“हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया..” आपने यह गाना तो जरूर ही सुना होगा, लेकिन हकीकत यही है कि यूं धुआं उड़ाने से फिक्र नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी के बेशकीमती लम्हें ही उड़ते चले जाते हैं । तम्बाकू धूम्रपान से होने वाले नुकसान से शायद ही कोई वाकिफ न हो, ऐसा विरला व्यक्तित्त्व शायद ही मिलेगा ।
जी हाँ, तम्बाकू एक धीमा जहर है, जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे धकेलता रहता है । लोग जाने अनजाने मे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते है, धीरे धीरे शौक लत में परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है । इस सम्बंध में एक शायर ने क्या खूब कहा है –
कौन कमबख्त पीता है मजा लेने के लिए,
हम तो पीते हैं क्योंकि पीनी पड़ती है !!!
तम्बाकू उत्पादों का सेवन अनेक रूप में किया जाता है, जैसे बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, जर्दा, खैनी, हुक्का, चिलम आदि । सिगरेट, बीड़ी और हुक्के का हर कश एवं गुटखे, जर्दे, खैनी की हर चुटकी हर पल मौत की ओर ले जा रही होती है ।
“सत्यानाश : तुम्हारा, मेरा और कुटुम्ब का अर्थात तम्बाकू” यह सूत्र हम लोग बचपन से पढ़ाई के दौरान से आज तक सुनते आ रहे है । वर्तमान समय में, यही ‘तम्बाकू’ हमारे समाज की भयानक बुराई बन चुकी है । गम्भीर चिंता का विषय यह है कि, दिनो-दिन हमारा युवा वर्ग इसकी चपेट में आता जा रहा है । सूत्रो के अनुसार विश्व में लगभग 1300 लाख से अधिक लोग धूम्रपान करते है । तम्बाकू के प्रयोग से मृत्यु पाने वाले की संख्या लगभग 490 लाख है । यदि यही स्थिति बनी रहती है तो वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 100 लाख जितना होगा; जिसमें से 70% व्यक्ति भारत जैसे विकासशील देश ों के शामिल है । इन असामयिक मृत्यु दर को रोकने के उपायों की अहम भूमिका सरकार और कानून निर्माताओं की होती है; इसके बावजूद भी, तम्बाकू के उपयोग के विरुद्ध मुहिम में सम्पूर्ण समाज के जुडने की आवश्यकता है ।
जिंदगी परमात्मा का दिया हुआ सबसे खूबसूरत तोहफा है । इस नायाब तोहफे को कुछ लोग तो बहुत संजो कर रखते है, पर कुछ इस तोहफ़े को शराब, ड्रग्स, तम्बाकू जैसी चीजों से बदनुमा और बदसूरत कर देते है । लेकिन जिंदगी को बदसूरत बनाने वाली, ये चीजें अक्सर जिंदगी को ही खत्म कर देती है । तम्बाकू भी एक ऐसा ही पदार्थ है जो विश्व भर के लाखों लोगों की खूबसूरत जिंदगी को ना सिर्फ बदसूरत बना देता है बल्कि उसे पूरी तरह खत्म ही कर देता है । तम्बाकू ना सिर्फ जिंदगी तबाह कर देती है बल्कि जिस अंदाज से यह जिंदगी को खत्म करता है, वह बेहद ही दयनीय और दर्दनाक होता है । मुँह और गले का केन्सर इसी तम्बाकू की ही देन है ।
तम्बाकू की लत के कारण : कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पडकर कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र में खुद को बडा दिखाने की चाहत में, तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक, कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता है । अधिकतर लोग किशोरावस्था या युवावस्था में दोस्तों के साथ सिगरेट, गुट्खा, जर्दा, आदि का शौकिया रूप में सेवन करते है और यह शौक कब आदत एवं आदत से लत मे बदल जाती है पता ही नहीं चलता और जब तक पता चलता है तब तक शरीर को बहुत नुकसान पहुँच चुका होता है ।
तम्बाकू उत्पादों के सेवन से नुकसान : तम्बाकू में मादकता या उतेजना देने वाला मुख्य घटक निकोटीन (Nicotine) है, यही तत्व सबसे ज्यादा घातक भी है । इसके अलावा तम्बाकू मे अन्य बहुत से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व भी पाये जाते है । परिणामस्वरूप तम्बाकू उत्पादों के सेवन से निम्नलिखित नुकसान होने की सम्भावनाएं अधिक है :-
- v धूम्रपान एवं तम्बाकू खाने से मुँह ,गला, श्वासनली व फेफडोँ का कैंसर (Mouth, throat and lung cancer ) होता है;
- v दिल की बीमारियाँ (Heart Disease );
- v धमनी काठिन्यता,उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure );
- v पेट के अल्सर (Stomach Ulcer );
- v अम्लपित (Acidity);
