पूरे विश्व के लोगों को तम्बाकूमुक्त और स्वस्थ बनाने के लिए तथा सभी स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिए तम्बाकू चबाने या धूम्रपान के द्वारा होने वाले सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से लोगों को आसानी से जागरुक बनाने के लिए पूरे विश्व भर में एक मान्यता-प्राप्त कार्यक्रम के रुप में मनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) द्वारा पहली बार 'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' को आरम्भ किया गया । इसे पहली बार 7 अप्रेल 1988 को डबल्यूएचओ की वर्षगाँठ पर मनाया गया और बाद में हर वर्ष 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की गई ।
इसे मनाने का मूल कारण, पूरे विश्व से किसी भी रुप में तम्बाकू का सेवन पूरी तरह से रोकने या कम करने के लिए लोगों को बढ़ावा देने और जागरुकता के विचार लाना है । साथ ही इसकी जटिलताओं के एवं तम्बाकू इस्तेमाल के नुकसानदायक प्रभाव के संदेश को फैलाने के लिए वैश्विक तौर पर लोगों का ध्यान खींचना ही इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है । इस अभियान में कई वैश्विक संगठन शामिल होते हैं जिसमें विभिन्न देश, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन इत्यादि के साथ-साथ स्थानीय लोक जागरुकता के कार्यक्रम आयोजित करते हैं ।
निकोटीन की आदत स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक और जानलेवा होता है और मानसिक रोगों का जन्मदाता होने से ड्रग्स, शराब, हेरोइन आदि की तरह यह मस्तिष्क में डोपामाइन पथ को रोक देता है; इसके बावजूद, बहुत सारे युवा तम्बाकू सेवन का उपयोग या तो साथियों के दबाव या जिज्ञासावश करते हैं । तम्बाकू का सेवन विभिन्न तरीके जैसे कि सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, हुक्का तथा कई अन्य रूपों में किया जाता है । तम्बाकू में अत्यधिक नशे की आदत वाला निकोटीन नामक पदार्थ होता है । निकोटीन आपको कुछ समय के लिए बेहत्तर महसूस कराता हैं, लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग, आपके हृदय, फेफड़े और पेट के साथ-साथ आपके तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित करता हैं । एक अवधि के बाद, व्यक्ति का शरीर, शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर निकोटीन का आदी हो जाता है तथा जीवित रहने हेतु क्रियाएँ जैसे खाना और पीने वाले भोजन और द्रव की तरह शरीर के लिए निकोटीन की जरुरत के बारे में गलत संदेश भेजने के लिए दिमाग को तैयार करता है और अंत में व्यक्ति गंभीर स्वास्थ्यगत समस्याओं से पीड़ित हो जाता है । ध्यान रहे, निकोटीन जनित बीमारियों का उपचार अत्यंत ही कठिन और खर्चीला है । यद्यपि जीवन को बचाने के लिए अनेक स्वास्थ्य संगठनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के निकोटीन की लत छुड़ाने के तरीके उपलब्ध करवाए गए हैं साथ ही तम्बाकू उत्पाद या तम्बाकू के प्रचार, विज्ञापन और प्रायोजन को डबल्यूएचओ द्वारा प्रतिबंधित कर दिया है ।
खतरे की घंटी : तम्बाकू के सेवन से हर वर्ष 10 में कम से कम एक व्यक्ति की मौत जरुर हो जाती है जबकि पूरे विश्व भर में 1.3 बिलियन लोग तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं । 2020 तक 20-25% तम्बाकू के इस्तेमाल को घटाने के द्वारा हम लगभग 100 मिलीयन लोगों की असामयिक मृत्यु को नियंत्रित कर सकते हैं । जो कि सभी धूम्रपान विरोधी प्रयासों और कदमों को लागू करने के द्वारा मुमकिन है जैसे तम्बाकू के लिए टीवी या रेडियो विज्ञापन पर बैन लगाया जाए, खतरों को दिखाते नए और प्रभावकारी लोक जागरुकता अभियान की शुरुआत और सार्वजनिक जगहों में धूम्रपान को रोकने की जरुरत है । आँकड़ों के अनुसार, ये ध्यान देने योग्य है कि 1995 में लगभग 37.6% धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या में कमी आयी है जबकि 2006 में ये 20.8% है ।
