हिंदुस्तान के महान क्रिकेटर ों में शुमार कुमार श्री रणजीत सिंहजी के नाम एक अद्भुत कीर्तिमान है । अंग्रेजों की तरफ से खेल ने वाले इस भारतीय दिग्गज ने आज ही के दिन (22 अगस्त) 1896 में इतिहास रचा था । दरअसल. उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक ही दिन दो शतक लगाने का करनामा किया था । रणजीत सिंहजी ने एक महीने पहले ही इंग्लैंड की ओर से टेस्ट (जुलाई 1896) में पदार्पण करते हुए नाबाद 154 रन बनाए थे और उसी फॉर्म को जारी रखते हुए इंग्लैंड के शहर होव में ससेक्स की ओर से खेलते हुए यॉर्कशायर के खिलाफ एक ही दिन में दो शतकीय (100 और नाबाद 125 रन) पारियां खेली थीं ।
ससेक्स की ओर से खेलते हुए किया था कारनामा : यॉर्कशायर ने पहले खेलते हुए अपनी पहली पारी 407 रन बनाए । जवाब में ससेक्स की टीम तीसरे दिन रणजीत सिंहजी के शतक (100 रन) के बावजूद 191 रनों पर सिमट गई और फॉलोऑन नहीं बचा पाई । इसके बाद फॉलोऑन पारी में एक बार फिर रणजीत सिंहजी ने नाबाद 125 रन बना डाले और एक ही दिन दो शतक लगाने का करिश्मा कर दिखाया । रणजीत सिंहजी के शतक की बदौलत ससेक्स ने 260/2 रन बना मैच बचा लिया ।
रोचक तथ्य : -इसके साथ ही एक ही मैच में दो शतक लगाने वाले ससेक्स के तीसरे बल्लेबाज बने । लेकिन इससे भी बढ़कर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में एक ही दिन दो शतक जमाने वाले एकमात्र क्रिकेटर बने ।
l रणजीत सिंहजी के बाद से किसी भी बल्लेबाज ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऐसा कारनामा नहीं किया है । हालांकि वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते हुए मैथ्यू एलियट ने 31 दिसंबर 1995 को 104 रन और उसके बाद फॉलोऑन पारी में 135 रन बनाए थे । तब एलियट ने पहली पारी में एक दिन पहले 98 रन बनाकर नाबाद रहे थे । इस वजह से एलियट के शतकों की तुलना रणजीत सिंहजी से नहीं की जा सकती ।
l हाँ, स्पेन के बल्लेबाज तारिक अली अवान ने 4 सितंबर 2012 को यूरोपियन चैंपियनशिप डिविजन-2 टी-20 में एक ही दिन नाबाद 150 और 148 रनों की पारी खेली थी । तब एस्टोनिया के खिलाफ तारिक ने 66 गेंदों में नाबाद 150 और उसी दिन अगले मैच में पुर्तगाल के खिलाफ सेमीफाइनल में 148 रन बनाए थे । हालांकि उनकी टीम फाइनल में स्थान बनाने से चूक गई ।
रणजीत सिंह जी का कैरियर :
1) रणजीत सिंहजी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड की तरफ से 15 टेस्ट खेले, भारत के लिए कभी कोई मैच नहीं खेला ।
2) वह पहले भारतीय रहे जिन्होंने इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट क्रिकेट खेले ।
3) उन्होने 989 टेस्ट रन 44.95 की औसत से बनाए, उनका उच्चतम स्कोर 175 रहा ।
4) 1915 में रणजी शिकार के वक्त जख्मी हो गए और दाईं आंख की रोशनी खो बैठे ।
5) देश का प्रतिष्ठित फर्स्ट क्लास क्रिकेट टूर्नामेंट “रणजी ट्रॉफी” इन्हीं के नाम पर है ।
( 121 साल पहले आज ही के दिन इस 'भारतीय दिग्गज' ने रचा था इतिहास और जड़ा था, दोहरा शतक )
( सौजन्य : DailyHunt )