- v अनिद्रा (insomnia) आदि रोगों की सम्भावना तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बढ़ जाती है ।
धूम्रपान, जर्दा, खैनी आदि नशा छोडने के उपाय :
1. नशा छोड़ने का मन से दृढ़ निश्चय करें ।
2. यदि नशा एक बार में झटके से छोड़ना मुश्किल लगे तो धीरे धीरे मात्रा कम करते हुए छोड़ें ।
3. अपने सभी मित्रों, परिचितों को बता दें कि, आपने नशा छोड दिया है ताकि वे आपको नशा करने के लिये बाध्य ना करें ।
4. डायरी लिखें कि, आप कब और कितनी मात्रा मे नशा करते हैं, क्या कारण है; जो आपको नशा करने के लिये प्रेरित होते हैं ।
5. अपने पास सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, एवं माचिस आदि रखना छोड दें ।
6. अपने खान पान एवं डाइनिक लाइफ स्टाइल में सुधार करें ।
नशा छोड़ने के आयुर्वेदिक तरीके :
ü 50 ग्राम सौंफ एवं इतनी ही मात्रा में अजवायन लेकर तवे पर भूने, थोडा नींबू का रस एवं हल्का काला नमक डाल लें । एक डब्बी में रखकर हमेशा अपनी जेब में रख लें । जब भी सिगरेट एवं तम्बाकू आदि की तलब लगे तो कुछ दाने मुँह में रख लें एवं चबाते रहे इससे तलब कम होगी, अजीर्ण (indigestion), अरुचि (Anorexia), गैस (Gas, Acidity) में आराम मिलेगा ।
ü गुनगुने पानी मे नींबू का रस एवं शहद डालकर पीना, तलब को कम करता है तथा नशे के विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है ।
ü एक पुडिया मे सूखे आँवले के टुकडे, इलायची, सौंफ, हरड के टुकडे रखें ताकि जब तलब लगे तो कुछ टुकडे मुँह में रखें और चबाते रहें इनसे तलब (Craving) तो कम होती ही साथ ही खट्टी डकार, भूख ना लगना (lack of appetite ), पेट फूलने में आराम मिलता है ।
नशा छोड़ते वक़्त आने वाली सम्भावित परेशानियाँ : सिगरेट ,बीड़ी,एवं अन्य तम्बाकू उत्पादों का नशा छोड़ने पर अनेक लक्षण उत्पन्न हो जाते है जो बहुत परेशान करते है; इन्हे विड्रावल लक्षण (Withdrawal Symptoms) कहते है जैसे- चिंता (Stress, anxiety), बेचैनी (Restlessness), भूख ना लगना (lack of appetite ), ह्रदय की धडकन बढना (Palpitation), नींद ना आना (lack of sleep), ज्यादा पसीना आना (Excessive sweating), नशे की तीव्र इच्छा होना (Craving), अवसाद (Depression), सिर दर्द इत्यादि ।
विड्रावल लक्षणों की गम्भीरता इस बात पर निर्भर करती हैं कि, व्यक्ति नशा कितने समय से और कितनी मात्रा मे कर रहा है तो ऐसी स्तिथि मे आयुर्वेद की जड़ी बूटियां एवं औषधियां बहुत फायदेमंद होती हैं, जैसे-असगंध, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, जटामांसी, आंवला, हरड, त्रिफला, मुलहठी, सौंफ, इलायची, लवण भास्कर, द्राक्षासव, अश्वगंधा अवलेह, अग्निटुंडी इत्यादि बहुत उपयोगी हैं; जिन्हे चिकित्सक की राय से सेवन किया जा सकता है ।
धूम्रपान छोड़ने से फायदे : जब उनको धूम्रपान के नुकसान का अंदाजा होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. जिस सिगरेट को वो पहले शान से पीते थे उसी व्यक्ति को फिर सिगरेट पीने लगती है । अगर आपमें भी यह बुरी आदत है तो इसे जल्द से जल्द छोड़ दे । धूम्रपान छोड़ने से आपकी सेहत में काफी फर्क भी देखने को मिलेगा । धूम्रपान छोड़ने से होने वाले कुछ अहम फायदे निम्न है :-
· धूम्रपान बंद करने के 12 मिनट के भीतर ही आपकी उच्च हृदय गति और रक्त चाप में कमी दिखने लगेगी । 12 घंटे बाद अपने खून में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर घटकर सामान्य पर पहुँच जाएगा । वहीं दो से 12 हफ्तों में आपके शरीर के भीतर खून के प्रवाह और फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाएगी ।
· धूम्रपान छोड़े हुए एक साल बीतते-बीतते आप में दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा धूम्रपान करने वालों की तुलना में आधा तक रह जाएगा । वहीं पांच साल तक पहुँचने पर मस्तिष्काघात का खतरा नॉन स्मोकर के स्तर पर पहुँच जाएगा ।
· दस साल तक अपने-आपको धूम्रपान से दूर रखने पर आप में फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा धूम्रपान करने वाले की तुलना में आधे पर पहुँच जाएगा । वहीं मुंह, गले, मूत्राशय, गर्भाशय और अगन्याशय में कैंसर का खतरा भी कम हो जाएगा ।