'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' का विषय (थीम) : 'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' को पूरे विश्व में प्रभावशाली तरीके से मनाने के लिए और अधिक जागरुकता के लिए लोगों में एक वैश्विक संदेश फैलाने के लिए केंद्रीय भूमिका के रुप में हर साल एक खास विषय का चुनाव डबल्यूएचओ करता है । 'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' के आयोजक सदस्यों को इस विषय पर दूसरे प्रचारक वस्तुएँ जैसे ब्रौचर, पोस्टर, फ्लायर्स, प्रेस विज्ञप्ति, वेबसाइट्स आदि भी डबल्यूएचओ के द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है । वर्ष 2017 का थीम है "तंबाकू - विकास के लिए एक खतरा ।"
तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे धकेलता रहता है l कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पडकर कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र मे खुद को बडा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक, कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता है l अधिकतर लोग किशोरावस्था या युवावस्था मे दोस्तो के साथ सिगरेट, गुट्खा, जर्दा, आदि का शौकिया रूप मे सेवन करते है शौक कब आदत एवं आदत लत मे बदल जाती है पता ही नहीं चलता और जब तक पता चलता है तब तक शरीर को बहुत नुक्सान पहुँच चुका होता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है । इस सम्बंध में एक शायर ने क्या खूब कहा है –
कौन कमबख्त पीता है मजा लेने के लिए,
हम तो पीते हैं, क्योंकि पीनी पड़ती है !
धूम्रपान के सेवन से कई दुष्परिणामों को झेलना पड़ सकता है । इनमें फेफड़ें का कैंसर, मुंह का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, अल्सर, दमा, डिप्रेशन आदि भयंकर बीमारियां भी हो सकती हैं । इतना ही नहीं महिलाओं में तम्बाकू का सेवन गर्भपात या होने वाले बच्चे में विकार उत्पन्न कर सकता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक निकोटीन से हर साल 54 लाख मौतें होती है । मालूम हो तम्बाकू में कैंसर पैदा करने वाले तत्व निकोटीन, नाइट्रोसामाइंस, बंजोपाइरींस, आर्सेनिक और क्रोमियम अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं जिनमें निकोटिन , कैडियम और कार्बनमोनो ऑक्साइड स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है । गौरतलब है कि तम्बाकू धूम्रपान, नशा, अल्कोहल इत्यादि को छोड़ने के लिए मजबूत विल पॉवर का होना बेहद जरूरी है लेकिन नामुमकिन कुछ भी नहीं है ।
तम्बाकू का सेवन छोड़ने के लिए सुझाव : तम्बाकू छोड़ना बहुत मुश्किल है; आख़िरकार निकोटीन अत्यधिक नशे की आदत वाला पदार्थ होता है, लेकिन आप इसे उचित दृष्टिकोण के माध्यम से छोड़ सकते हैं । इस आदत को छोड़ने के लिए आपको अत्यधिक धैर्य और दृढ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है । यह आदत एक दिन में नहीं जाएगी, लेकिन अंत में धीरे-धीरे छूट जाएगी । यदि आप तम्बाकू का सेवन छोड़ना चाहते हैं, तो आपका दृष्टिकोण तम्बाकू छोड़ने के प्रति सकारात्मक होना चाहिए, इसलिए उसके प्रभावों और लाभों के बारें में सोचें । यदि आप तम्बाकू छोड़ना चाहते हैं, लेकिन आप भ्रमित हैं कि यह कैसे करें? तो आप स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के कार्यक्रम से जुड़ें एवं इसके साथ ही चिकित्सीय विधियों को अपानाया जा सकता है । जहाँ इच्छा होती है, वहां रास्ता होता है । यदि आपने तम्बाकू छोड़ने का दृढ़ संकल्प लिया हैं, तो आपकी इच्छा का प्रबंधन करने के लिए यहाँ कुछ उपाय हैं -
