8 मई 2022
माँ तेरे बचपन का कर्ज, तेरे बुढ़ापे में मेरा फर्ज ..
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मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है । D
बहुत सुंदर रचना कृपया मेरी रचना पढ़कर समीक्षा दें https://shabd.in/books/10080388
9 मई 2022
भागदौड़ भरे जीवन मे अनेक बार ऐसे अवसर अवश्य आते है, जब व्यक्ति स्वयं के व्यक्तित्त्व को न बदलकर, विश्व को बदलने की नाकाम कोशिश करता है । इस विचारधारा वाला छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब या अच्छा-बुरा कोई भी व्यक्ति हो सकता है । यहाँ तक कि, अनेक बार दृढ़-निश्चयी और अच्छा व्यक्ति भी अपने व्यक्तित्त्व को नहीं बदल प
दोपहर तक बिक गया बाज़ार का हर एक झूँठ, और मैं एक सच को लेकर शाम तक बैठा रहा ! (फेसबुक ज्ञान ) आज के जमाने का मनुष्य काफी स्मार्ट बन चुका है, उसे किसके साथ कितना और किस तरीके से
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसके अस्तित्त्व की अहमियत समाज में ही है, इसलिए वह संसार में अकेला नहीं रह सकता है । उसके लिए सभी परिवार जनों और बन्धुजनों का सहयोग आवश्यक होता है । वह कभी दूसरों से अपेक्षा करता है और कभी दूसरे उससे अपेक्षा करते हैं । यह क्रम लगातार चलता ही
पृथ्वी है तो हम है ... आइए, इसे बचाने का प्रयास करें । इस कार्य को हमारे अलावा कोई अन्य नहीं कर सकता है ।
अंतराष्ट्रीय मजदूर-दिवस (०१मई) के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभ-कामनाएँ एवं बधाइयाँ ....
सुविचार
जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि, तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो । फिर जीत हमेशा तुम्हारी ही होगी, इसे तुमसे कोई नहीं छीन सकता है ।किसी भी हालात में तीन चीजें कभी भी छुपी नहीं रह सकती, वो है- सूर्य, चन्द्रमा और सत्य ।जीवन में किसी उद्देश्य या लक्ष्य तक
वर्ष 1999 से, 11 मई को "राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस” के रूप में मनाया जाता है ताकि, भारत की तकनीकी प्रगति को चिह्नित किया जा सके ।11 मई को "राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस” मनाए जाने के महत्त्वपूर्ण कारण : 11 मई 1 99 8 को भारत ने भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में तीन परमाणु बम विस्फोट किए और भारत न्
हाहा ... हा... सावधान, मैं हूँ .... रेन्समवेर वायरस!!! भारत सहित विश्व के 150 देशों में 3लाख से अधिक कंप्यूटर इस रेन्समवेर वाइरस के आतंक का भोग बने है और इसके द्वारा आगामी दिनों में अधिक हाहाकार मचाने की आशंका जताई जा रही है । साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मतानुसार यह वाइरस ई-मेल या मालवेर के माध्
“विश्व दूरसंचार दिवस” के साथ ‘ अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ यूनियन (आईटीयू)’ का बहुत ही गहरा सम्बंध है । यह कमिटी 1865 में बनाई गई थी । आईटीयू संचार के क्षेत्र में समय की उभरती हुई संचार विधियों के लिए कड़ी मेहनत और महान सफलताओं को प्रदर्शित करता है । वर्ष 1876 में टेलीफ
कई बार किसी को अपशब्द कहना, इसेअभिव्यक्ति की आजादी मान लिया जाए तो, आम जीवन में चर्चा का उग्र माहौल पैदा हो जाताहै और अनेक बार मामला गाली-गलौच तक पहुँच जाता है । दुर्भाग्य से पिछले कुछ वर्षों में संसद और राज्योंकी विधान सभाओं में चर्चा के स्थान पर, आपेक्षवादी परम्परा, शाब्दिक तकरार के साथ-साथअनेक बा
उत्तरप्रदेश में अभूतपूर्व बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ जी जैसे डायनेमिक नेता को मुख्यमंत्रीबनाकर राज्य की कम
“भगवान या ईश्वर ” है या नहीं ? इस विषय पर अनादिकाल से वाद-विवाद चलता हुआ आ रहा है किन्तु इस चर्चा का आजतक कोई सर्वमान्य ठोस जवाब नहीं मिला है । इस बाबत न तो पौराणिक ग्रन्थों, न ही आधुनिक वि ज्ञान के पास कोई भी ठोस सबूत अथवा जवाब है । अधिकतर लोग मानते है कि,’भगवान’
पूरे विश्व के लोगों को तम्बाकूमुक्त और स्वस्थ बनाने के लिए तथा सभी स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिए तम्बाकू चबाने या धूम्रपान के द्वारा होने वाले सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से लोगों को आसानी से जागरुक बनाने के लिए पूरे विश्व भर में एक मान्यता-प्राप्त कार्यक्रम के रुप में मनाने के लिए विश्व
रेलवे समपार फाटक (लेवल-क्रॉसिंग) रेलपथ का अभिन्नभाग है । भारतीय रेल में लगभग 2 से 3 किलोमीटर के बीच एक समपार फाटक (मानवयुक्तअथवा मानवरहित) उपलब्ध है । इन फाटको पर आए दिन अनेक दुर्घटनाओ के किस्से भी समाचारपत्रों में देखने को मिलते है और इन दुर्घटनाओं के लिए हम लोग अक्सर रेलवे को हीजिम्मेदार