· धूमपान छोड़ने पर आपकी जीवन प्रत्याशा में भी इजाफा होगा । अगर आप 30 वर्ष की उम्र से पहले ही धूम्रपान की लत से तौबा कर लेते हैं तो धूम्रपान करने वालों की तुलना में आपकी औसत आयु करीब 10 साल तक बढ़ जाएगी । लेकिन धूम्रपान छोड़ने में देर करने से आपकी जिंदगी भी छोटी होती चली जाएगी ।
· धूम्रपान छोड़ने से आप में नपुंसकता की आशंका कम होती है । इसके अलावा महिलाओं में गर्भधारण में कठिनाई, गर्भपात, समय से पहले जन्म या जन्म के समय बच्चे का वजन बेहद कम होने जैसी समस्याएं भी कम होती है ।
· आपके धूम्रपान से तौबा करने पर आपके बच्चों में भी परोक्ष (सेकंड हैंड) स्मोकिंग से होने वाली श्वास सम्बन्धी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है ।
· इन सबके अलावा धूम्रपान छोड़ना आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद हैं । मान लें अगर आप औसतन प्रतिदिन 10 सिगरेट पीते हैं और एक सिगरेट की कीमत 10 रुपये है, तो आप साल भर में ही 36,500 रुपये बस धूम्रपान में ही फूंक डालते हैं । सोचें इन पैसों से आप कुछ तो बेहतर काम कर ही सकते हैं ।
विश्व ‘तम्बाकू निषेध दिवस’ 2018 : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की है कि विश्व ‘ तम्बाकू निषेध दिवस ’ 2018 में तम्बाकू और हृदय रोग के बीच महत्वपूर्ण लिंक पर ध्यान केंद्रित करेगा । ध्यान रहे कि, हर साल, 31 मई को, डब्ल्यूएचओ और उसके सहयोगी, जिनमें वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (WHF) भी शामिल है, विश्व ‘तम्बाकू निषेध दिवस’ और तम्बाकू के उपयोग से जुड़े अन्य जोखिमों और तम्बाकू की खपत को कम करने के लिए प्रभावी नीतियों के मुद्दों को चिह्नित करते हुए कार्डियोवैस्कुलर बीमारी पर फोकस करेंगे । इस अभियान का उद्देश्य तम्बाकू और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी (सीवीडी) के बीच के लिंक पर जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य है, जिसमें स्ट्रोक भी शामिल है, जो दुनिया का मौत का प्रमुख कारण है । कार्डियोवैस्कुलर बीमारी दुनिया भर में मौत के किसी भी अन्य कारण की तुलना में अधिक लोगों को मारती है . यह अभियान सफल कार्यों और उपायों को भी बढ़ावा देगा जो सरकारें और जनता तम्बाकू द्वारा उठाए गए स्वास्थ्य जोखिम पर पड़ सकती हैं ।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2018 का लक्ष्य है :
- § उत्पादों और दिल और अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के बीच सम्बन्धों को हाइलाइट करें ।
- § तम्बाकू के उपयोग और कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के जोखिम में जागरूकता बढ़ाएं ।
- § दिल, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धताओं को बनाने के लिए जनता, सरकारों और दूसरों के लिए अवसर प्रदान करें ।
- § डब्ल्यूएचओ एफसीटीसी में सिद्ध एमपीओएआर तम्बाकू नियंत्रण उपायों के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए देशों को प्रोत्साहित करें ।
प्रतिवर्ष 31 मई को ’तम्बाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है, जिसमे यह सन्देश दिया जाता है की तम्बाकू का उपयोग करना हमारे जीवन को कितना नुकसान पहुंचा सकता है । आइये इस अवसर पर हम संकल्प लें कि खुद भी नशा नही करेंगे और अन्य लोगो को भी नशा ना करने के लिये प्रोत्साहित करेंगे । धूम्रपान को अपनी लाइफ से Exit करे और अपनी life को बेहतर और खुशहाल बनाएँ ।
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धूम्रपान है दुर्व्यसन, मुँह में लगती आग,
स्वास्थ्य, सभ्यता, धन घटे, कर दो इसका त्याग...
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Tobacco threatens us all, endangering our health, increasing poverty and damaging the environment. But tobacco control helps communities be stronger and healthier, and enables countries to develop more sustainable futures. Tobacco control is also a critical element of the 2030 Agenda for Sustainable Development.
More information:
http://www.who.int/campaigns/no-tobac...
WHO: World No Tobacco Day 2017 - Tobacco: a threat to development - YouTube