ü नशा छोडने का मन में दृढ़ निश्चय करें ।
ü यदि नशा एक बार में झटके से छोड़ना मुश्किल लगे तो, धीरे-धीरे मात्रा कम करते हुए छोड़े ।
ü सभी अपने मित्र एवं परिचितों को बता दें कि, आपने नशा छोड़ दिया है ताकि वे आपको नशा न करने के लिए बाद्ध्य ना करें ।
ü नशामुक्त केंद्र पर जाकर इलाज कराया जा सकता है ।
ü डायरी लिखे कि आप कब और कितनी मात्रा मे नशा करते है और कौन-कौनसे कारण है जिनकि वजह से आप नशा करने के लिए प्रेरित होते हैं l
ü अपने पास सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू एवं माचिस आदि रखना छोड दे l
ü घर में किसी भी तरह का नशीला पदार्थ न रखें और ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहां नशीले पदार्थों का सेवन किया जाता हो ।
ü अपने खान पान एवं लाइफ स्टाइल में सुधार करें एवं भोजन में एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त फलों और सब्जियों को खूब खाना चाहिए l
ü अपने आपको तनाव से दूर रख अधिक से अधिक व्यस्त रहना चाहिए ।
ü प्रतिदिन व्यायाम और योग करें ।
ü अपने समय को व्यतीत करने के लिए परिवार के साथ अधिक से अधिक समय बिताएँ ।
ü नशा छोड़ने के आयुर्वेदिक तरीके :
² 7. 50 ग्राम सौंफ एवं इतनी ही मात्रा में अजवायन लेकर तवे पर भूने, थोडा नींबू का रस एवं हल्का काला नमक डाल लेँ l एक डब्बी में रखकर अपनी जेब में रख लें l जब भी सिगरेट एवं तम्बाकू आदि की तलब लगे तो कुछ दाने मुँह में रख ले एवं चबाते रहे इससे तलब कम होगी तथा अजीर्ण, अरुचि, गैस में आराम मिलेगा l
² गुनगुने पानी मे नींबू का रस एवं शहद डालकर पीना तलब को कम करता है तथा नशे के विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालता है l
² एक पुडिया मे सूखे आँवले के टुकडे, इलायची, सौंफ, हरड के टुकडे रखे ताकि जब तलब लगे तो कुछ टुकडे मुँह में रखें और चबाते रहें, इनसे तलब तो कम होती ही साथ ही खट्टी डकार ,भूख ना लगना, पेट फूलने में आराम मिलता है l
हमारी ज़िम्मेदारी : तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर तम्बाकू के प्रयोग के खिलाफ ऐसा माहौल तैयार करें जिससे लोग अधिक से अधिक तंबाकू, धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन करने से अपने को रोक पाएं ।
'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने संदेश दिया है : -
''विश्व तम्बाकू निषेध दिवस” हमें तम्बाकू के उपभोग से होने वाले नुकसान की याद दिलाता है तथा यह दिन इस खतरे को कम करने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है । तम्बाकू उत्पादों के अवैध व्यापार को रोकने की दिशा में विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान सराहनीय है और यह तम्बाकू उपभोग को कम करने की दिशा में मदद करेगा ।''
... आइए, हम सब मिलकर 'विश्व तम्बाकू निषेध दिवस' के इस पावन अवसर पर संकल्प लें कि, खुद भी नशा नही करेंगे और अन्य लोगो को भी नशा ना करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे l क्योंकि- तम्बाकू की लत, “मौत का द्वार” एवं “विकास के लिए एक खतरा” है । अतः भारत सरकार के लक्ष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता बनाने में अपना अमूल्य योगदान बढ़ाएँ ...
(सौजन्य : इंजी. बैरवा एन आर)