4 जून को हिंदी फिल्मों की मशहूर अदाकारा नूतन का जन्मदिवस है । Doodle के जरिए अभिनेत्री नूतन के जन्मदिन को Google ने यादगार बनाया है । गूगल ने अपना डूडल उनके चित्रों से सजाकर उन्हें याद किया है । नूतन ने 4 दशकों तक फिल्मी दुनिया पर राज किया है ।नूतन को उनके सशक्त अभिनय के लिए 5 बार फिल्मफेयर पुरस्कार
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एक बार मेरे कमरे में अचानक 5-6 साँप घुस गए । मैं भयभीत एवं परेशान हो गया, उसकी वजह से मैं कश्मीरी हिंदुओं की तरह अपने ही घर से बेघर होकर (भगवान सब ठीक कर देगा) बाहर निकल गया । घटना की जानकारी होने से, आजू-बाजू एवं अन्य बाकी के कुछ लोग भी जमा हो गए । अनहोनी की आशंका के कारण और डर के मारे मैने पुलिस औ
गुरु गोबिन्द सिंह (जन्म: 22 दिसम्बर 1666, मृत्यु: 7 अक्टूबर 1708 ) सिखों के दसवें गुरु थे । उनके पिता गुरू तेग बहादुर की मृत्यु के उपरान्त 11 नवम्बर सन 1675 को वे गुरू बने । वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त ए
जब हम लोग छोटे थे, तब परीक्षा में अक्सर विलोम (विरोधी) शब्द लिखो, परीक्षा में प्रश्न पूछा जाता था और हम खुशी-खुशी उत्तर लिख देते थे जैसे- सुख का दुख, खुशी का गम, हंसने का रोना इत्यादि-इत्यादि । किन्तु इस प्रकार के परीक्षा में पूछे जाने वाले विरोधाभाषी शब्द, कब और कैसे हमारे जीवन का अभिन्न भाग बन कर
यूँ तो हमारे देश में हर दिन की शुरूआत माता-पिता के आशीर्वाद के साथ ही होती है और इसी तरह की परम्परा एवं संस्कृति विश्व में श्रेष्ठ है ; लेकिन पश्चिमी सभ्यता ने हमें कुछ ऐसे दिन भी दिए हैं जब हम अपने अपनों को स्पेशल-फील करा सकते हैं । ऐस
सर्च इंजन गूगल, आज अर्थात गुरुवार (23.06.2017) को फिल्ममेकर और ऐब्स्ट्रैक्ट एनिमेटर ऑस्कर फिसिंगर के जन्मदिन पर अलग तरीके से याद किया है । इसके लिए एक विशेष गूगल डूडल तैयार की गई है । गूगल ने म्यूज़िक का एक शानदार ‘डूडल’ बनाकर 117वें जन्मदिवस पर उन्हें याद किया
“ अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस” प्रत्येक वर्ष 26 जून को मनाया जाता है । नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण हेतु 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' ने 7 दिसम्बर 1987 को प्रस्ताव संख्या 42/112 पारित कर हर वर्ष 26 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय नशा व मादक पदार्थ निषेध दिवस' मनाने का न
पृथ्वी पर सैकड़ों या उससे भी ज्यादा धर्म प्रचलित हैं । हर धर्म की कुछ विशिष्टताएं होती है । प्रत्येक धर्म के धार्मिक त्यौहार मानव जीवन में नई तरो-ताजगी का संचार करते है और एक दूसरे के प्रति समानता, प्रेमभाव, भाईचारा एवं छोटी-मोटी भूलों को नजरंदाज करते हुए प्रेम-व्यव
.... विडियो क्लिप की जुबानी ....
मनुष्य एक अजीब प्रकृति एवं चरित्र वाला प्राणी है । उसके खून में विद्यमान रक्त कणों और श्वेत कणों की तरह विरोधाभास उसकी रगों में सतत बहता ही रहता है । उसके द्वारा अधिकतर वहीं किया जाता है, जिसका उसके द्वारा अक्सर विरोध किया जाता रहा है । आपका जीवन में कई बार, ऐसे व्यक्
मैं रूठा, तुम भी रूठ गए फिरमनाएगा कौन... ? आज दरार है, कल खाई होगी फिर भरेगा कौन... ? मैं चुप , तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन... ? छोटी बात को लगा लोगे दिल से , तो र
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लोकतंत्र में अक्सर लोग इस भ्रम में रहते है कि, अपनी सरकार बेकार नहीं है और हाँ, इस बात को भली प्रकार से समझ भी लेना ... यहाँ पर बेकार का मतलब मलबे का ढेर (आलतू-फालतू सामान) नहीं बल्कि बेरोजगार लोगो से है या दूसरे अर्थ में कहें तो फालतू बैठे लोगो से है इसलिए इन लोगो को भ्रम होता है कि, बेचारी सरकार क
अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम अथवा ए॰पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931 - 27 जुलाई 2015)जिन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति केनाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे । वे भारतके पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वै ज्ञान िक और
ऑफिस में होने वालीधांधली, घूँस एवं दूसरे अनैतिक व्यवहार की स्थिति जानने के लिए नवम्बर 2016 से फरवरी2017 के बीच किए गए । एक शोधकर्ता संस्था- वैश्विक बाजार अनुसंधान एजेंसी (इपसॉस) द्वारा ‘एसिया-पेसेफिक फ़्रौड सर्वे-2017किया गया । इस सर्वे के दौरान विभिन्न बड़ी कम्पनियों में कार्यरत 1,698 कर्मचारियोंके
°°°°°°°°°°°°°°°°°°कल फोन आया था,एक बजे ट्रेन से आ रही है..! किसी को स्टेशन भेजने की बात चल ऱही थी ।सच भी था... आजरिया ससुराल से दूसरी बार दामाद जी के साथ.. आ रही हैं; घर केमाहौल में उत्साह सा महसूस हो रहा हैं ।इसी बीच .....एक तेज आवाज आती हैं ~"इतना सब देने की क्या ज
कवि श्री सम्पत 'सरल' जी की अच्छे दिन पर एक व्यंग रचना...
