उन संस्थाओं का पतन सुनिश्चित हो जाता है, जहाँ काम करने वालों की जगह कान भरने वालों की कद्र होने लगती है ।
3 फरवरी 2018
उन संस्थाओं का पतन सुनिश्चित हो जाता है, जहाँ काम करने वालों की जगह कान भरने वालों की कद्र होने लगती है ।
सच कहा , पर चलता ही यही है आज कल
4 फरवरी 2018