तुझे बेआबरु कर तेरे कूचे से हम निकले
अनन्त राम श्रीवास्तव
आजादी के अमृत महोत्सव की खुमारी अभी उतरी भी नहीं थी कि अपने चचा "आजाद" ने लोकोक्ति की दशा व दिशा दोनों बदल कर अमृत महोत्सव की खुमारी में और इजाफा कर दिया। अब आजाद चचा की चारो तरफ बल्ले बल्ले हो रही है वहीं "भैया व मम्मी" की चारो तरफ थू थू हो रही है।
भैया ने जब से पार्टी की कमान संभाली तब से चचा को लगातार अपमानित करते आ रहे थे। जबकि आजाद चचा ने भैया की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया पर कभी किसी ने उनकी वफादारी में खोट नहीं निकला। अब भैया आये दिन उनकी वफादारी में खोट निकाल कर उन्हें अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं इस लिये क्षुब्ध होकर चचा ने पार्टी क्या छोड़ी भैया के ऊपर इतने संगीन आरोप लगाये कि भैया कपड़े पहने हुए भी सरेआम नंगे नजर आने लगे। इस तरह आजाद चचा ने "बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले" को बदल कर "तुझे बेआबरू कर तेरे कूचे से हम निकले" कर नयी लोकोक्ति का नया अर्थ गढ़ दिया।
यूँ तो भैया आजकल विदेश में सैर सपाटा कर रहे हैं किन्तु आजाद चचा ने अपने आरोपों से जो कीचड़ के छींटे भैया के सफेद कुर्ते पर डाले हैं उन्हें विदेशी लाँड्री से भी भैया साफ नहीं करवा पायेंगे। चचा के ये आरोप कहीं भैया के राजनीतिक कैरियर के ताबूत में आखिरी कील न साबित हों? और भैया राजनीति के हासिये में चले जायें। खुदा खैर करे अगर कहीं हमारी आशंका सच साबित हो गयी तो भैया की पार्टी तो रसातल में जायेगी जायेगी बीमार मम्मी को जो झटका लगेगा उससे उनकी हालात और पतली हो जायेगी। राजनीति के मैदान में पर्दापण करने वाली दीदी भी इस गम को बर्दाश्त नहीं कर पायेंगी। इस सदमें में कहीं दीदी राजनीति से संन्यास न ले लें। अगर ऐसा हुआ तो पार्टी के साथ परिवार का भी बंटाधार होना तय है।
आजाद चचा के आरोपों की फेरहिस्त देखिये। दूरदर्शी संकेतक (रिमोट ) से पार्टी चलाने का आरोप, पंचायत में पारित प्रस्ताव (अध्यादेश) की प्रति सार्वजनिक रूप से फाड़कर पंचायत (संसद) व मौनी बाबा की इज्जत आफजाई करने का गंभीर आरोप लगाया है। इन आरोपों के माध्यम से चचा ने भैया की काबिलियत पर ही सवालिया निशान लगा दिया। यही नहीं चचा ने भैया के पप्पू होने पर भी फाइनल मोहर भी लगा दी। भैया जो पी. एम. बनने का ख्वाब देखा करते थे वो मुंगेरीलाल के सपने जैसा साबित होगा। अब शायद भैया एमपी भी न बन पायें। खुदा न खास्ता अगर ये हो गया तो चचा की नव सृजित लोकोक्ति "तुझे बेआबरू कर तेरे कूचे से हम निकले" सच साबित हो जायेगी।
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