दिनांक11 अगस्त को हिप-हॉप नृत्य मुख्यतः हिप-हॉप संगीत पर किए जाने वाले सामाजिक नृत्य या कोरियोग्राफ कीगयी नृत्य शैली से संदर्भित है या फिर उसके लिए जो या फिर हिप-हॉप संस्कृति का भागहै । इनमें विभिन्न तरह की शैलियां विशेष रूप से ब्रेकि
[ ...भूतकाल को कोसने के बदले भविष्य सुधारें... ]“बीत गई, वह बात गई ।" भूतकाल को कोसना और दोष देना बंद करके, उससे सबक लेकर भविष्य के निर्माण हेतु ध्य
आप भी मेरे साथ “ स्वच्छता शपथ ” दोहराइए. ... महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था, उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी । महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर माँ भारती
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20 अगस्त, दिन रविवार को पूरे भारत में ‘ सद्भावना दिवस 2017’ (73वीँ वर्ष गाँठ) मनाया गया ।भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के वर्षगाँठ को याद करने के लिए सद्भावना (दूसरों के लिए अच्छे विचार रखना) या
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‘जेम्स वोंग होवे’ एएससी(1899-1976) एक महान हॉलीवुड सिनेमेटोग्राफर थे । जेम्स वोंग होवे के118वें जन्मदिन को ‘गूगल’ ने एक डूडल के साथ मना कर चिन्हित किया है । वह एक चीनी अमेरिकी चलचित्रकारहैं जो नस्लीय प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद अपनी अभिनव तकनीक फिल्माने के लिए ख
हमारे देश भारत में ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए उनकी जन्म-जयंती के अवसर पर मनाया जाता है । दुनिया भर में ' हॉकी के जादूगर ' के नाम
फिल्मेंसमाज का दर्पण होती है, अक्सर कहा जाता है । फिल्मों के माध्यम से समाज
"सबसे अच्छा शिक्षक वह है जो सार्वभौमिक उन्नति के लिएसुझाव देता हैऔर खुद को स
' शिक्षक दिवस ' पर हम समस्त शिक्षकों का श्रद्धापूर्वक अभिन्नदन और वंदन करते हैं; जिनकी छाया में भारत का स्वर्णिम भविष्य निखर कर दुनिया में जगमगाये और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( जिनके जन्मदिन 5 सितम्बर के उपलक्ष्य में ‘शिक्षक दिवस’ मना
एक व्यक्ति बनकर जीना महत्त्वपूर्ण नहीं है अपितु एक व्यक्तित्त्व बनकर जीना अधिक महत्त्वपूर्ण है; क्योंकि व्यक्ति तो समाप्त हो जाता है लेकिन व्यक्तित्त्व सदैव जीवित रहता है ।
आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस है । यूनेस्को ने पहली बार सात नवम्बर, 1965 को यह फैसला लिया था कि प्रत्येक वर्ष 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन किया जायेग
14 सितम्बर1949 को ही हिंदी को देवनागरीलिपि में भारत की कार्यकारी और ‘ राष्ट्रभाषा ’ का दर्जाअधिकारिक रूप से दिया गया था और तभी से देश में 14 सितम्बरका दिन ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनायाजाता है । 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत
‘ भारत रत्न ’ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी का‘जन्म-दिवस’डॉ. विश्वेश्वरैया जी ने एक साधारण परिवार में जन्मलिया । उनके जन्म के समय हम लोग अंग्रेजों के गुलाम थे और उनके कठोर नियम एवं प्रताड़नासे उपेक्षित जीवन जीना पड़ता था । प्रत्येक भारतीय के लिए उस समय प्रगति के सारे द
सैमुएल जॉनसन (Samuel Johnson) 18वीं शताब्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार , प्रसिद्ध लेख क'> अंग्रेजी लेखक और आलोचक थे । आज उनका308वां जन्मदिन है । उनकी सबसे प्रसिद्ध उपलब्धि “अंग्रेजी भाषा का शब्दकोश ” या “इंगलिशडिक्सनरी” बनाने की रही है, जिसकी मदद से लोगोंको अंग्रे
हमारेदेश में कई बार अजीब-अजीब किस्से देखने को मिलते है और तब महसूस होता है कि, हमारे अंदर नया कुछ करने का हौसला बुलंद है अथवाउन घटनाओं को देखने का बाद आश्चर्यचकित हो जाते है और अनायास ही मुँह से निकाल जाताहै ,,, अतुल्य भारत ,,, आश्चर्यजनक भारत...विविधता में एकता
🌷 भीम संकल्प दिवस (23 सितम्बर 1917) 🌷बाबा साहेब अम्बेडकर जी ने बडौदा रेलवे स्टेशन के पास पार्क में एक पेड के नीचे बैठकर मन में एक संकल्प लिया :- "आज के बाद मै अपना सारा जीवन इस सामाजिक भेदभाव को मिटाने तथा अपने समाज को मानवीय अधिकार दिलाने में लगा दूंगा, और यद
अशिमाचटर्जी : आजभी देश में कई जगह ऐसी हैं जहाँ पर लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता है । अगरहम सन् 1920 और 1930कीबात करें तो उस समय लड़कियों क
भारतीय सिनेमा जगत के सुनहरी पर्दे पर 1983 में एक सुपर स्टार्स फिल्म आई थी “जानेभी दो यारों" । एनएफ़डीसी द्वारा निर्मित इस फिल्म को ‘कुन्दन शाह’ द्वारा निर्देशितकिया गया है, जिसमें उस जमाने में व्याप्त भ्रष्टाचार सम्बन्धी बात किया गया है । मीडिया, राजनीति , उच्चाधिकारि
आजदुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google का 19वां जन्मदिन है । Google ने इस मौके पर एक सरप्राइजस्पिनर लॉन्च किया है जिसे उसके होमपेज पर डूडल को क्लिक करके एक्टिवेट किया जासकता है । इसे घुमाने पर यह आपको पुराने डूडल्स से रूबरू कराएगा । आजसे ठीक, 19 साल पहले (27 सित
रावण का पश्चाताप : हे प्रभु राम, आजके समय में भी स्त्री के अपहरण का दंड आपके भारतवर्ष में दस वर्षों से अधिक काकारावास नहीं है । मुझे अपने अपराध का कितना और कब तक दंड देते रहेंगे... आपकेभारतवासी !!! यह सत्य है कि मेरी बहन शूर्पणखा के अ
अहिंसावो मुख्य तत्व है जिसने सम्पूर्ण मानवता को प्रेम और आत्मशुद्धी की सहायता से कठिन से कठिनसंकटों में सफलता पाने का संदेश दिया है।अहिंसाको हिंदू, बौद्ध,व कुछ अन्य धर्मों में मानवीय क्रियाओं का आधार माना गया है ।अहिंसा की शिक्षा तो भारतीय संस्कृति की पहचान है ।उपनिषद
