आज
दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google का 19वां जन्मदिन है । Google ने इस मौके पर एक सरप्राइज
स्पिनर लॉन्च किया है जिसे उसके होमपेज पर डूडल को क्लिक करके एक्टिवेट किया जा
सकता है । इसे घुमाने पर यह आपको पुराने डूडल्स से रूबरू कराएगा ।
आज
से ठीक, 19 साल पहले (27 सितंबर, 1998) को लैरी पेज और सर्जी बिन ने एक
गैराज में गूगल की नींव रखी थी । दोनों तब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर
रहे थे । तब दोनों संस्थापकों को भी
अंदाजा नहीं था कि उनका यह प्रोडक्ट एक दिन दुनिया के बाकी प्रोडक्ट्स के लिए
गेट-वे की तरह काम करेगा । Google अंग्रेज़ी के
शब्द “Googol” की गलत वर्तनी है, जिसका मतलब है− वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों । गूगल अपनी सर्च
इंजन की सुविधा के लिए भारी-भरकम रकम खर्च करता है । हर वेबसाइट का ये लक्ष्य
होता है कि यूजर उसपर ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजारे, मगर
गूगल चाहता है कि उसके पेज से लोग जल्द से जल्द चले जाएं । Google के वर्कस्पेस को दुनिया के सबसे अच्छे वर्कप्लेसेज में से गिना जाता है
।
1998
में, लैरी और सर्जी ने Google के दूसरे O के पीछे द बर्निंग मैन को खड़ा कर दिया
था । यह इस बात का संदेश का था कि दोनों
ऑफिस से बाहर हैं । इसी के साथ पहले गूगल डूडल का जन्म हुआ था । इसके बाद कंपनी ने फैसला किया कि सांस्कृतिक
महत्व के पलों की यादगार के तौर पर उन्हें Google के लोगो को सजाना चाहिए । जल्द ही गूगल होमपेज पर किए जाने वाले परिवर्तन
यूजर्स को भी भाने लगे । 1998 में ही, थैंक्सगिविंग
के दिन Google होमपेज पर एक टर्की जोड़ी गई
और हैलोवीन पर दो O की जगह दो कद्दू बनाए गए ।
नई
शताब्दी में Google ने डूडल्स पर और ध्यान देना शुरू किए । कई ग्राफिक डिजाइनर्स, एनिमेटर्स और आर्टिस्ट्स को साथ में लेकर गूगल ने एक ऐसी परंपरा की नींव
डाली जो 19 साल से अब तक जारी है । गूगल के अमेरिका ऑफिस में
काम करने वालों की मृत्यु के पश्चात उनके परिवार को उसके वेतन का 50 फीसदी हिस्सा अगले 10 सालों तक मिलता रहता है ।
गूगल
के जरिए हर दिन तीन बिलियन से ज्यादा सर्च होती हैं । हालांकि गूगल पूरे वर्ल्ड
वाइड वेब को इंडेक्स नहीं करता, मगर अधिकतर इंटरनेट यूजर्स के लिए यह ‘इंटरनेट का
प्रवेश द्वार है ।
दो लड़कों के
कॉलेज प्रोजेक्ट से शुरू हुआ ये प्रोग्राम पहले दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन बना
और फिर इस ग्रह की सबसे बड़ी और शक्तिशाली कंपनियों में से एक । लैरी पेज और सर्गे
ब्रिन ने गूगल को पहले ‘बैकरब’ नाम दिया था । 1999 में वो इसे 1 मिलियन डॉलर में बेचना चाहते थे मगर तक बात बनी नहीं । उस दौर में कई
स्थापित उद्योगपति इस बात को मान ही नहीं पा रहे थे कि लोग इंटरनेट पर जाकर अपने
रोज़मर्रा के काम की कोई बात तलाश करेंगे ।
आज
600 बिलियन डॉलर की
हैसियत वाली इस कंपनी को शुरुआत में कोई 1 मिलियन में भी
नहीं खरीदना चाहता था । 2010 से आज की तारीख तक हर हफ्ते एक
नई कंपनी खरीदने का रिकॉर्ड गूगल के पास है । ये इकलौती ऐसी कंपनी है दिसके
प्राइवेट जहाज नासा के रनवे पर उतर सकते हैं । गूगल का दफ्तर दुनिया में सबसे कूल
वर्क प्लेस माना जाता है । जहां लॉन की घास काटने के लिए बकरियां हैं और दफ्तर की
हर सीट से 150 फुट के अंदर खाने का काउंटर होना निश्चित है ।
गूगल ने अपने 19वें जन्मदिन पर बड़ा मजेदार डूडल बनाया है । लोग इसे अभी तक का सबसे मजेदार डूडल भी कह रहे हैं । इसमें एक पहिया है जिसे घुमाने पर आपको हर बार एक नया गेम खेल ने को मिलेगा । आप भी ये गेम खेल कर देखिए । वैसे आपको बता दें कि किसी जमाने में गूगल शब्द का मतलब होता था ‘एक के पीछे सौ ज़ीरो’ । अब तो ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी भी गूगल करने को क्रिया और संज्ञा दोनों मान चुकी है ।
https://youtu.be/0igHWcwnWqk