हिन्दू
धर्म में व्रत -त्यौहारों की महिमा एवं महत्त्व अत्यधिक है । आज (8अक्टूबर) सुहागिनों
का त्यौहार करवा चौथ है । करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास
के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है । अपने पति की लंबी आयु के लिए
महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और अपने चंद्रमा की पूजा करती हैं । यह निर्जल व्रत
होता है, जिसमें चांद देखने और पूजने के बाद ही अन्न व जल ग्रहण किया जाता है । हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार चतुर्थी के देवता गणेश हैं ।
इस व्रत में गणेश जी के अलावा शिव-पार्वती, कार्तिकेय
के रूप चंद्रमा की पूजा की जाती है । यदि आप करवा चौथ कर रही हैं लेकिन यह
मालूम नहीं है कि करवा चौथ की पूजा कैसे की जाती हैं और इसमें किन सामग्रियों की
आवश्यकता होती है, तो हम यहां उन जरूरी साम्रगियों की सूची और व्रत करने की विधि बता रहे हैं ।
करवा
चौथ व्रत करने की विधि :
1. व्रत के दिन
प्रातः स्नानादि करने के पश्चात यह संकल्प बोलकर करवा चौथ व्रत
का आरम्भ करें ।
2. पूरे दिन निर्जल
रहें ।
3. आठ पूरियों की
अठावरी बनाएं और हलुवा बनाएं ।
4. पीली मिट्टी से
गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेशजी बनाकर बिठाएं । गौरी को चुनरी ओढ़ाएं । बिंदी
आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें ।
5. जल से भरा हुआ
लोटा रखें ।
6. करवा में गेहूं
और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें । उसके ऊपर दक्षिणा रखें ।
7. रोली से करवा पर स्वस्तिक
बनाएं ।
8. गौरी-गणेश की
परंपरानुसार पूजा करें । पति की दीर्घायु की कामना करें ।
9. करवा पर तेरह बिंदी
रखें और गेहूं या चावल के तेरह दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें ।
10. कथा सुनने के
बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासूजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें ।
11. रात्रि में
चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्ध्य दें । इसके
बाद पति से आशीर्वाद लें । उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें ।
12. सास अपनी बहू को
सरगी भेजती है । सरगी में मिठाई, फल, सेवइयां
आदि होती है । इसका सेवन महिलाएं करवाचौथ के दिन सूर्य निकलने से पहले करती हैं ।
13. अन्य व्रतों के
समान करवा चौथ का भी उजमन किया जाता है । करवा चौथ के
उजमन में एक थाल में तेरह जगह चार-चार पूड़ियां रखकर उनके ऊपर सूजी का हलुवा रखा
जाता है । इसके ऊपर साड़ी-ब्लाउज और रुपये रखे जाते हैं । हाथ में रोली, चावल लेकर थाल में चारों ओर हाथ घुमाने के बाद यह बायना सास को दिया जाता
है । तेरह सुहागिन स्त्रियों को भोजन कराने के बाद उनके माथे पर बिंदी लगाकर और
सुहाग की वस्तुएं देकर विदा कर दिया जाता है ।
करवा चौथ व्रत का महत्त्व एवं विधि : करवाचौथ
हिंदू पंचाग के अनुसार कार्तिक माह के चौथे दिन होता है । पंरपराओं के अनुसार इस
दिन शादीशुदा महिलाएं या जिनकी शादी होने वाली हैं वो अपने पति की लंबी आयु के लिए
व्रत करती हैं । ये व्रत सुबह सूरज उगने से पहले से लेकर और रात्रि में चंद्रमा
निकलने तक रहता है । ये एक दिवसीय त्योहार अधिकतर उत्तरी भारत के राज्यों में
मनाया जाता है । हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, राज्यस्थान
और उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है । इस दिन सिर्फ पति की लंबी आयु की
ही नहीं उसके काम-धंधे, धन आदि इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना
करती हैं । करवाचौथ की शुरुआत किसी एक कथा के कारण नहीं हुई थी इसलिए इस त्योहार
की बहुत अधिक महत्वता है । इस दिन के लिए कई सारी कथाओं का प्रचलन है । इस पावन और
पति-पत्नी के रिश्ते को गहरा करने वाले पर्व पर सभी मनाने वालों को हार्दिक बधाइयाँ
....
वैसे अलग-अलग
क्षेत्रों में भौगोलिक और स्थानीय मान्यताओं के अनुरूप व्रत करने की विधियाँ अलग-अलग
हो सकती है । आइए जानें, करवा चौथ के व्रत और पूजन की उत्तम विधि के बारे जिसे करने
से आपको इस व्रत का फल कई गुना मिलेगा ...