आज (2 अक्टूबर) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी औरपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है । 2अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदासकरमचंद गांधी आगे चलकर भारतवासियों के लिए ‘बापू’ बन गए । वहीं ठीक 35 साल बाद, मुगलसराय में शास्त्री ने जन्म लि
जाति (caste) और उसमें भी क्रमिकऊँच-नीच के वर्ण !!! एक ईश्वर की संतान होने के बावजूद, भारतीय समाज में कुछ विशेषजाति के लोग तो विशेष काम ही कर सकते है अथवा कुछ विशेष कामों पर कुछ विशेष जातिका ही हक है अथवा कुछ काम विशेष विशेष जाति के द्वारा ही किए जाने चाहिए और दूसरेनही
आज गूगल सर्च इंजिन के मुख-पृष्ठपर प्रसिद्ध गायिका ‘ बेगम अख्तर ’, जिनका आज 7 अक्टूबर को जन्म दिवस है, को “डूडल”के रुप मे प्रदर्शित करते हुए सम्मान प्रदर्शित किया गया है । आइए... इस अवसर पर उनकेबारे में कुछ जानकारी हासिल करते है ।
इन दिनों हर जगह फिल्म ‘न्यूटन’की ही चर्चा है क्योंकि ये फिल्म इस साल भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजी जा रही है। इस फिल्म में राजकुमारराव के साथ पंकज त्रिपाठी भी मुख्य भूमिका में है । राजकुमारराव और पंकज त्रिपाठी की ये ऑस्कर में भेजी जा रही पहली फिल्म है । इस फिल्म में
हिन्दूधर्म में व्रत -त्यौहारों की महिमा एवं महत्त्व अत्यधिक है । आज (8अक्टूबर) सुहागिनोंका त्यौहार करवा चौथ है । करवा चौथ का व्रत कार्तिक मासके कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है । अपने पति की लंबी आयु के लिएमहिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और अपने चंद्रम
कक्षा मेंशिक्षक ने पूछा : "गांव और शहर में क्या अन्तर है ... ???"एक बालक नें बहुत सुन्दर उत्तर दिया: " इतना ही अन्तर है कि गांव में कुत्ते आवारा घूमते हैं और गौ माता पालीजाती है ... और शहर में कुत्ता पाला जाताहै और गौ माता आवारा घूमती
दीपावली दीपों का पर्व है… उजाले का पर्व है… बुराई परअच्छाई की जीत को मनाने का पर्व है… सच ही कहा गया है –“दीपों की अगणित अवली से, अन्धकारका हुआ नाश ।” बच्चोंने फुलझड़ियाँ छोडीं, चारों ओर हुआ प्रकाश ॥”हमारा देश भारत त्योहारों का देश है. यहाँ वर्ष भर कोई-न-कोई त्यौहारआ
आज दिनांक 21 अक्टूबर को आपने गूगल सर्च इंजिन के साथ जुड़ाचित्र देखा होगा, जिसमें एक ‘ सर्वेक्षर ’ को पहाड़ियों के बीच खड़ा हुआ दिखाया गया है । जी हाँ, आज एक सामान्य गाँव के आदमी की, कठिन परिश्रम वाली शौर्यग
'न को हिन्दू, न को मुसलमान । हम केवल एक इंसान हैं ।' 'एक पिता एकस के हम बारिक' कार्तिक पूर्णिमा को संसार में एक महापुरुष काआविर्भाव हुआ । इस ज्योति पुरुष और सिख धर्म के प्रथम गुरु नानकदेवजी के नाम सेजाना गया । श्री गुरु नानक का मिशन मानवतावादी मिशन था । उनका चिंतन धर्म के सत्य, शाश्वत मूल्यों का म
मेले और त्यौहार भारतीय लोक संस्कृतिकी अनूठी पहचान रही है । ग्रामीण अंचलों में तो मेलों का पौराणिक और आर्थिकमहत्त्व कुछ अधिक ही होता है । गुजरात राज्य में आयोजित सबसे बड़े ग्रामीण मेलों मेंसे “वौठा मेले” की एक अनूठी ही पहचान है । इस मेले के बारे में सबसे महत्वपूर्ण तथ्ययह है कि यह गुजरात में एकमात्र
हिरोतुगू अकेइक एक फेमस जापानी गणितज्ञ थे। इन्हे सांख्यिकी में अपने योगदान के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इस ही कारण से गूगल ने अपना डूडल इन्हे समर्पित किया है । डूडल द्वारा गूगल ने इनके योगदान को पुरे वर्ल्ड तक पहुंचने का सफल प्
, मशहूर कत्थक नृत्यांगना सितारा देवी को आज दिनांक 08.11.2017(बुधवार) को गूगल ने 'डूडल' बनाकर ‘कत्थक क्वीन’ सितारा देवी के 97वें जन्मदिवस परउनको सम्मान दिया है । कत्थक नृत्यांगना के रूप में जानी जाने वाली सितारा देवीकिसी परिचय की मोहताज नहीं है । उन्होंने सफलता का जो शिखर हासिल किया था, वहां तक पहुंच
....वो पुरानी यादें .... ??? Er Bairwa N R - वर्ष 2016 की विदाई ....
आजादीके बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्म-जंयती को“ बाल-दिवस ” के रूप में मनाया जाता है । इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है । भारत के अलावाबाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जात
आपको याद होगा कि पहले कागजों याफाइलों को आपस में नत्थी (बांधने) करने के लिए सूआ से उनमें छेद किया जाता था फिरकिसी मोटे धागे से उन्हें नत्थी किया जाता था । भारत में फाइलिंग का यह बड़ा हीकठिन और असुरक्षित काम था । देखते ही देखते होल पंच (Hole punch) हमारी स्टेशनरीमें
‘गूगल डूडल’ ये गूगल की एक सेवा हैजिसके द्वारा ये पूरी दुनिया को कुछ ऐसी चीज, लोगों, अविष्कारों के बारे में बताता है, जो उस दिन सेसम्बंधित और महत्वपूर्ण हो । आज 15 नवम्बर 2017 को गूगल ने अपने डूडल में कार्नेलिया सोराबजी को जगह दी है ।कार्नेलिया सोराबजी जी एक वकील थी
झारखण्ड यानी'झार' या 'झाड़'जो स्थानीय रूप में वन का पर्याय है और 'खण्ड' यानीटुकड़े से मिलकर बना है। अपने नाम के अनुरुप यह मूलतः एक वन प्रदेश है जो झारखण्ड आंदोलन के फलस्वरूप सृजित हुआ । प्रचुरमात्रा में खनिज की उपलबध्ता के कारण इसे भा
सिनेमाजगत के पितामह और 40 से भी ज्यादा फिल्मों का निर्देशन कर चुकेमशहूर निर्माता और अभिनेता वी शांताराम का आज 116वांजन्मदिवस है । गूगल ने आज अपना डूडल वी. शांताराम कोसमर्पित किया है। शांताराम का नाम फिल
गूगल ‘ डूडल ’ ये गूगल की एक सेवाहै जिसके द्वारा ये पूरी दुनिया को कुछ ऐसी चीज, लोगों,अविष्कारों के बारे में बताता है जो उस दिन से सम्बंधित हो औरमहत्वपूर्ण हो । अगर आज (22 न
आपको शायद याद हो, 25 नवम्बर को महिला ओं केविरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है ।यह दिन गैर-सरकारी संगठनों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सरकार
समस्त भारतीय परिवार को संविधान-दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाइयाँ ....
विश्व मानव अधिकार दिवस (10 दिसम्बर) भगवान ने इंसान को इंसान बनाते समय कोई फर्क नहीं रखा लेकिन इंसान ने खुद अपने लिए कई सीमाएं, बाधाएं और वर्ग बना लिए । नतीजन आज विश्व में इंसानियत के बीच एक बहुत बड़ी दरा
*आकस्मिकघटना संकेत **जरूर पढे और शेयर भी करे *घटनाक्रम संख्या - 1 : तीन दोस्तों का कार में एक्सीडेंट हो गया । एक अजनबी मौके पर पंहुचा । … वो सहायता करना चाहता था । लेकिन उसके पास फोन नहीं था ।कार में 6 स्मार्टफोनमिले लेकिन सभी पर स्क्रीनलॉक था और समय पर मदद और परिजन
नोबेल पुरस्कार विजेता स्पेनिश कवि पाब्लो नेरुदा की कविता “You Start Dying Slowly” का हिन्दीअनुवाद... 1) * आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं,अगर आप :*- करते नहीं कोई यात्रा,- पढ़ते नहीं कोई किताब,- सुनते नहीं जीवन की ध्वनियाँ,- करते नहीं किसी की तारीफ़ । 2) * आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं,जब आप :*- मार डाल
24 दिसम्बर 2017 को मोहम्मदरफी जी के 93वें जन्मदिवस पर गूगल ने उन्हें सम्मानित करतेहुए उनकी याद में डूडल बनाकर उनके गीतों को और उनकी यादों को समर्पित किया |इस डूडल को मुम्बई के चित्रकार साजिद शेख द्वारा बनाया गया ।मोहम्मद रफ़ी (24 दिसम्बर 1924-31जुलाई 1980) जिन्हें दु
आज गूगल के सर्च-इंजिन पर महान शायर मिर्जा “ग़ालिब” को विशेष रूप से सम्मानित करने के लिए उनके 220वें जन्म-दिवस(27दिसम्बर) पर ‘डूडल’ बनाकर प्रदर्शितकिया है । मिर्ज़ा असद -उल्लाह बेग ख़ां उर्फ“ग़ालिब” (27 दि
महानहस्तियों को उनके जन्मदिन पर सम्मानित करने की कड़ी में आज दिनांक 29.12.2017 के दिनगूगल ने एक ऐसे शख्स का डूडल बनाया है, जिसने अपने फील्ड में अपनेहुनर का लोहा मनवाया है । जी हाँ, यह सम्मान कन्नड़ कवि और लेख क कुप्पाली वेंकटप्पा
हालांकि क्रिसमस से एक हफ्ते से पहले ही गूगल ‘डूडल’ त्योहारों के मूड में आ गया था । गूगल ने 18 दिसम्बर(सोमवार) को इंटरैक्टिव ‘डूडल’ की एकश्रृंखला के साथ “वैश्विक उत्सव” के मौसम की शुरुआत की घोषणा की गई ।ht
प्रंशसा चाहे कितनी भी करो…, किन्तु अपमानबहुत ही सोच-समझकर करना चहिये ;क्योंकि अपमानवो ऋण है, जो हर कोई अवसर मिलने पर ब्याज सहित चुकाता अवश्य है ।
आज के समय में ‘ओशो’ द्वारा धर्म के सम्बंध में काही गई बातें कितनी सटीक और विचारणीय है, एक बार गौर से पढिए... ...धर्मों के कारण ही,धर्मों का विवाद इतना है, धर्मों की एक दूसरे के साथ इतनी छीना-झपटीहै । धर्मों का एक दूसरे के प्रति विद
नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित भारतीय वै ज्ञान िक हर गोविंद खुराना का आज मंगलवार 9 जनवरी को 96वांजन्मदिन है । इस दिन गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है । डॉक्टर हर गोविंदखुराना को 1968 में फिजियोलॉजी में नोबल पुरस्कार सेसम्मानित किया गया था । इसके अलावा
"आसानहै एक मर्द की तलाश जो तुम्हें प्यार करे,बस, तुमईमानदार रहो कि एक औरत के रूप में तुम चाहती क्या हो ।उसे सब सौंपदो,वह सब जोतुम्हें औरत बनाती है ।बड़े बालोंकी ख़ुशबू,स्तनों केबीच की कस्तूरी,और तुम्हारीवो सब स्त्री भूख ।" कमला दास ने जब ये कविता लिखी थी तो उन्होंन
उन संस्थाओं का पतन सुनिश्चितहो जाता है, जहाँ काम करने वालों की जगह कान भरने वालों की कद्र होने लगती है ।
सर्चइंजन दिग्गज गूगल नेबुधवार को अपने होम पेज पर एक रंग-बिरंगा डूडल बनाया है । इस गूगल डूडल को “पाईडे” की 30वीं ऐनिवर्सरी कोसेलिब्रेट करने के लिए बनाया है । गूगल ने अपने डूडल में पेस्ट्री, बटर, सेब और संतरे के छिलकों का इस्तेमाल किया है ।
‘शहनाई’ का जादू आज भी बरकरार है और समान्यतः हरशुभ अवसर पर उसको बजाया जाता है । 21 मार्च के दिन, उस्तादबिस्मिल्लाह खान को उनके 102वें जन्मदिन पर गूगल ने ‘डूडल’ बनाकर यादकिया गया ।सर्च इंजन गूगल ने डूडल
सर्च-इंजिन गूगल हमेशा से ही नए-नए ‘डूडल’ बनाकर, नई-नई जानकारियाँ प्रदान करता रहता है । आजके गूगल ‘डूडल’ ने जियोकेमीस्टकत्सुस्को सरुहशी (Katsuko Saruhashi) के 98वें जन्मदिन को समर्पित किया है । वर्ष 1920 मेंटोक्यो में जन्मी, जापानी वै
वर्ष 2018 के “विश्वजल दिवस” उत्सव के लिए विषय "जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान"होगा ।‘जलसंकट आर्थिक विकास व स्थायित्व के लियेबड़ा खतरा है और जलवायु परिवर्तन समस्या को और बढ़ा रहा है ।’ (जिम योंग किम, अध्यक्ष-विश्व बैंक)“पानी पूरी प्
वर्तमान समय में विकास के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चरबढ़ाने की महत्त्वता को कोई नकार नहीं सकता है । चाहे नई बिल्डिंग बनानी हो या मेट्रोका पुल, आज हर जगह विकास कार्य के लिए सबसे ज्यादा बलि का यदि कोई भोग बनाता है, तो वह है पेड़... । वैसे तो
ज्योतिराव गोविंदराव फुले (जन्म-11अप्रैल 1827, मृत्यु-28नवम्बर 1890)19वींसदी के एक महान भारतीय विचारक,समाजसेवी, लेख क, दार्शनिकतथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे । इन्हें ' महात्मा फुले' एवं'ज्योतिबाफुले' केनाम से भी जाना जाता है । सितम्बर 1873 में इन्होने महाराष्ट्र
‘ गूगल ’ के होमपेज पर भारत में आज दिनांक 11.04.2018 (बुधवार) के दिन, फिर से गूगल ‘ डूडल ’ दिख रहा है । आज ‘गूगल’ ने अपने जाने-पहचाने और अनोखे अंदाज़ में देश के जाने-माने सिंगर और ऐक्टर कुंदन लाल सहगल को उनके 114वें जन्मदिन पर याद किया है । के एल सहगल के नाम से
जम्मू-कश्मीरके कठुआ और उत्तर-प्रदेश के उन्नाव की वहसी घटनाएँ जब से प्रिंट/मीडिया और समाचार पत्रों में नित नए रूप में आ रही है तथा अनेक खुलासे हो रहे है, तबसे अधिकतर बुरे विचारों ने ही मन को घेर लिया है और सोचने के लिए विवश है कि, अपने साथ यदि ऐसा हो जाए तो क्या
‘ पृथ्वी दिवस '>अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस (22 अप्रेल)’ का जन्म एक एनवायरमेंटल टीच-इन (Teach-in) के रूप में हुआ था । इसका मुख्य कारण 1969 सांता बारबरा तेल रिसाव (1969 Santa Barbara oil spill) की रोंगटे खड़े कर देने वाली त्रासदी रही है । टीच-इन में जनहित के ज्वलंत
...चर्चास्पद यौन उत्पीडनऔर बलात्कार मामले की पैरवी के लिए आसाराम के पक्ष में देश के 14 बड़े वकीलों कापैनल खड़ा था और उस बच्ची के पक्ष में सिर्फ़ एक सरकारी वक़ील और एक सरकारी जाँचअधिकारी । ....लेकिन एक सरकारी वक़ील नेसरकारी जाँच अधिकारी
साल दर साल गूगल ने अपने डूडल के साथ कई तरह के प्रयोग करताआ रहा हैं । एनिमेशन, म्यूजिक, गेम्स जैसेफीचर डालकर डूडल को दर्शकों के लिए आए दिन किसी खास शख्स के लिए डूडल बनकर उन्
'मुझे नहीं पता मैं कहाँ से अस्तित्व में आई ? मुझमें समझदारी कहाँ से आई, किसने मेरा रास्ता तैयार किया ? हर दिन एक नया दिन, किसी भी घंटे का कुछ पता नहीं.यही अज्ञात क्षण निश्चित दिनों में बदल जाते हैं । मैंने बाद में महसूस किया किमैं क्या थी । और पांच साल की उम्र में मे
जैसेही माँ को पुकारा जाता है हमारी आखो में एक अलग ही चमक देखने को मिलती है । माँशब्द में असीम प्यार छुपा हुआ है । माँ को अनेक शब्द माँ, अम्मा,मम्मी, ममा, आई, माता, माई जैसे रूपों में पुकारा जाता है । माँ शब्दअपने आप में पूर्ण है
आज से लगभग 400 वर्ष पहले के वक्त की कल्पना कीजिए, तब किसी ने दुनिया का मुकम्मल नक्शा नहीं बनाया था । उस समय पृथ्वी की भोगोलिक स्थिति को समझा पाना कितना कठिन होता होगा ? ... और यह मुश्किल काम करने वाले थे अब्राहम ऑर्टेलियस । जी हाँ, आज के दिन सर्च इंजन ‘गूगल’ ने अपन
आतंकवाद सम्पूर्ण विश्व की सबसे बडी समस्या है, इससे निपटने के लिए दुनिया के लगभग सभी देश प्रयासरत है और इसको जड से खत्म करने के लिए दिनों
“हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया..” आपने यह गाना तो जरूर ही सुना होगा, लेकिन हकीकत यही है कि यूं धुआं उड़ाने से फिक्र नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी के बेशकीमती लम्हें ही उड़ते चले जाते हैं । तम्बाकू धूम्रपान से होने वाले नुकसान से शायद
....खिलने से पहले ही मुरझाता बचपन,येशोषित ये कुंठित ये अभिशप्त बचपन....आजके समाज मे बच्चों की स्थिति का अनुमान लगाने के लिए उपरोक्त दो लाइनें ही काफी है। हो सकता है कि बड़े या मध्यम वर्गीय परिवार में रहने वाले बच्चों की स्थिति आपकोसही लग
हर साल 5 जून को ’विश्व पर्यावरण दिवस’ ( World Environment Day) मनाया जाता है । यह दिन पर्यावरण के ज्वलंत मुद्दों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने और इस दिशा में उचित कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का प्रमुख साधन है ।इतिहास
‘गूगल’ ने आज फिर डूडलबनाया है । भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार गौहर जान की 145वीं सालगिरह के मौके पर खास ‘गूगल’ डूडल बनाकर उन्हेंश्रद्धांजलि दी गई है । गौहर जान भारत की उन महान हस्तियों में से एक थीं, जिन्होंनेन सिर्फ भारतीय संगीत को नई बुलंदियों पर पहुंचाया, बल्कि
भारत के महान सांख्यिकीविद और वैज्ञानिक प्रशांत चंद्र महालनोबिस की आज 125वीं जयंति (29 जून) के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है । सांख्यिकी की फील्ड में अपने योगदान के चलते प्रशांत चंद्र महालनोबिस आज भी याद किए जाते है । महालनोबिस का जन्मदिवस 29 जून सांख्य
‘गूगल’ ने आज 01 अगस्त (मंगलवार) को अपने नवीनतम “गूगल-डूडल” के रूप में पौराणिक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, गायिका और कवियित्री, छद्म नाम "नाज़" अर्थात मीना कुमारी, जिन्हें जिन्हें “द ट्रेजडी क्वीन” के नाम से भीजाना जाता है; को उनकी 85वीं जन्म-जयंती पर समर्पित किया है । 1 अ
40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले श्री राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने सरकार का नेतृत्व किया है। उनकी माँ श्रीमती इंदिरा गांधी 1966 में जब पहली ब
