आजादी
के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्म-जंयती को
“ बाल-दिवस ” के रूप में मनाया जाता है । इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है । भारत के अलावा
बाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जाता है । कहा जाता है कि पंडित
नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में
चुना गया । पंडित नेहरू ने भारत की आजादी के बाद बच्चों
की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया । उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान,
अखिल भारतीय आयुर्वि ज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की
स्थापना की थी ।
नेहरु
जी बच्चों को देश के भविष्य की तरह देखते थे । नेहरु जी अपना अधिकतम समय बच्चों के
साथ बिताना पसंद करते थे, वो हमेशा बच्चों के प्रति अपना लगाव जाहिर करते थे
। भारत के आजाद होने के बाद 500 देसी रियासतों को एक झंडे के
नीचे लाने से लेकर देश के युवाओं के लिए रोजगार आदि जैसे कार्य कर आधुनिक भारत के
निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । आयोग का गठन करने के बाद पंचवर्षीय
योजनाओं का शुभारंभ किया, जिससे भारत में उद्योग का एक नया
युग शुरु हुआ । नेहरु ने भारत की विदेश नीति में भी अपनी प्रमुख भूमिका निभाई । नेहरुजी को बच्चों से खास लगाव था और इसलिए ही बच्चे
उन्हें “चाचा नेहरू” के नाम से बुलाते थे
।