हाहा ... हा... सावधान, मैं हूँ .... रेन्समवेर वायरस!!! भारत सहित विश्व के 150 देशों में 3लाख से अधिक कंप्यूटर इस रेन्समवेर वाइरस के आतंक का भोग बने है और इसके द्वारा आगामी दिनों में अधिक हाहाकार मचाने की आशंका जताई जा रही है । साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मतानुसार यह वाइरस ई-मेल या मालवेर के माध्यम से कंप्यूटर सिस्टम में प्रवेश करके, उसके फ़ोल्डर्स को लॉक कर देता है और इन फ़ोल्डर्स को अन-लॉक करने के लिए ‘बिटकोइन' वर्चुअल करेंसी के रूप में ‘रेन्सम’ अर्थात ‘फिरोती' की माँग करता है । ‘फिरोती' दिए जाने की अवस्था में ही आपको फोल्डर के डाटा की फाइल वापस मिल जाती है । समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, सिक्योरिटी एजेंसियों के अनुसार ‘रेन्समवर' वायरस अटैक का मकसद केवल पैसा कमाना ही नहीं बल्कि, कुछ लोग विश्व को जलता हुआ देखना चाहते है । यद्यपि भारत में अभी तक कुछ ही मामले सामने आए है, जबकि जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम के अनुसार 600 कम्पनियों के लगभग 2000 कम्प्यूटर्स इस वायरस के शिकार बने है, जबकि चीन में 30000 से अधिक संस्थाओं और कम्पनियों के कम्प्यूटर्स में यह वायरस प्रवेश कर गया है तथा दिनोदिन आंकड़े बढ़ने की सम्भावना है । हमें तो खतरा इस बात का है कि, हमारे देश में तो एटीएम सहित बहुत सारी बेंकिंग प्रणाली आउटडेटेड विंडो एक्सपी वर्जन पर चल रही है, जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा पहले से ही सिक्यूरिटी सपोर्ट बंद कर दिया गया है । हालांकि रिजर्व बेंक ऑफ इंडिया का दावा है कि, बेंकों द्वारा एटीएम अपग्रेड कर दिए गए है और कोई खतरे वाली बात नहीं है । सभी जानते है कि, घर के दरवाजे-खिड़कियाँ खुले हों तो कीड़े-मकोड़े एवं मच्छर आसानी से प्रवेश कर जाते है, ऐसा ही कुछ वाइरस के बारे में है । आउटडेटेड / पायरेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम अथवा जेन्यून एंटी-वायरस के अभाव में वायरस आसानी से प्रवेश कर जाते है । आजकल दुनिया संकुचित एवं अधिक वर्च्युयल होती जा रही हैं और ऐसे माहौल में वायरस के फैलने में कुछ भी देर नहीं लगती है । कई जगहों पर हॉस्पिटल में वायरस के कारण इमरजेंसी ऑपरेशन बंद हो गए है । भविष्य में पॉवर प्लांट, एयरपोर्ट, स्पेस एवं अन्य संवेदनशील सेवा स्थलों पर सिस्टम में यदि वायरस घुस जाए तो कैसी अफरातफरी और अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है, इसकी कल्पनामात्र से ही रोंगटे खड़े हो जाते है । भारत जैसे देश में डिजिटलाजेशन के पीछे अंधी दौड़ जारी है, किन्तु आईटी सिक्योरिटी के नाम पर “सब चलता है" एटिट्यूड केवल व्यक्तिगत उपयोग कर्ताओं पर ही नहीं बल्कि, सरकारी, अर्ध-सरकारी विभागों और महत्त्वपूर्ण कोमर्सियल संस्थाओं में भी देखने को मिलता हैं । हालांकि वर्तमान स्थिति के देखते हुए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट एवं इसके विशेषज्ञों द्वारा कुछ गाइड-लाइन जारी किया गया है और वे लोग इस पर नजर रखे हुए है, साथ ही इस ‘रेन्समवर' वायरस के तोड़ के लिए सतत कार्यरत है; इसके बावजूद हम लोगो के द्वारा इस ‘रेन्समवेर’ वायरस और साइबर सिक्योरिटी की उपेक्षा, सभी के लिए चेतावनी है ।