- सूर्योदय से पहले स्नान
कर के व्रत रखने का संकल्प लें और फिर सरगी के रूप में मिठाई, फल, सेंवई वगैरह ग्रहण करके व्रत शुरू करें ।
- फिर संपूर्ण शिव
परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें ।
- गणेश जी को पीले
फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं ।
- भगवान शिव और
पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें ।
- श्री कृष्ण को
माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं ।
- उनके सामने मोगरा
या चन्दन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं ।
- मिटटी के कर्वे पर
रोली से स्वस्तिक बनाएं ।
- करवे में दूध,
जल और गुलाबजल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन
करें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें ।
- इस दिन महिलाएं
सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है ।
- इस दिन करवा चौथ
की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए ।
- कथा सुनने के बाद
अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए ।
- फिर पति के पैरों को छूते हुए उनका आशीर्वाद लें ।
- पति को प्रसाद
देकर भोजन कराएं और बाद में खुद भी भोजन करें ।
करवा चौथ पूजन के लिए ये सामग्री
जरूरी... | |||||
1. चंदन |
7. शुद्ध घी |
13. सिंदूर |
19. चूड़ी |
25. गेहूं |
31. छलनी |
2. शहद |
8. दही |
14. मेहंदी |
20. बिछुआ |
26. पुष्प |
32. कंघा |
3. अगरबत्ती |
9. मिठाई |
15. महावर |
21. दीपक |
27. हल्दी |
33. हलुआ |
4. शक्कर का बूरा |
10. गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी |
16. आठ पूरियों की अठावरी |
22. मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन |
28. पानी का लोटा |
34. दक्षिणा (दान) के लिए पैसे |
5. कच्चा दूध |
11. कुंकू |
17. बिंदी |
23. रुई |
29. गंगाजल |
35. गुलाबजल इत्यादि |
6. शक्कर |
12. अक्षत (चावल) |
18. चुनरी |
24. कपूर |
30. लकड़ी का आसन |
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करवा चौथ का दिन हर पति-पत्नी के लिए काफी खास
होता है । करवा चौथ पति और पत्नी के बीच प्यार और अपनेपन की एक अलग मिठास घोल देता
है । कई बार ऐसा होता है कि हम अपने पार्टनर के लिए अपनी भावनाएं शब्दों में नहीं
बयां कर पाते हैं । इसके लिए करवा चौथ के दिन अपनी भावनाएं पार्टनर तक पहुंचाने के
लिए शब्दों की बजाए ये मैसेज भी काफी काम आ सकते हैं –
सुन्दरता की प्रतिस्पर्धा अपने
पुरे शबाब पे है.. आज एक चाँद दूसरे चाँद के इंतज़ार में है..!!..Happy Karwa Chauth
आज सजी हूँ दुल्हन सी मैं , कब तूँ आएगा पिया, अपने हाथों से पानी पिलाकर, कब गले लगाएगा पिया तू
Hey My Love….एक दिन हम भी इसी तरह करवा चौथ मनाएंगे …..I promise…
अपने हाथों में चूड़ियाँ सजाये , माथे पर अपने सिन्दूर लगाए , निकली हर सुहागन चाँद के इंतज़ार
में, रब्ब उनकी हर मनोकामना पूरी करे...
जब तक ना देखें चेहरा आपका..
ना सफल हो ये त्यौहार हमारा..
आपके बिना क्या है ये जीवन हमारा..
जल्दी आओ और दिखाओ अपनी सूरत..
और कर दो करवा चौथ सफल हमारा !
हैप्पी करवा चौथ !
करवा चौथ का ये त्यौहार, आये और लाये खुशियाँ हज़ार,
यही है दुआ हमारी,आप हर बार मनाये ये त्यौहार,
सलामत रहें आप और आपका परिवार ।
मेहंदी का लाल रंग आप के प्यार की गहराई दिखता है,
माथें पर लगाया हुआ सिन्दूर आपकी
दुआएँ दिखता है,
गले में पहना हुआ मंगलसूत्र हमारा
मजबूत रिश्ता दिखता है ।
करवा चौथ का पावन व्रत आपके लिये
मैंने किया है..क्योंकि आपके ही प्रेम और सम्मान ने..जीवन को नया रंग दिया है ॥
हैप्पी करवा चौथ !
दिल मेरा फिर से तेरा प्यार माँगे
,प्यासे नयना फिर से तेरा दीदार
माँगे ,
प्रेम,स्नेह से प्रकाशित हो दुनिया मेरी ,ऐसा साथी पूरा जग संसार माँगे ।
ग़ालिब ने खूब कहा है : ऐ चाँद तू किस मजहब का है !! ईद भी तेरी और
करवाचौथ भी तेरा !!