आजादी से पूर्व और विभाजन के दौर की सबसेप्रतिष्ठित लेखकों में से एक लेखिका इस्मत चुगताई को, आज 107वीं जयंती पर गूगलने ‘डूडल’ बनाकर अनौखे अंदाज में याद किया है । उनका जन्म 21 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेशके बदायूं में हुआ था और मृत्यु 24 अक्टूबर 1991 को मुंबई में हुई थी ।
एक बेटी इतनी बड़ी हो सकती है की वह आपकी गोद में ना समाये, पर वह इतनी बड़ी कभी नहीं होती की आपके दिल में ना समा सके । एक बेटी, अतीत की खुशनुमा यादें होती है, वर्तमान पलों का आनंद और भविष्य की आशा और उम्मीद होती है । “अज्ञात” एक बेटी को जन्
‘गूगल’ने आज प्रसिद्ध क्रिकेटर सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन के 110वें जन्मदिवस पर उन्हें ‘डूडल’ द्वारा सम्मानित किया है । ब्रैडमैन का जन्म 27 अगस्त, 1908 को ऑस्ट्रेलिया में हुआ था औरउनका नाम अब तक के महान बल्
(1) एक इलेक्ट्रिशियन : जो ऐसे दो व्यक्तियों के बीचकनेक्शन कर सके, जिनकी आपस में बातचीत बन्द हो ।(2) एक ऑप्टिशियन : जो लोगों की दृष्टि के साथदृष्टिकोण में भी सुधार कर सके ।(3) एक चित्रकार : जो हर व्यक्ति के चेहरे परमुस्कान की रेखा खींच स
ओस्कर श्लेमर (4 सितम्बर 1888 -13 अप्रैल 1943), बोहौस स्कूल से जुड़े एक जर्मन चित्रकार, मूर्तिकार, डिजाइनर और कोरियोग्राफर थे । ऑस्कर का जन्म 4 सितम्बर 1888 में हुआ था । आज 'गूगल' इस मशहूर जर्मन चित्रकार, मूर्तिकार, डिजाइनर और कोरियोग्राफर ‘ओस्कर श्लेमर’ की 130वीं जयंत
“ एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है, जो खुद जलकर दूसरों के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य करता है ।"शिक्षण सबसे महान व्यवसायों में से एक है और यह एक ऐसा कार्य है, जो न केवल बच्चे को विभिन्न विषयों और ज्ञानक्षेत्र के बारे में विस्तृत
“बिना राष्ट्रभाषा के तो कोई भी देश गूंगा है । राष्ट्र की अस्मिता की पहचान ही राष्ट्रभाषा से होती है । बगैर इसके सम्पूर्ण देश और देशवासियों की उन्नति सम्भव नहीं है ।अंग्रेजी भाषा की बढ़ती मांग और हिन्दी का वजूद बनाए रखने के लिए हर साल देशभर में 14 सितम्बर को हिन्दी दिव
इंजीनियर वह व्यक्ति है, जोविज्ञान के मूलभूत ज्ञान का प्रयोग समाज एवं देश हित के लिए करता है । भारतरत्न सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया (एम. विश्वेश्वरैया) एकप्रख्यात इंजीनियर और राजनेता थे । उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण मेंमहत्वपूर्ण भू
इंसान की नजर में, इस दुनिया में व्यवहारिक रूप में, सबसे छोटी उम्र अवधि किसकी है ? आप कहेंगे अमीबा, वाइरस, की... ! जी नहीं, श्रीमानजी !! इस दुनिया में सबसे छोटी उम्र है सुख की । क्योंकि आनंद को मातम में बदलने में कुछ भी समय नहीं लगता है
मानवता ही नैतिकता का आधार है । सभी नैतिक मूल्य सत्य अहिंसाप्रेम सेवा शांति करुणा इत्यादि गुणों का मूल “मानवता” ही है । ‘मानवता’ हीनैतिकता का आधार है, जैसे कोई निर्धन, असहाय, बीमार व्यक्ति भूखा है; वहां दया सेपूरित होकर कोई सेवा करता है, भूखे को भोजन कराता है; तो
पापा के पाँव में चोट लगी थी.. कुछ दिनों से वे वैसे ही लंगडाकर चल रहे थे.. मैं भी छोटा था और तय समय पर, काफी कोशिशों के बाद भी, हमारे घर के *गणेश विसर्जन* के लिए किसी गाड़ी की व्यवस्था भी न हो सकी.. पापा ने अचानक ही पहली मंजिल पर रहने वाले जावेद भाई को आवाज लगा दी.. *
आजकल के समय में हर व्यक्ति किसी नाकिसी परेशानी से घिरा हुआ है, पैसे और चकाचौंध के बीच ऐसा लगता है मानोखुशी तो कहीं गुम हो गई है । इन सबके बावजूद हर व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ समयऐसा जरूर निकालना चाहिए जिससे वो दूसरे देश या जगह का पर्यटन करे और खुशियों को फिर से गले
इंसान की हमेशा से ही कुछ नया जानने कीइच्छा रही है और अक्सर बहुत बार दुनिया से बाहर भी एलियन के होने की भी बातें काहीजाती है । हर कोई यह जानना चाहता है कि, बाहर कि दुनिया में भी लोगरहते है; जिनका हमें कुछ पता नहीं है । यदि पृथ्वी के बाहरजीवन है, तो उसकी खोज कैसे हो ? उ
आजगूगल ने स्पेनिश पेंटर बार्तोंलोम एस्टेबान मुरिलो (Bartolomé EstebanMurillo) का ‘गूगल-डूडल’बनाकर उन्हें विशेष रूप से याद किया है । ‘गूगल’ उनकी 400 वाँ जन्मदिन मना रहा है । ‘गूगल’ ने खास अंदाज में मुरिलोको याद किया है । ‘डूडल’ में मुरिलो कीप्रतिष्ठित पेंटिंग्स में से
स्टीव इर्विन, इसनाम को सुनकर पहचानने में भले ही आपको कुछ वक्त लगे लेकिन तस्वीर देखते ही आपउन्हें पहचान गए होंगे ।क्रोकोडाइल हंटर के नाम से मशहूर इर्विन अब हमारे बीच नहीं लेकिन मगरमच्छों के साथउनकी उठा-पटक और उनके द्वारा दी जाने वाली रोचक जानकारी हम सभी के जहन में कहीं
