प्रधान सेवक पलटवार
अनन्त राम श्रीवास्तव
विपक्ष के नेता द्वारा होली की बधाई का पत्र पढ़ने के बाद प्रधान सेवक ने पलटवार करते हुए प्रतिउत्तर में कहा कि आपने जो विदेश से अभियान चलाया उससे हताशा नजर आती है। अच्छा राजनेता वो होता है जो जनता को प्रेरित कर व्यवस्था परिवर्तन का अभियान चलाता है। आप इतनी पुरानी पार्टी के नेता होने के बाद भी जनता को प्रेरित नहीं कर पा रहे हो आपको विदेशी राजनयिकों से सहयोग मांगना पड़ रहा है यह आपकी हताशा और आपकी पार्टी की लोकप्रियता के गिरते हुये ग्राफ को दर्शाता है।
आप हमारे चेहरे पर होली के बहाने कीचड़ लगा कर आनन्द उठाना चाहते थे तो वह अवसर आपको कभी नसीब नहीं होगा। वैसे आप कीचड़ लगाने में माहिर हो इसमें कोई शक नहीं है। आपने कीचड़ का डर दिखा कर अपने प्रधान सेवक को दस साल तक मौनव्रत धारण करने के लिए मजबूर कर दिया था। इसके बावजूद आपका मन नहीं भरा तो पंचायत में पास बिल को फाड़कर उनके मुख पर कीचड़ लगा ही दिया था।
आप अपनी नाकामयाबी का ठीकरा हमारी सफलता पर फोड़ कर जनता को अपने पाले में करना चाहते हो ये संभव नहीं है। ये पब्लिक है सब जानती है। आप हमारी राह में जब भी गड्ढा खोदने का प्रयास करते हो जनता उससे बड़ी खांँही आप और आपकी पार्टी के रास्ते में खोद देती है उससे आप और आपकी पार्टी कभी उबर नहीं पाते।
आपने कहा कि हमारे प्रयासों से विपक्षी दलों की एकता मजबूत हो रही है। आपको बिना शुल्क के सलाह दे रहा हूँ कुत्ता पाल लो, बिल्ली पाल लो मगर गलतफहमी मत पालो। सुशासन बाबू ने जरा सी फूँक मारी कि आप गुब्बारे की तरह फूल गये। दीदी आपको नेता मानने के लिये तैयार नहीं हैं। ए.के. 56 अलग राग अलाप रहे हैं फिर भी आप कह रहे हो कि हमारी विपक्षी एकता मजबूत हो रही है यह आपकी गलत फहमी नहीं तो और क्या है।
आप कहते हो कि आप किसी को बधाई देते नहीं सिर्फ लेते हो। आपको बता दूँ कि जिसके पास जो होता है वह वही देता है। आप व आपकी पार्टी जिंदगी भर जनता से लेते रहे इस लिये आपको देना कैसे आ सकता है। देने के लिये तो बड़ा दिल चाहिए वह आपके पास है नहीं।
मैं आपको शुभकामनायें दे रहा हूँ कि आपको अच्छा और बुरा समझने का ईश्वर विवेक दे दे। यह विवेक न होने के कारण ही आपके वफादार साथी आपका साथ छोड़ते जा रहे। और अंत में महत्वपूर्ण सलाह दे रहा हूँ महात्मा गांधी ने कहा था पाप से डरो पापी से नहीं, आप हमारा व हमारी पार्टी का विरोध करो किंतु विरोध में इतने अंधे मत हो जाओ कि देश का विरोध करने लगो। देश का विरोध पतन का कारण बन जाता है थोड़ा लिखना समझना बहुत।
मित्रो आज की "आप बीती व जग बीती" आपको कैसी लगी। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराने के साथ शेयर करना मत भूलें। चैत्र नवरात्रि व नये विक्रम संवत के शुभारंभ की आप सबको बधाई व शुभकामनायें।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव