ठग से ठगी
अनन्त राम श्रीवास्तव
ठगी के आरोप में जेल में बंद " सुकेश चंद्र शेखर " ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिल्ली के उपराज्यपाल से लिखित शिकायत की है कि जेल में सुरक्षा व सुविधायें दिलाने का वादा कर दिल्ली के ही एक पूर्व मंत्री ने उनसे दस करोड़ रुपये ले लिये। आज कल वह मंत्री भी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में ही मेहमाननवाजी करवा रहे हैं। अब लिखित शिकायत की गयी है तो जरुर ही इस धुवें के पीछे कुछ न कुछ आग अवश्य होगी। लेकिन हाजमोला खाने के बाद भी यह बात हजम नहीं हो रही है कि घाट घाट का पानी पीने वाले एक ठग को एक मंत्री ने ठग लिया।
अगर इस शिकायत में कोई दम है तो दिल्ली सरकार को अपने उस मंत्री का विभाग बदल कर " ठगी " विभाग का मंत्री बना देना चाहिए। दिल्ली के सर्वांगीण विकास के के लिये यह आवश्यक भी है कि जो मंत्री जिस कार्य में दक्ष (कुशल) हो उसे उसी विभाग का मंत्री बनाया जाना चाहिये। जिससे वह दिल्ली के साथ साथ पार्टी के लिये भी बेहतर कार्य कर सके। अब बात शिकायत की आती है तो जाँच का विषय यह होना चाहिये कि जिस कार्य के लिए उक्त धनराशि का लेन देन हुआ था उक्त कार्य धनराशि लेकर किया गया कि नहीं, यदि नहीं किया गया है तो "अमानत में खयानत " का मामला तो बनता ही है। इसी के साथ मंत्री जी की इस बदनियती से उनकी सरकार की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान भी खड़ा कर दिया है। सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उसकी साख (लोकप्रियता) पर बट्टे के समान होता है। किसी भी सरकार का मुखिया भाई भतीजा वाद, भ्रष्टाचार सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है पर सरकार की साख पर बट्टा नहीं बर्दाश्त कर सकता है क्योंकि साख सरकार के लिए प्राणवायु का काम करती है। जब प्राणवायु ही नहीं होगी तो सरकार के अस्तित्व पर संकट आ जायेगा और यह किसी भी सरकार के लिये शुभ संकेत नहीं है।
इसी के साथ जाँच का विषय यह भी है कि जाँच किससे करायी जाये? दिल्ली पुलिस, सी. बी. आई. या किसी और एजेंसी से। इसी के साथ यह भी तय होना चाहिये कि जाँच अधिकारी व जाँच एजेंसी दोनों दूध के धुले होने चाहिये। आपने रोटी फिल्म का यह गाना तो जरूर सुना होगा " यार हमारी बात सुनो ऐसा एक इंसान चुनो जिसने पाप न किया हो जो पापी न हो" अगर पापी अर्थात दूध का धुला न हुआ तो रिश्वत लेकर फाइनल रिपोर्ट लगा देगा और पूरा मामला ठंढे बस्ते में चला जायेगा। मेरी नजर में एक ही व्यक्ति है जो दूध का धुला भी है और भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली में केन्द्र सरकार के खिलाफ भी ताल ठोंक चुका है। उसको जाँच सौंप दी जाये तो ये लोग भी न नुकुर नहीं करेंगे क्योंकि इन सभी लोगों ने सत्यनिष्ठा की दीक्षा उसी से ली है यह बात दूसरी है कि गुरू दक्षिणा आज तक नहीं दी है। आपकी नजर में भी कोई दूध की धुली जाँच एजेंसी हो तो एलजी को सुझाव दे सकते हैं।
मित्रो मेरे लिए तो दिल्ली दूर है आप लोग अगर दिल्ली के पास रहते हों तो पता करना कि वहीं ठगी विभाग है कि नहीं इसी के साथ यह भी पता कर लेना कि दिल्ली में सरकार चलाने वाली पार्टी में अन्य प्रकोष्ठों की तरह ठग प्रकोष्ठ है कि नहीं यदि अन्य प्रकोष्ठों के साथ ठग प्रकोष्ठ हो तो मैं भी उसके अंर्तगत अपनी क्षमता को धार देना चाहता हूँ ताकि मैं "व्यंग " के माध्यम से आप सभी का दिल 'दिल्ली सरकार की तरह मुफ्त की योजनाओं' की सौगात देकर आप सभी का दिल जीत सकूँ।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव