मार्च में होली, चुनाव और बजट
अनन्त राम श्रीवास्तव
मार्च के महीने में केन्द्र व राज्य सरकारों के साथ हमारी गृहमंत्री भी अपना बजट पेश करती हैं. अपने बजट भाषण में वे अन्य माँगों के साथ साथ त्योहारों का बजट बढ़ाने की माँग करना नहीं भूलती हैं। केंद्र व राज्य सरकारों का बजट चाहे जैसा रहता हो किन्तु हमारे गृहमंत्री का बजट सदैव घाटे का बजट रहता है। इस घाटे को पूरा करने के लिये वे हमेशा साल में मिलने वाले बोनस व मंहगाई भत्ते की किस्त पर हाँथ साफ करती रहती हैं।
इस बार मार्च में होली के साथ चुनाव भी आ गया। बस फिर क्या गृहमंत्री जी ने त्वरित फैसला लेते हुये कहा हम उसी पार्टी को वोट देंगे जो हमें सबसे अधिक रिटर्न गिफ्ट देगी। उन्होंने मुझे शख्त निर्देश देते हुये कहा आप इसमेँ कोई इफ बट नहीं करेंगे। घर का बजट मुझे सम्हालना पड़ता है इस लिये जैसा मैं कहूँ गी आप वैसा ही करेंगे अन्यथा मैं मैके चली जाऊँगी। अपने गृहमंत्री के इस ब्रम्हास्त्र के सामने निरूत्तर होते हुये अपने तर्क रूपी सारे हथियार डाल दिये।
हमारे गृहमंत्री जी लगातार हर पार्टी के घोषणापत्र पर बारीकी से नजर रखते कौन पार्टी क्या क्या रिटर्न गिफ्ट देने की घोषणायें कर रही है। वे बाकायदा शाम को डिनर से पूर्व परिचर्चा का आयोजन करतीं और अपना निर्णय सुरक्षित रख लेतीं । अंत में मतदान से दो दिन पूर्व उन्होंने अपना सुनाते हुये कहा हम इसबार बुल्डोजर बाबा की पार्टी को वोट देंगे। इसमें बाबू जी की पेंशन बढ़ जायेगी, गाँव में जेठजी को किसान सम्मान निधि के साथ एम एस पीभी मिलेगा। लल्ला को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे, ननद जी को होली व दिवाली में दो दो गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे। परिवार को बिजली के बिल में भी छूट मिलेगी। छोटी ननद को कालेज जाने के लिए स्कूटी भी मिल जायेगी। और तो और बाइडेन सहित पूरे विश्व में हमारा सिर गर्व से ऊँचा रहेगा।
अगले ही दिन उन्होंने सुबह महिला मण्डल, दोपहर में लल्ला के दोस्तों व शाम को मेरे मित्रों की बैठक बुलाकर बुल्डोजर बाबा से मिलने वाले फायदे गिना कर उनके पक्ष में मतदान करने व करवाने का फरमान जारी कर दिया। हमारे गृहमंत्री यहीँ नहीं रुके वे हर घंटे में आदेश के क्रियान्वयन की रिपोर्ट लेते व निर्देश देते रहे। अंतिम चरण के मतदान के बाद शाम को जैसे ही एक्जिट पोल की रिपोर्ट आनी शुरू हुईं कि उनकी बाँछें खिल गयीं। मतगणना के बाद बाकायदा उन्होंने प्रसाद बाँट कर अपनी खुशी का इजहार किया।
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अनन्त राम श्रीवास्तव