नफरत का जवाब हमेशा नफरत नहीं हो सकताहै, वक्त-वक्त पर बहुत से लोगों ने इस बात को साबित किया है । आज हम आपकोएक महान रशियन गणितज्ञ की कहानी बता रहे हैं, जिनके पिताकी नफरत की वजह से हत्या कर दी गई और उनके परिवार को तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ी। ...बावजूद आज वह पूरी दुनिया
8 मार्च को आप भीअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की तैयारियों में लगे होंगे ।अब तक कुछ लोगों को मैसेज भी भेज दिया होगा और कुछ बहुत ख़ास लोगों को फ़ोन करकेबधाई भी दे दी होगी ।लेकिन क्या आप ये जानते हैं किअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है और ये मनाना कब शुरू हु
20जुलाई से ठीक 50 साल पहले नील आर्मस्ट्रांग,माइकल कालिंस और एडविन एल्ड्रिन, एक रोमांचकयात्रा पर गए । उस वक्त किसी ने सोचा भी नहीं था कि जिस काम के लिए वे दोनों चाँद परजा रहे थे, उसमें सफल होंगे भी या नहीं । लेकिन आंखों मेंढेरों सपने लिए
डॉ.रेड्डी को लोग एक शिक्षक,समाज सुधारक, सर्जन और व्यवस्थापक के तौर परजानते और याद करते हैं । आज अर्थात 30 जुलाई को इनकी 133वीं जन्म-जयंतीहै । इन्होंने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर काम किया था । साथ ही लिंग-भेदके लिए भी लड़ाई लड़ी ।
विक्रम अंबालालसाराभाई भारत के प्रमुख वैज्ञानिक थे । इन्होंने 86 वैज्ञानिक शोध पत्र लिखे एवं 40संस्थान खोले । इनको विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में सन 1966 में भारतसरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था । डॉ. विक्रम साराभाई के नाम कोभारत के अंतरिक्ष कार्
(आँखो में आंसू ला दिये इस कहानी ने .......) "अरे ! भाई बुढापे का कोई ईलाज नहींहोता । अस्सी पार चुके हैं, अब बस सेवा कीजिये ।" डाक्टर पिताजी कोदेखते हुए बोला ।"डाक्टर साहब ! कोई तो तरीका होगा, साइंस नेबहुत तरक्की कर ली है ।""शंकर बाबू ! मैं अपनी तरफ से दुआ ही करसकता हू
जी हां, कामिनी रॉय जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन ही समर्पित कर दिया था । आज 12 अक्टूबर को उनकी 155वीं जयंती है । कामिनी पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने ब्रिटिश इंडिया में ऑनर्स में ग्रेजुएशन की थी । कामिनी एक एक्टिविष्ट, शिक्षाविद् होने के साथ ही एक
रेलवे में निजीकरण होने के पर,रेलवेटिकट खिड़की पर ...ग्राहक यात्री : सर दिल्ली से लखनऊ का एक रिजर्व टिकटचाहिए । क्लर्क : ₹ 750/-ग्राहक : पर पहले तो 400/-था !!क्लर्क : सोमवार को 400/-है,मंगलबुध गुरु को 600/- शनिवार को 700/- तुम रविवार को जा रहे हो तो 750/-ग्राहक : ओह !
..... इंसानियत ही सबसे पहले धर्म है, इसके बाद ही पन्ना खोलो गीता और कुरान का......"जय हिन्द"
🙏 हार्दिक अभिवादन 🙏."माता वैरी पिता शत्रु, ये न बालो पाठति ।न शोभतेसभा मध्ये, हंस मध्ये वको यथा ।" ...बच्चों को जन्म देनाऔर उनका पालन पोषण करना ही नहीं बल्कि उन्हें अच्छी तालीम देना, सुसंस्कारितबनाना, उचित
मेरे बच्चों,सचेत रहना... बस कल ही गुड़िया मुझसे यह सवाल पूछ रही थी, 'मम्मी यौन उत्पीड़न का मतलब क्या होता है?' मैने खुद को संयत करने की कोशिश की थी। मैं अपने चेहरे पर 'जोएल' (बेटा) की आंकती हुई नज़र को महसूस कर सकती थी। वह मेरे भीतर चलते द्
(जो देश चांदतारों, मंगल पर पहुंच कर इठला रहे हैं,विज्ञान के नए-नए आविष्कार कर देश के लिए खुशियां समेट रहे हैं,उन की तुलना में हम कहां हैं ? पढ़ कर आप कीआंखें खुली की खुली रह जाएंगी ।)अधिकतरभारतीय जानते ही नहीं कि, संस्कृति है क्या ? जिसे वे अपनी संस्कृति बता रहेहैं, क
: संविधान की प्रस्तावना : हम भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी , धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचा
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जंगल के राजा ‘शेर’ का सभा कक्ष .... मंत्री (सियार) : महाराज शहरों में आतंकमचाने के उपरांत ‘कोरोना’ नामक वायरस ने जंगल में भी अपने तम्बू गाड़ दिये है ।राजा (शेर) : इसका क्या प्रमाण है आपकेपास मंत्रीजी ! यह कोरी अपवाह है. मुझे नहीं लगता कि जंगल का कोई प्राणी, उन पथरीले औ
एकतामें बड़ी शक्ति होती हैं । वह परिवार, समाज, देशबहुत ज्यादा तरक्की करता हैं जहाँ एकता होती हैं. एकता हमें एक दूसरे का मान-सम्मानकरना सिखाती हैं । एकता हमें बुराइयों के खिलाफ़ लड़ने की ताकत देती हैं । एकता हीमानव जाति की पहचान हैं ।‘कौमी एकता’ मुख्यतः राष्ट्रीय एकता की
पर्यावरण की सुरक्षा औरसंरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए पूरे विश्व में 5 जून को “विश्व पर्यावरणदिवस” के रूप में मनाया जाता है । इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्तराष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972में की थी । इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वार
<p>पद्म पुरस्कार इस सप्ताह राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा लोगों को उनकी असाधारण और विशिष्ट सेवा के