मोदी शरणम गच्छामि
अनन्त राम श्रीवास्तव
रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू होते ही विश्व की महाशक्तियों सहित कई देश मोदी शरणम की गुहार लगा रहे हैं। यूक्रेन व रूस के राष्ट्रपति आये दिन सलाह मशविरा करने के साथ समझौता करवाने का लगातार अनुरोध करते आ रहे हैं। अभी हाल ही में रूसी विदेश मंत्री ने भारत दौरे के दौरान अपने बयान में कहा कि उन्हें "मोदी" की निष्पक्षता पर पूरा विश्वास है। वे यदि मध्यस्थता करते हैं तो उसका स्वागत है।
अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीद कर रूस की जो मदद की उससे रूस गदगद है। चीन पर रूस की मदद करने को लेकर अमेरिका ने उसपर प्रतिबंध लगा दिये किन्तु भारत पर प्रतिबंध लगाने से पीछे हट रहा है। यही नहीं भारत द्वारा रूस से रूबल में लेनदेन शुरू करने पर अमेरिका को अपने "डालर" की शाख गिरने की आशंका नजर आने लगी है इसी आशंका के चलते वह भारत से अनुरोध कर रहा है कि अन्य देशों से "डालर" में व्यवसाय जारी रखे।
भारत की रणनीति देखकर पाकिस्तान और चीन भी वाह वाह कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री ने तो भारत का दौरा कर उसके कदमों की सराहना करने के साथ विश्व मंच पर उसके साथ मिलकर चलने की भी इच्छा जताई। ताइवान तो लगातार चीन से निपटने के लिये भारत से सलाह लेता रहता है नेपाल के प्रधान मंत्री भी श्रीलंका की हालत देखकर भारत से सहायता की आशा लेकर भारत दौरे पर हैं।
श्रीलंका में चीन की मेहरवानी से "मंहगाई बम"फूटने के बाद भारत से सहायता का अनुरोध कर रहा है। भारत भी खाद्यान्न व अनय रूप में सहयोग देकर मंहगाई से लड़ने में मदद कर रहा है। फ्रांस तो संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत को बड़ी भूमिका देने की वकालत कर चुका है। तुर्की व इजरायल द्वारा रूस यूक्रेन युद्ध समाप्त कराने में असफलता मिलने के बाद भारत से दोनों देशों के मध्य सुलह कराने का अनुरोध कर चुका है जिससे विश्व पर युद्ध का दुष्प्रभाव पड़ने से रोका जा सके।
इस प्रकार विश्व अधिकांश राजनेता विभिन्न समस्याओं को लेकर भारत के प्रधान मंत्री "मोदी" से गुहार लगा रहे हैं।मोदी जी भी सभी को यथोचित सलाह दे कर उनका मार्ग दर्शन कर रहे हैं। इसे ही कहते हैं कि मोदी हैं तो मुमकिन है।
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आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव