ऑफिस में होने वाली
धांधली, घूँस एवं दूसरे अनैतिक व्यवहार की स्थिति जानने के लिए नवम्बर 2016 से फरवरी
2017 के बीच किए गए । एक शोधकर्ता संस्था- वैश्विक बाजार अनुसंधान एजेंसी (इपसॉस) द्वारा ‘एसिया-पेसेफिक फ़्रौड सर्वे-2017
किया गया । इस सर्वे के दौरान विभिन्न बड़ी कम्पनियों में कार्यरत 1,698 कर्मचारियों
के साथ साक्षात्कार लिए गए । स्थानीय भाषाओं में ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया
और साथ ही अपने विचार बंद लिफाफे में भी मांगे गए । यह सर्वे एशिया के 14 देशों में
किया गया । जिसमें चीन, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड
और
वियतनाम इत्यादि देश शामिल हुए । ऑफिस में होने वाले अनैतिक व्यवहार और
धांधली को रोकने के लिए 71% लोग कदम उठाना
चाहते है जबकि 25% कर्मचारी को लगता है कि, इसके खिलाफ आवाज उठाने में खतरा है ।
इस सर्वे में भारत की स्थिति :-
ü इस सर्वे में 78% कर्मचारियों नें रिश्वत एवं धांधली की बात स्वीकार किया गया है
।
ü 57% ने बताया कि, आला अधिकारी कर्मचारियों के अनैतिक व्यवहार को “रेवन्यू टार्गेट"
की वजह से नजर-अंदाज करते है ।
ü 15% ने स्वीकार किया कि, कम्पनी अनैतिक व्यवहार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती
है ।
ü 31% ने बताया कि, उन्हें रिश्वत के तौर पर रकम ऑफर कि गई थी ।
ü 58% कर्मचारी उस कम्पनी और संगठन में काम करना चाहते है जो धांधली और अनैतिक व्यवहार
में लिप्त है ।
ü 18% ने माना कि, उनके पास जानकारी तो रहती है किन्तु दवाब कि वजह से वे उन्हें
दूसरों से छिपाते है ।
भारत में किए गए सर्वे
में लोगों ने स्वीकार किया कि सरकार द्वारा रिश्वतख़ोरी विरोधी प्रयास, ऑफिसों में होने
वाली धांधली, घूँस एवं दूसरे अनैतिक व्यवहार को रोकने के लिए वर्तमान मौजूदा कार्यरत
तंत्र नाकाम और अपर्याप्त है । हालांकि अधिकतर वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा अनैतिक व्यवहारों
की जानकारी और होने के बारे में ‘नहीं' कहा गया है ।
एजेंसी द्वारा सुझाव
दिया गया कि धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी या भ्रष्टाचार के मामले में शामिल बड़ी कम्पनियों
और सरकारी विभागों में ‘व्हिसल-ब्लोइंग' तंत्र को अधिक मजबूत, सुरक्षित, गोपनीय एवं
प्रभावी करने पर ज़ोर दिया है । भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विश्वसनीय वेब-आधारित टूल
का अधिकाधिक उपयोग करने पर विचार करें और उच्च प्रशासन की अनैतिक काम
वाले वातावरण को पारदर्शी बनाने की जवाबदेही तय किया जाए तथा आम जनता एवं
कर्मचारियों के बीच जागरूकता लाई जाए ताकि वैश्विक मानकों के साथ
तालमेल रखने, प्रशासन चलाने और व्यावसायिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सके । इसके लिए सरकार को भ्रष्टाचार
के खिलाफ आवाज उठाने वाले के लिए सुरक्षित माहौल का विश्वास पैदा करने, नैतिक मानकों
के सुधार और निगरानी प्रक्रिया में सुधार की बहुत ही आवश्यकता है ।
... आइए, आज हम निर्णय लेकर “रिश्वतख़ोरी और अनैतिक व्यवहारों को कहें ना ।"
.... अब आपके तय करना है कि, कितने ईमानदार बनते है आप... !!!
( Source : https://www.fraudsurveys.ey.com/ey-asia-pacific-fraud-survey-2017/
)