह रही हो भाभी मैंने कहा। श्रीमती जी ने भी मेरी हाँ में हाँ मिलाते हुये कहा सच है दीदी।
मित्रो आज की "आप बीती व जग बीती" कैसे लगी। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत करना मत भूलें।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव