सो बिलगाऊ बिहाई समाजा.............
अनन्त राम श्रीवास्तव
रविवार का अवकाश होने के कारण मैं आराम से बैठा रेडियो पर प्रसारित होने वाले 'राम चरित मानस' का आनन्द ले रहा था ...
जनकपुर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम द्वारा धनुष तोड़ देने के बाद लक्ष्मण व परशुराम के मध्य संवाद चल रहा था। परशुराम जी लक्ष्मण से कह रहे थे....
"सो विलगाऊ बिहाई समाजा नत मारे जइंहै सब राजा" उसी समय पड़ोसिन भाभी ने प्रवेश करते हुए कहा "इस चौपाई का अर्थ भी बताओ लल्ला" मैं पड़ोसिन भाभी को उस चौपाई का अर्थ बता पाता कि उसी समय अन्दर से श्रीमती जी ने बैठक में प्रवेश करते हुए कहा "सुनो जी ये ई डी कौन है जो दनादन छापेमारी कर नोटों पे नोट निकाले जा रहा है। मैं असमंजस में फंस गया कि किसको पहले बताऊँ। मैंने बीच का रास्ता निकालते हुए कहा आप दोनों सुनो!
परशुराम रुपी ई डी ( प्रवर्तन निदेशालय ) लक्ष्मण से कह रहा है भ्रष्टाचार करने वाला मंत्री विधायक कोई भी हो वह अपने समर्थकों को छोड़ कर अलग हो जाये अथवा उसके समर्थक भ्रष्टाचारी को छोड़कर अलग हो जायें नहीं तो दोनों को जेल की हवा खानी पड़ेगी।
इस पर भाभी खिलखिला कर हँस पड़ी बोलीं " वाह लल्ला अब तो तुम बड़े सयाने हो गये हो, भाभी व पत्नी दोनों का मान रखते हुए दोनों को खुश करने की कला कोई तुमसे सीखे" श्रीमती जी भी कहाँ पीछे रहने वाली थीं उन्होंने भी भाभी की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा आप सही कह रही हो भाभी। इन्होंने हम दोनों को खुश करने के चक्कर में सब गुड़ गोबर एक कर दिया। भाभी ने भी श्रीमती जी का समर्थन करते हुए कहा सो तो है देवरानी।
मैंने सैंडविच की तरह दोनों के मध्य स्वयं को फंसता देखकर वार्तालाप की दिशा बदलते हुए कहा सुबह सुबह भाभी आयीं हैं इन्हें चाय नहीं पिलाओगी। मेरा आसय समझकर श्रीमती जी चाय बनाने के लिए किचेन में चली गयीं तो मैंने राहत की सांस ली। भाभी ने मेरी मनोस्थिति समझते हुए कहा बच गये लल्ला। मैंने भी समर्पण करते हुए कहा " मैं समझ गया था कि आज देवरानी जेठानी मिलकर मेरा बैण्ड बजाने वाली हो।
भाभी ने भी मुक्त भाव से मेरी बात से सहमति जताते हुए कहा लल्ला हम औरतों के पास यही तो अस्त्र होता है जिससे हम आदमियों पर अंकुश रखती हैं। इस परिहास से मुझे समझ में आ गया कि "एक औरत अबला दो औरतें बला, तीन औरतें मिलकर किसी के सिर को बना सकती हैं तबला"
मित्रो आज का " आप बीती व जग बीती" का अंक आपको कैसा लगा। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत करना मत भूलें। अच्छा लगे तो अपने मित्रों से भी पढ़ने का अनुरोध अवश्य करें। आप सभी को श्रावण मास में पड़ने वाले सभी त्योहारों की हार्दिक शुभकामनायें।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव